BSF के रिटायर्ड जवान की दर्दनाक कहानी: साले को गोली मारी, फिर खुद को खत्म किया
बीएसएफ से रिटायर्ड जवान मनरूप ने अपने साले पप्पूराम को गोली मारकर हत्या की और फिर खुदकुशी कर ली, पत्नी के व्यवहार और ससुराल वालों की साजिश से तंग आकर। घटना से पहले उन्होंने फेसबुक पर भावुक पोस्ट और 6 मिनट का वीडियो बनाकर अपना दर्द बयां किया।

एक दिल दहला देने वाली घटना में, बीएसएफ से रिटायर्ड जवान मनरूप ने गुरुवार सुबह अपने साले पप्पूराम मेघवाल को लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार दी और इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना नागौर के गोटन इलाके के नोखा चांदावता गांव में सुबह करीब साढ़े चार बजे हुई। मनरूप ने इस घटना से पहले 6 मिनट का एक वीडियो बनाया था, जिसमें उसने अपनी पत्नी के व्यवहार और ससुराल वालों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही, उसने फेसबुक पर एक लंबी और भावुक पोस्ट भी लिखी, जिसमें उसने अपने जीवन के दुख और टूटन का जिक्र किया।
घटना का विवरण
मनरूप, जो बीएसएफ की 174 बटालियन से रिटायर हुए थे, मूल रूप से पीपाड़ (नागौर) के खांगटा गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी से लंबे समय से अनबन चल रही थी, जिसके चलते उनकी पत्नी अपने मायके (नोखा, चांदावता) में रह रही थी। मनरूप का आरोप था कि उनकी पत्नी रोजाना 2-3 घंटे अपने मायके वालों और बहन-बहनोई से फोन पर बात करती थी, जिसे उनके भाई-भाभी भड़काते थे। इस कारण घर में आए दिन झगड़े होते थे।
गुरुवार सुबह मनरूप अपने ससुराल पहुंचे और अपने साले पप्पूराम मेघवाल को गोली मार दी। पप्पूराम नोखा चांदावता पंचायत समिति में संविदा पर एलडीसी के पद पर कार्यरत थे। इसके बाद मनरूप ने खुद को भी गोली मार ली। घटना की सूचना मिलते ही गोटन थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल टीम ने सबूत जुटाए और दोनों शवों को गोटन के सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया।
मनरूप की फेसबुक पोस्ट: एक फौजी का दर्द
मनरूप ने सुसाइड से पहले फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी के दुख और टूटन को बयां किया। उन्होंने लिखा, “20 साल मैंने बीएसएफ में बॉर्डर पर सेवाएं दीं। अव्वल दर्जे का जवान था मैं। हर हालात में अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया। लेकिन निजी जिंदगी में ऐसा क्या होता है कि वही जवान रिटायरमेंट के बाद जिंदगी से थक जाता है, बुरी तरह टूट जाता है?”
उन्होंने अपनी पत्नी के व्यवहार को इसका कारण बताया। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि रिटायरमेंट के 20-25 दिन बाद ही उनकी पत्नी ने बेवजह लड़ाई-झगड़ा और गाली-गलौज शुरू कर दिया। मनरूप के अनुसार, उनकी पत्नी के व्यवहार में बदलाव के तीन मुख्य कारण थे:
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आर्थिक तंगी: नौकरी के दौरान मनरूप हर महीने 15 हजार रुपये घर खर्च के लिए भेजते थे, जो रिटायरमेंट के बाद बंद हो गया। इससे पत्नी के मनमर्जी के खर्चे प्रभावित हुए।
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मायके से लगाव: पत्नी रोजाना 2-3 घंटे अपने मायके वालों और बहन-बहनोई से बात करती थी, जो मनरूप के घर आने के बाद कम हो गया।
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मायके का आना-जाना: पत्नी का मनमर्जी से मायके आना-जाना बंद हो गया, जिससे वह नाराज रहने लगी।
मनरूप ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी को उनके बहन-बहनोई (डांगावास और खजवाना) ने भड़काया और उनके खिलाफ साजिश रची। उन्होंने लिखा, “इन्होंने बसा-बसाया घर उजाड़ दिया। मैंने पत्नी को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।”
पत्नी के व्यवहार से टूटा फौजी
मनरूप ने अपनी पोस्ट में बताया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ गांव में बदनामी की और मायके वालों को झूठ बोला कि मनरूप ने उनकी कमर तोड़ दी और बंदूक तान दी। इसके बाद पत्नी के भाई और भतीजे लाठी-डंडों के साथ मनरूप को मारने आए, लेकिन मनरूप ने उनकी “मरम्मत” कर दी। इस घटना ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया।
उन्होंने लिखा, “मैंने मन में ठान लिया कि मुझे अब इसे पूरी तरह बर्बाद करके, उन दोनों (बहनोइयों) को ठोककर खुद भी इस दुनिया से चले जाना है।” मनरूप ने अपनी पत्नी के मायके में तीन दिन तक गायब रहने का भी जिक्र किया, जिसका कोई जवाब उनके ससुराल वालों ने नहीं दिया।
बच्चों का ख्याल, फिर भी नहीं सुधरी पत्नी
मनरूप ने बताया कि डेढ़ साल तक जयपुर, जोधपुर घूमने के बाद बच्चों के ख्याल में वे घर लौटे और पत्नी को समझाने की कोशिश की। लेकिन पत्नी का रवैया नहीं बदला। उन्होंने लिखा, “इसकी दुनिया सिर्फ मायके, गहने और कपड़ों तक सीमित थी। ना पति मायने रखता, ना बच्चे।” आखिरकार, पत्नी के एक बयान—“मुझे तेरी जरूरत नहीं, तू अभी मर जा”—ने मनरूप को पूरी तरह तोड़ दिया।
साले पर गुस्सा क्यों?
मनरूप ने अपनी पोस्ट में साले पप्पूराम पर कई आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि पप्पूराम ने उनकी इज्जत नहीं की और उनकी पत्नी को गलत सलाह दी। मनरूप ने पप्पूराम की बेटी की सगाई टूटने पर जुर्माना कम करवाने और उनकी बहन के बेटे की शादी में आर्थिक मदद करने का जिक्र किया, लेकिन पप्पूराम ने उनका “एहसान” नहीं माना। मनरूप ने पप्पूराम को “घर का मुखिया” बताते हुए कहा कि उसने अपनी पत्नी को दो-तीन महीने तक मायके में रखकर गलत किया।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
गोटन थाना पुलिस और एफएसएल टीम मामले की जांच कर रही है। मनरूप का 6 मिनट का वीडियो और फेसबुक पोस्ट पुलिस जांच का हिस्सा बन सकते हैं। दोनों शवों का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि मनरूप और उनकी पत्नी के बीच विवाद की जड़ क्या थी और ससुराल वालों की इसमें क्या भूमिका थी।