सांभरा ग्राम पंचायत में अवैध पट्टों पर बड़ी कार्रवाई: सरपंच निलंबित, VDO सेड़वा भेजा गया, अन्य गांवों में जांच तेज

राजस्थान के बालोतरा जिले की सांभरा ग्राम पंचायत में अवैध पट्टे जारी करने के मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। सरपंच को निलंबित कर दिया गया और ग्राम विकास अधिकारी को सेड़वा स्थानांतरित किया गया। जांच में 2021-22 में सरकारी जमीन को आबादी भूमि में परिवर्तित कर 72 अवैध पट्टे जारी करने की अनियमितताएं सामने आईं। आसपास की ग्राम पंचायतों में भी जांच शुरू हो गई है। रिफाइनरी परियोजना के कारण क्षेत्र में जमीन की कीमतों में उछाल से अवैध सौदे बढ़े हैं। सरपंच प्रतिनिधि ने कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताया।

Jun 27, 2025 - 09:25
सांभरा ग्राम पंचायत में अवैध पट्टों पर बड़ी कार्रवाई: सरपंच निलंबित, VDO सेड़वा भेजा गया, अन्य गांवों में जांच तेज
प्रतीकात्मक तस्वीर

देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी के नजदीक राजस्थान के बालोतरा जिले की सांभरा ग्राम पंचायत में अवैध तरीके से जमीन के पट्टे जारी करने के मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। इस मामले में ग्राम पंचायत सांभरा की सरपंच (वर्तमान प्रशासक) को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं, जबकि ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को सजा के तौर पर सीमावर्ती क्षेत्र सेड़वा भेज दिया गया है। इस कार्रवाई ने न केवल सांभरा बल्कि आसपास की अन्य ग्राम पंचायतों में भी हड़कंप मचा दिया है, जहां समान अनियमितताओं की जांच शुरू हो चुकी है।

शिकायत के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान सांभरा ग्राम पंचायत द्वारा सरकारी जमीन को नियमों को दरकिनार करते हुए आबादी भूमि में परिवर्तित करवाया गया। इसके बाद, कृषि भूमि की DLC (District Level Committee) दरों के आधार पर आबादी भूमि के कुल 72 पट्टे अवैध रूप से जारी किए गए। इन पट्टों को लेकर स्थानीय स्तर पर शिकायतें सामने आईं, जिसके बाद सरकार ने मामले की गहन जांच शुरू की। 
जांच में पाया गया कि सरकारी जमीन को आबादी भूमि में परिवर्तित करने और पट्टे जारी करने की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं बरती गईं। नियमों के उल्लंघन और दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोपों के आधार पर सांभरा ग्राम पंचायत की सरपंच को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही, ग्राम विकास अधिकारी को APO (Awaiting Posting Order) घोषित करते हुए सेड़वा, जो कि एक सीमावर्ती और दूरस्थ क्षेत्र है, में स्थानांतरित कर दिया गया। 

सांभरा में हुई इस कार्रवाई के बाद सरकार ने आसपास की अन्य ग्राम पंचायतों पर भी नजरें टेढ़ी कर दी हैं। खेड़, मेवानगर, मंडापूरा, कनाना, पचपदरा, और असाडा जैसी ग्राम पंचायतों के कागजातों की जांच शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, इन गांवों में भी सरकारी जमीन को आबादी भूमि में परिवर्तित करने और अवैध पट्टे जारी करने की शिकायतें मिली हैं। इस जांच के चलते इन ग्राम पंचायतों के सरपंचों और VDOs में बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें डर है कि सांभरा जैसी कार्रवाई उनके खिलाफ भी हो सकती है। 

सांभरा ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से राजनीतिक साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि अवैध पट्टे जारी करने की अनियमितताएं केवल सांभरा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आसपास की कई ग्राम पंचायतों में भी ऐसी गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि अनियमितताएं क्षेत्रव्यापी हैं, तो कार्रवाई केवल सांभरा में ही क्यों की जा रही है? प्रतिनिधि ने इसे स्थानीय स्तर पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम बताया और दावा किया कि इस कार्रवाई के पीछे कुछ प्रभावशाली लोग अपनी निजी रंजिश निकाल रहे हैं।

बालोतरा और पचपदरा क्षेत्र में अवैध जमीन सौदों का मुद्दा कोई नया नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रिफाइनरी जैसे बड़े प्रोजेक्ट के कारण इस क्षेत्र में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसका फायदा उठाने के लिए हजारों बीघा जमीन नियमों को ताक पर रखकर खरीदी और बेची जा रही है। सरकारी जमीन को आबादी भूमि में परिवर्तित करवाने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, और अवैध पट्टे जारी करने जैसे मामले आम हो गए हैं। 
आमजन में यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रही अनियमितताओं पर सरकार पूरी तरह से अंकुश कैसे लगाएगी। लोगों का कहना है कि सांभरा में हुई कार्रवाई एक शुरुआत हो सकती है, लेकिन जब तक बड़े स्तर पर सख्ती नहीं की जाएगी, तब तक इस तरह की गड़बड़ियां रुकने की संभावना कम है।

सांभरा और आसपास के क्षेत्रों में देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी परियोजना का काम जोरों पर है। इस परियोजना ने क्षेत्र को आर्थिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है, जिसके चलते जमीन की मांग और कीमतों में भारी उछाल आया है। इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए कई लोग नियमों को तोड़कर जमीन के सौदे कर रहे हैं। सांभरा में हुई कार्रवाई इस बात का संकेत है कि सरकार अब इस तरह की अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाने को तैयार है। 

सांभरा में हुई कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट है कि सरकार का ध्यान अब अन्य ग्राम पंचायतों पर भी केंद्रित है। जांच का दायरा बढ़ने से यह उम्मीद की जा रही है कि अवैध पट्टों और जमीन सौदों से जुड़े अन्य मामले भी सामने आएंगे। साथ ही, यह कार्रवाई स्थानीय सरकार के लिए एक चुनौती भी है, क्योंकि बड़े पैमाने पर हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिए व्यापक और पारदर्शी नीतियों की जरूरत होगी। 

सांभरा ग्राम पंचायत में अवैध पट्टों के मामले में हुई कार्रवाई ने न केवल स्थानीय सरकार की सख्ती को दर्शाया है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि रिफाइनरी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, सरपंच प्रतिनिधि के राजनीतिक साजिश के दावे और क्षेत्र में व्यापक स्तर पर हो रही अनियमितताओं ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कितनी प्रभावी रणनीति अपनाती है और क्या अन्य ग्राम पंचायतों में भी इसी तरह की कार्रवाई देखने को मिलेगी।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ