बाड़मेर में हनीट्रैप का खौफनाक जाल: टिकट मास्टर की जिंदगी पर मंडराया काला साया, धोखे की आग में जली इज्जत

बाड़मेर—रेगिस्तान का वह शहर, जहाँ कभी रेत के टीले,अपनेपन की मिशाल और लोक कथाएँ गूँजती थीं, आज क्राइम, विश्वास और धोखे की काली कहानियों का अड्डा बन चुका है। सिर्फ़ बाड़मेर ही नहीं यह हाल आसपास के जिलों में अपने पाँव पसार रहा है
बाड़मेर में एक रेलवे टिकट मास्टर की जिंदगी उस वक्त हवस और ब्लैकमेलिंग के चक्रव्यूह में फँस गई, जब हनीट्रैप के जाल ने उसकी इज्जत को नोंच डाला। दो महिलाओं, जिन्हें यहाँ रानी उर्फ राधिका और सोना उर्फ संगीता (बदले हुए नाम) के तौर पर जाना जाएगा, ने भरोसे का ऐसा खेल रचा कि न सिर्फ उसका परिवार तबाह हुआ, बल्कि पैसे और सोशल मीडिया के इस दौर में उसकी जिंदगी एक वीडियो की भेंट चढ़ गई। यह कहानी सिर्फ अपराध की नहीं, बल्कि नैतिकता, जिम्मेदारी और उस खतरनाक गिरोह की है, जो मोटी रकम के लालच में इंसानों को शिकार बनाता है। सवाल यह भी है—क्या टिकट मास्टर का भरोसा ही उसकी बर्बादी का कारण बना, या उसकी हवस ने उसे इस आग में झोंक दिया? दो बेटो का बाप करीब 50 साल की उम्र का अधेड़ व्यक्ति जो सरकारी नौकर कुछ दिनों पहले हुई पहचान वाली लड़की के बुलाने पर रात को नौ बजे क्यों रवाना हुआ जबकि उसे पता था उसके कमरे में अकेली रहती थी….
वैसे तो ऐसे मामलों में 80 प्रतिशत लोग इज्जत बचाने के लिए मोटी रकम देकर समझौता कर लेते हैं, लेकिन यहाँ कहानी ने लिया एक नया मोड़। तो तैयार हो जाइए, इस पूरी कहानी को समझने के लिए जिसकी हमने पूरी तह तक जाकर हकीकत जानी है क्योंकि यह खबर आपको झकझोर देगी और आज के सोशल मीडिया के दौर में सावधान रहने की सीख देगी।
ज्ञात रहे इस पूरी कहानी में हम इन महिलाओं का असली नाम नहीं बता रहे इन्होंने ने अपना ईमान बेच दिया लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि महिलाओं की गरिमा का ध्यान रखें
रानी उर्फ राधिका, बाड़मेर शहर में अकेले किराए के कमरे में रहने वाली एक शादीशुदा महिला, अपनी कॉस्मेटिक की दुकान चलाती थी। बच्चों की माँ होने के बावजूद उसकी जिंदगी में कुछ ऐसा था जो उसे इस काले रास्ते पर ले आया। वह दुकान का सामान लाने के लिए ट्रेन से दिल्ली आती-जाती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात रेलवे टिकट मास्टर से हुई। टिकट बुकिंग की छोटी-मोटी बातें धीरे-धीरे दोस्ती में बदल गईं। टिकट मास्टर, करीब 50 साल का एक अधेड़ व्यक्ति, शायद इसे एक सामान्य रिश्ता समझ रहा था। लेकिन यह दोस्ती एक सुनियोजित साजिश का पहला कदम थी।
कुछ दिन पहले ही राधिका ने उसे अपनी सहेली सोना उर्फ संगीता से मिलवाया। संगीता भी शादीशुदा थी, बच्चों की माँ थी और बाड़मेर में अकेले रहती थी। दोनों ने मिलकर एक ऐसा जाल बुना, जिसमें टिकट मास्टर फँसता चला गया। दो दिन पहले संगीता ने उसे चामुंडा चौराहे पर बुलाया। भरोसे के नाम पर वह वहाँ पहुँच गया। संगीता ने उसे अपनी एक्टिवा पर बिठाया और अपने कमरे पर ले गई। वहाँ कुछ देर तक हल्की-फुल्की बातें हुईं, लेकिन यह शांति तूफान से पहले की खामोशी थी।
अचानक कमरे में दो लड़के घुस आए। इसके बाद जो हुआ, वह किसी भी इंसान के लिए कल्पना से परे है। टिकट मास्टर को नंगा कर बेरहमी से पीटा गया। उसकी चीखें कमरे की दीवारों से टकराकर रह गईं। इस शर्मनाक हरकत को कैमरे में कैद कर लिया गया। फिर शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का सिलसिला। आरोपियों ने 10 लाख रुपये की माँग की और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो यह वीडियो उसकी पत्नी को भेज दिया जाएगा। साथ ही संगीता के नाम से बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज करवाकर उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने की धमकी दी। डर और शर्मिंदगी से भरे टिकट मास्टर के पास कोई रास्ता नहीं बचा। और आख़िरकार उन लड़कों ने वीडियो उसकी पत्नी के पास पहुँचा दिया जिसने उसकी दुनिया ही उजाड़ दी।
लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी टिकट मास्टर की पत्नी और बेटे ने हिम्मत दिखाई। वीडियो और ब्लैकमेलिंग से इज्जत और सामजिक ताना बानों की परवाह किए बिना अपनी नैतिकता भूल चुके एक पति की जिम्मेदार पत्नी और पिता के साहसी बेटे ने बाड़मेर पुलिस को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस तुरंत हरकत में आई। इलाके में गाड़ियों के सायरन गूँजने लगे। शायद इसी डर से संगीता और दोनों लड़के घबरा गए। उन्होंने टिकट मास्टर को गाड़ी में बिठाकर हाइवे के किनारे छोड़ दिया और फरार हो गए। इसके बाद टिकट मास्टर किसी तरह सदर थाने पहुँचा और अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और जाँच शुरू की। कुछ ही घंटों में राधिका और संगीता को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन मारपीट और वीडियो बनाने वाले दोनों लड़के अभी भी फरार हैं।
ऐसी घटनाओं में एक कड़वा सच यह है कि समाज और परिवार में इज्जत बचाने के नाम पर 80 प्रतिशत लोग मोटी रकम देकर समझौता कर लेते हैं। टिकट मास्टर के साथ हुई इस वारदात में भी उसकी पत्नी को वीडियो भेजा गया, लेकिन परिवार ने हिम्मत दिखाकर पुलिस का रुख किया। यह एक अपवाद है, क्योंकि ज्यादातर लोग बदनामी के डर से चुप रहते हैं और अपराधियों को और हौसला मिलता है। सोशल मीडिया के इस दौर में यह वीडियो अगर वायरल हो जाता, तो शायद टिकट मास्टर की जिंदगी और बर्बाद हो जाती। बाड़मेर में यह कोई नई बात नहीं है। यहाँ के लोग अब इस सवाल से जूझ रहे हैं कि आखिर उनकी शांत धरती पर यह अपराध का साया क्यों गहराता जा रहा है?
बाड़मेर में हनीट्रैप की यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ सालों में यहाँ ब्लैकमेलिंग और हनीट्रैप के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आँकड़ों पर नजर डालें तो:
2022: बाड़मेर में 3 हनीट्रैप के मामले दर्ज हुए, जिनमें से 2 में ब्लैकमेलिंग के लिए वीडियो का इस्तेमाल हुआ।
2023: 5 मामले सामने आए, जिनमें 4 में पीड़ितों से लाखों रुपये की उगाही की कोशिश हुई।
2024: साल के अंत तक 7 मामले दर्ज हुए, जिनमें ज्यादातर शादीशुदा महिलाएँ शामिल थीं।
2025 (अप्रैल तक)**: यह ताजा मामला सहित 2 घटनाएँ हो चुकी हैं।
ये सिर्फ दर्ज मामले हैं। जानकारों का मानना है कि शर्मिंदगी के डर से कई पीड़ित पुलिस तक नहीं पहुँचते, जिससे असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है। शहर तो शहर, अब गाँव भी इस ब्लैकमेलिंग और बलात्कार जैसे झूठे मामलों में फँसाने की घटनाओं से अछूते नहीं हैं। जहाँ लोगों को इसी तरह के जाल में फँसाया गया। यह ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, और यह सवाल उठता है कि क्या यह लालच और आसान पैसे की चाहत का नतीजा है, या समाज की बदलती संरचना का?
अब इस घटना से कई सवाल है बार बार जवाब माँग रहे हैं
- आखिर 50 साल का एक अधेड़ व्यक्ति संगीता के साथ क्यों गया? क्या यह उसकी नादानी थी या हवस?
- क्या राधिका और संगीता अकेले इस साजिश में थीं, या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह है?
- समाज में इज्जत बचाने के नाम पर लोग चुप क्यों रहते हैं, और यह चुप्पी अपराधियों को बढ़ावा क्यों देती है?
यह कहानी एक चेतावनी है—भरोसा कीजिए, लेकिन आँखें खुली रखिए। हनीट्रैप का यह जाल कहीं भी, कभी भी बिछ सकता है—चाहे शहर की चमकती सड़कें हों या गाँव की कच्ची पगडंडियाँ। इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें, ताकि कोई और इस खौफनाक खेल का शिकार न बने। अपराधी सजा के हकदार हैं, लेकिन अपनी नैतिकता और समझदारी से हम खुद को और अपनों को बचा सकते हैं। इज्जत बचाने के लिए चुप्पी नहीं, हिम्मत चुनें। सावधान रहें, क्योंकि सोशल मीडिया के इस दौर में आपकी एक गलती आपकी जिंदगी को वायरल तबाही में बदल सकती है।