भारत सरकार ने जारी किए ₹1000 और ₹100 के स्मारक सिक्के: सम्राट राजेंद्र चोल और आचार्य श्री महाप्रज्ञ को सम्मान

भारत सरकार ने सम्राट राजेंद्र चोल की 1000वीं वर्षगांठ और आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती के लिए ₹1000 और ₹100 के स्मारक सिक्के जारी किए

Aug 1, 2025 - 16:27
भारत सरकार ने जारी किए ₹1000 और ₹100 के स्मारक सिक्के: सम्राट राजेंद्र चोल और आचार्य श्री महाप्रज्ञ को सम्मान
भारत सरकार ने जारी किए ₹1000 और ₹100 के स्मारक सिक्के: सम्राट राजेंद्र चोल और आचार्य श्री महाप्रज्ञ को सम्मान

भारत सरकार ने जारी किए ₹1000 और ₹100 के स्मारक सिक्के: सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम और आचार्य श्री महाप्रज्ञ को समर्पित श्रद्धांजलि

भारत सरकार ने हाल ही में दो स्मारक सिक्के जारी किए हैं, जिनके मूल्यवर्ग ₹1000 और ₹100 हैं। ये सिक्के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के दो महान व्यक्तित्वों को सम्मानित करने के लिए जारी किए गए हैं। पहला सिक्का सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के नौसैनिक अभियान की 1000वीं वर्षगांठ को समर्पित है, जिन्होंने चोल साम्राज्य को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में अभूतपूर्व विस्तार दिया। दूसरा सिक्का जैन तेरापंथ संप्रदाय के दसवें आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती के उपलक्ष्य में जारी किया गया है, जिन्होंने अहिंसा, ध्यान और नैतिक जीवन के सिद्धांतों को विश्व स्तर पर प्रचारित किया। ये सिक्के भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को उजागर करते हैं और संग्रहकर्ताओं के लिए विशेष महत्व रखते हैं।

₹1000 सिक्का: राजेंद्र चोल की नौसैनिक विजय

उद्देश्य: यह सिक्का 11वीं शताब्दी में सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के उत्तरी सैन्य अभियान की सहस्राब्दी को चिह्नित करता है। इस अभियान ने चोल साम्राज्य को गंगा के मैदानों तक विस्तारित किया और राजेंद्र चोल को "गंगैकोण्डन" की उपाधि दिलाई, जिसके बाद उन्होंने गंगैकोण्डचोलापुरम में भव्य बृहदीश्वर मंदिर की स्थापना की।
डिज़ाइन: सिक्के के अग्रभाग पर अशोक स्तंभ, "सत्यमेव जयते", "भारत" (देवनागरी), और "India" (अंग्रेजी) अंकित हैं। पृष्ठभाग पर राजेंद्र चोल के नौसैनिक अभियान की प्रतीकात्मक छवि और "1000 YEARS OF NAVAL EXPEDITION OF EMPEROR RAJENDRA CHOLA - I" का शिलालेख है, साथ ही वर्ष "2025"।
अनावरण: 27 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के गंगैकोण्डचोलापुरम में आदि तिरुवथिराई उत्सव के दौरान इस सिक्के का लोकार्पण किया, जो चोल वंश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करता है।
उपलब्धता: भारत गवर्नमेंट मिंट, मुंबई द्वारा निर्मित, यह सिक्का जल्द ही प्रूफ और UNC सेट में बुकिंग के लिए उपलब्ध होगा।

₹100 सिक्का: आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती

उद्देश्य: यह सिक्का जैन तेरापंथ संप्रदाय के दसवें आचार्य श्री महाप्रज्ञ (1920-2010) की 105वीं जयंती के सम्मान में जारी किया गया है। आचार्य महाप्रज्ञ ने अहिंसा, ध्यान और नैतिकता के सिद्धांतों को प्रचारित किया और जैन दर्शन को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया।
डिज़ाइन: अग्रभाग पर अशोक स्तंभ और "सत्यमेव जयते" के साथ "भारत" और "India" अंकित हैं। पृष्ठभाग पर आचार्य की छवि, "105TH BIRTH ANNIVERSARY OF ACHARYA SHRI MAHAPRAGYA", और वर्ष "1920", "2010", "2025" अंकित हैं।
विनिर्देश: 99.9% शुद्ध चांदी से निर्मित, इस सिक्के का वजन 40 ग्राम, व्यास 44 मिमी, और 200 सेरेशन हैं।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

राजेंद्र चोल प्रथम: चोल साम्राज्य के महान शासक, जिन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया तक साम्राज्य का विस्तार किया और गंगैकोण्डचोलापुरम में ऐतिहासिक बृहदीश्वर मंदिर स्थापित किया।
आचार्य श्री महाप्रज्ञ: जैन दर्शन के प्रचारक, जिन्होंने अहिंसा और शांति के सिद्धांतों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।
पिछले सिक्के: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहले बृहदीश्वर मंदिर (2010) और रवींद्रनाथ टैगोर (2011) के लिए ₹1000 के स्मारक सिक्के जारी किए थे, जो संग्रहकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं।
ये स्मारक सिक्के भारत की समृद्ध विरासत को दर्शाते हैं और संग्रहकर्ताओं के लिए मूल्यवान हैं। इच्छुक लोग भारत गवर्नमेंट मिंट की वेबसाइट पर इन सिक्कों की बुकिंग कर सकते हैं