बाड़मेर में राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर महाविद्यालय, कोचिंग सेंटर्स और लाइब्रेरी में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित
बाड़मेर जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा और संवेदनशील भौगोलिक स्थिति के कारण जिला कलक्टर टीना डाबी ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत सभी राजकीय और गैर-राजकीय महाविद्यालयों, कोचिंग सेंटर्स, और लाइब्रेरी में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित किया है। यह आदेश 9 मई 2025 से तत्काल प्रभावी है।

बाड़मेर, 9 मई 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा और संवेदनशील भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिला कलक्टर व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष टीना डाबी ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए जिले के सभी राजकीय और गैर-राजकीय महाविद्यालयों, कोचिंग सेंटर्स, और लाइब्रेरी में आगामी आदेश तक अवकाश घोषित किया है। यह आदेश 9 मई 2025 से तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
आदेश का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
बाड़मेर जिला, जो अपनी सीमावर्ती स्थिति के कारण रणनीतिक रूप से संवेदनशील है, विशेष सतर्कता और एहतियाती उपायों की आवश्यकता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हाल के दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कुछ घटनाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है ताकि जनसुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जिला कलक्टर ने इस आदेश को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अध्याय 4, धारा 30 के तहत लागू किया है, जो आपात स्थिति में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की शक्ति प्रदान करता है।
आदेश का विवरण
जिला कलक्टर टीना डाबी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
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प्रभावित संस्थान: जिले के सभी सरकारी और निजी महाविद्यालय, कोचिंग सेंटर्स (चाहे वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हों या अन्य), और लाइब्रेरी इस आदेश के दायरे में आएंगे।
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अवकाश की अवधि: यह अवकाश आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन स्थिति की समीक्षा करने के बाद अगला निर्णय लेगा।
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कर्मचारियों की उपस्थिति: अवकाश केवल छात्रों और उपयोगकर्ताओं के लिए लागू है। सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को अपने संस्थानों में उपस्थित रहकर विभागीय कार्यों को जारी रखना होगा।
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अनुपालन: सभी संस्था प्रधानों को आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। आदेश की अवहेलना करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जनता और संस्थानों की प्रतिक्रिया
इस आदेश के बाद बाड़मेर के शैक्षणिक समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ लोग इसे सुरक्षा के लिहाज से एक आवश्यक कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ छात्र और अभिभावक अनिश्चितता के कारण चिंतित हैं। कोचिंग सेंटर्स, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण हैं, के बंद होने से छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ सकता है। हालांकि, जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय जनहित में लिया गया है और स्थिति सामान्य होने पर संस्थान जल्द से जल्द खोले जाएंगे।
प्रशासन की सतर्कता
जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही, संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने कर्मचारियों और छात्रों को इस आदेश की जानकारी तुरंत दें। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आवश्यक प्रशासनिक कार्य बिना किसी रुकावट के चलते रहें।
निष्कर्ष
बाड़मेर जिला प्रशासन का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसुरक्षा को प्राथमिकता देने का एक उदाहरण है। जिला कलक्टर टीना डाबी के नेतृत्व में प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और उचित समय पर अगले आदेश जारी किए जाएंगे। तब तक सभी नागरिकों और संस्थानों से सहयोग की अपेक्षा की जा रही है ताकि जिले में शांति और सुरक्षा बनी रहे।