बाड़मेर में ड्रोन पर सख्ती, कलेक्टर टीना डाबी ने जारी किया जमा कराने का आदेश
बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जिले में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी ड्रोन मालिकों को अपने ड्रोन जमा कराने का सख्त आदेश जारी किया है। भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट संवेदनशील क्षेत्र में ड्रोन के अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया। आदेश के तहत 15 दिनों की समय सीमा में ड्रोन जमा करने

बाड़मेर, 9 मई 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में जिला कलेक्टर टीना डाबी ने एक अभूतपूर्व और सख्त आदेश जारी करते हुए सभी ड्रोन मालिकों को अपने ड्रोन जमा कराने के निर्देश दिए हैं। यह कदम जिले में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। बाड़मेर, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट एक संवेदनशील क्षेत्र है, वहां ड्रोन के अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। टीना डाबी, जो अपनी त्वरित निर्णय क्षमता और नवाचारों के लिए जानी जाती हैं, ने इस आदेश के माध्यम से जिले में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का प्रयास किया है।
आदेश की पृष्ठभूमि और कारण
सीमावर्ती क्षेत्रों में Drones के माध्यम से अवैध गतिविधियों, जैसे तस्करी, जासूसी, और अन्य संदिग्ध कार्यों की खबरें सामने आई हैं। बाड़मेर, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ जिला है, वहां ऐसी गतिविधियों पर नजर रखना प्रशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कुछ संदिग्ध ड्रोन गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
टीना डाबी ने इस आदेश को लागू करते हुए कहा, “बाड़मेर एक संवेदनशील क्षेत्र है, और ड्रोन का अनियंत्रित उपयोग सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इस आदेश का उद्देश्य जिले में सभी ड्रोन का रिकॉर्ड तैयार करना और उनके उपयोग को नियंत्रित करना है।” यह कदम विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में उठाया गया है, जो लगातार सीमा पर निगरानी रखती हैं।
आदेश के प्रमुख बिंदु
जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
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ड्रोन जमा करने की अनिवार्यता: जिले के सभी ड्रोन मालिकों, चाहे वे व्यक्तिगत उपयोगकर्ता हों या व्यावसायिक, को अपने ड्रोन नजदीकी पुलिस स्टेशन या जिला प्रशासन के निर्दिष्ट कार्यालय में जमा कराने होंगे।
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पंजीकरण और सत्यापन: जमा किए गए ड्रोन का पंजीकरण किया जाएगा, और मालिकों को अपने ड्रोन के उपयोग का उद्देश्य, मॉडल, और अन्य विवरण प्रदान करना होगा। सत्यापन प्रक्रिया के बाद ही ड्रोन मालिकों को अनुमति दी जाएगी।
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समय सीमा: आदेश के अनुसार, ड्रोन जमा करने के लिए 15 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है। इस अवधि के बाद बिना अनुमति ड्रोन रखना या उड़ाना गैर-कानूनी माना जाएगा।
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उल्लंघन पर कार्रवाई: बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने या आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, ड्रोन की जब्ती, और कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है।
प्रशासन की रणनीति
टीना डाबी ने जिला प्रशासन और पुलिस को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
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जागरूकता अभियान: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ड्रोन मालिकों को आदेश की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पंचायतों, स्कूलों, और सार्वजनिक स्थानों पर प्रचार सामग्री वितरित की जा रही है।
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निगरानी तंत्र: जिले में ड्रोन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी टीमें गठित की गई हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है।
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सहयोग: स्थानीय समुदाय, विशेष रूप से सीमा के निकट रहने वाले ग्रामीणों, से संदिग्ध ड्रोन गतिविधियों की सूचना देने की अपील की गई है।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस आदेश को लेकर जिले में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे सुरक्षा के लिए जरूरी कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ ड्रोन उपयोगकर्ताओं, विशेष रूप से फोटोग्राफी और कृषि कार्यों में ड्रोन का उपयोग करने वालों, ने इस आदेश को अव्यवहारिक बताया है। स्थानीय ड्रोन ऑपरेटर रमेश कुमार ने कहा, “हम ड्रोन का उपयोग खेती और सर्वेक्षण के लिए करते हैं। जमा करने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।”
वहीं, सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की है। रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (सेवानिवृत्त) विनोद शर्मा ने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन का अनियंत्रित उपयोग गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
टीना डाबी की कार्यशैली
टीना डाबी, जो 2016 की यूपीएससी टॉपर रह चुकी हैं, अपनी सक्रिय और नवोन्मेषी कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। बाड़मेर में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ‘नवो बाड़मेर’ अभियान, महिला सशक्तिकरण, और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। ड्रोन जमा करने का यह आदेश उनकी त्वरित और साहसिक निर्णय लेने की क्षमता का एक और उदाहरण है।
भविष्य की योजनाएं
जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि ड्रोन उपयोग के लिए जल्द ही एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी, जिसमें लाइसेंसिंग, प्रशिक्षण, और उपयोग के नियम शामिल होंगे। इसके अलावा, ड्रोन तकनीक के सकारात्मक उपयोग, जैसे कृषि, आपदा प्रबंधन, और सर्वेक्षण, को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना है।
निष्कर्ष
टीना डाबी का ड्रोन जमा करने का आदेश बाड़मेर में सुरक्षा और प्रशासनिक सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस आदेश का सफल कार्यान्वयन प्रशासन की तैयारी, जनता के सहयोग, और संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। आने वाले दिन इस बात का खुलासा करेंगे कि यह आदेश बाड़मेर को कितना सुरक्षित और व्यवस्थित बना पाता है।