क्षत्रिय युवक संघ के युगपुरुष संरक्षक श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर का निधन: एक प्रेरणादायी युग का अंत

क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर का 5 जून, 2025 की रात 10:15 बजे जयपुर के एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। 1944 में सीकर में जन्मे, उन्होंने 1963 में संघ से जुड़कर समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1989 में संघ प्रमुख बने और 500 से अधिक शिविरों में सक्रिय रहे। उनके निधन से समाज में शोक की लहर है।

Jun 6, 2025 - 00:52
क्षत्रिय युवक संघ के युगपुरुष संरक्षक श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर का निधन: एक प्रेरणादायी युग का अंत

जयपुर: राजस्थान के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक युग का अंत हुआ है। क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक और समाज के प्रेरणास्रोत श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर ने गुरुवार देर रात 10:15 बजे जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में अंतिम सांस ली। 2 फरवरी, 1944 को सीकर जिले के रोलसाहबसर गांव में जन्मे भगवान सिंह, अपने पिता मेघ सिंह और माता गोम कंवर की पांचवीं संतान थे। उनके निधन से क्षत्रिय समाज और संगठन में शोक की लहर दौड़ गई है।

जीवन यात्रा और समर्पण

श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर का जीवन समाज सेवा और संगठन के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा। 1963 में रतनगढ़ में आयोजित क्षत्रिय युवक संघ के सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ने उनके जीवन को नई दिशा दी। इस शिविर के बाद वे संघ के एक समर्पित स्वयंसेवक के रूप में कर्मशील हो गए। उनकी प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें जल्द ही जयपुर के राजपूत छात्रावास की शाखा का दायित्व सौंपा गया। इस भूमिका में उन्होंने युवाओं को संगठित करने और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक योगदान

श्री भगवान सिंह का विवाह सिवाना के ठाकुर तेज सिंह की सुपुत्री के साथ हुआ था। उनका पारिवारिक जीवन भी उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति उतना ही समर्पित रहा। अक्टूबर 1989 में उन्होंने क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख का दायित्व संभाला, जिसके बाद उन्होंने संगठन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अपने कार्यकाल में वे लगभग 500 शिविरों में शामिल हुए, जहां उन्होंने युवाओं को सामाजिक एकता, अनुशासन और नेतृत्व के गुण सिखाए। उनकी प्रेरणादायी उपस्थिति और मार्गदर्शन ने हजारों युवाओं को समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा दी।

समाज और संगठन पर प्रभाव

श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर का व्यक्तित्व न केवल क्षत्रिय युवक संघ के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के सामाजिक ताने-बाने के लिए प्रेरणास्रोत था। उनके नेतृत्व में संघ ने सामाजिक सुधार, शिक्षा, और युवा सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए। उनके द्वारा शुरू किए गए कई कार्यक्रम आज भी समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। चाहे वह युवाओं को संगठित करने का कार्य हो या सामाजिक जागरूकता के लिए शिविरों का आयोजन, रोलसाहबसर का योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

अंतिम दर्शन और शोक

श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर के निधन की खबर से क्षत्रिय युवक संघ और उनके अनुयायियों में शोक की लहर है। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए शुक्रवार सुबह संघ शक्ति भवन, जयपुर में रखा जाएगा, जहां लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव रोलसाहबसर, सीकर के लिए रवाना होगी, जहां पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

समाज के लिए प्रेरणा

श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर का जीवन एक ऐसी मिसाल है, जो आने वाली पीढ़ियों को समाज सेवा और समर्पण की प्रेरणा देता रहेगा। उनके निधन से क्षत्रिय युवक संघ ने न केवल अपने संरक्षक को खोया है, बल्कि एक ऐसे मार्गदर्शक को भी, जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में अमिट छाप छोड़ी। उनकी स्मृति में आयोजित होने वाले कार्यक्रम और उनके द्वारा स्थापित मूल्य संगठन और समाज को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।