बेगूं में गंदे पानी का कहर: 2 की मौत, 30 से ज्यादा बीमार, प्रशासन अलर्ट

चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं कस्बे में दूषित पेयजल की आपूर्ति ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड 25 धूलखेड़ा में पाइपलाइन लीकेज के कारण नाली का गंदा पानी नलों में पहुंच गया,

May 19, 2025 - 16:23
बेगूं में गंदे पानी का कहर: 2 की मौत, 30 से ज्यादा बीमार, प्रशासन अलर्ट

चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं कस्बे में दूषित पेयजल की आपूर्ति ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड 25 धूलखेड़ा में पाइपलाइन लीकेज के कारण नाली का गंदा पानी नलों में पहुंच गया, जिससे उल्टी-दस्त का प्रकोप फैल गया। इस हादसे में अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 30 से अधिक लोग बीमार हैं। इनमें एक वृद्ध महिला की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है।

दूषित पानी से फैला प्रकोप

धूलखेड़ा वार्ड में पिछले एक सप्ताह से पाइपलाइन में रिसाव के कारण नाली का गंदा पानी पेयजल आपूर्ति में मिल रहा था। स्थानीय लोगों को शुरुआत में उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, लेकिन जब अधिकांश घरों में लोग बीमार पड़ने लगे, तब दूषित जल की समस्या सामने आई। इस लापरवाही ने पूरे मोहल्ले को संकट में डाल दिया।

दो लोगों की मौत, एक की हालत नाजुक

16 मई को पहली मौत: 85 वर्षीय गोपीलाल पुत्र नारायणलाल धाकड़ को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद बेगूं अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें चित्तौड़गढ़ रेफर किया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।

19 मई को दूसरी मौत: 75 वर्षीय शंकरलाल पुत्र चतुर्भुज धाकड़ को भी उल्टी-दस्त के कारण चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। सोमवार सुबह उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

नाजुक हालत में वृद्ध महिला: 90 वर्षीय तुलसीबाई पत्नी चुन्नीलाल धाकड़ की हालत गंभीर बनी हुई है। वे चित्तौड़गढ़ अस्पताल में भर्ती हैं।

इसके अलावा, मोहल्ले के लगभग 30 लोग, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। इनका इलाज बेगूं उप जिला अस्पताल में चल रहा है।

प्रशासन का दौरा और कार्रवाई

सूचना मिलने पर बेगूं एसडीएम मनस्वी नरेश ने धूलखेड़ा का दौरा किया और स्थानीय लोगों से स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ नगर पालिका ईओ विष्णु यादव, बीसीएमओ डॉ. कमलेश शर्मा, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश धाकड़, पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार गुप्ता, एक्सईएन प्रमोद झालानी, और एईएन आनंद टेलर मौजूद रहे।

चिकित्सा विभाग की सक्रियता: चिकित्सा विभाग की टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। बीमारों को तत्काल उपचार उपलब्ध कराया गया।

पीएचईडी की जांच: पाइपलाइन लीकेज की जांच शुरू की गई है। अधिकारियों ने दूषित पानी की आपूर्ति रोकने और वैकल्पिक जल व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय निवासियों ने नगर पालिका और पीएचईडी की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि समय पर पाइपलाइन की मरम्मत और पानी की गुणवत्ता की जांच की गई होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

आगे की चुनौती

प्रशासन के सामने अब दूषित पानी की आपूर्ति को पूरी तरह रोकने और बीमार लोगों के उपचार की चुनौती है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पाइपलाइन की नियमित जांच और रखरखाव जरूरी है।

यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के महत्व को भी रेखांकित करती है। बेगूं में स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोग अब ठोस और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।