'मेरी मां के आंसू...': सोनिया गांधी पर अमित शाह के तंज पर प्रियंका गांधी का पलटवार

प्रियंका ने सत्तारूढ़ दल पर अतीत का जिक्र करने और वर्तमान की जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "वे बार-बार अतीत की बात करते हैं, लेकिन अभी जो हो रहा है, उसका जवाब कौन देगा?"

Jul 29, 2025 - 17:07
'मेरी मां के आंसू...': सोनिया गांधी पर अमित शाह के तंज पर प्रियंका गांधी का पलटवार

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को लोकसभा में "ऑपरेशन सिंदूर" पर विशेष चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और सरकार की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए। प्रियंका ने सरकार की जवाबदेही और खुफिया विफलताओं पर गंभीर सवाल खड़े किए, साथ ही अपनी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी के प्रति गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों का भी करारा जवाब दिया।

आतंकी हमले पर सरकार की चुप्पी पर सवाल

प्रियंका गांधी ने पहलगाम के बायसरण घाटी में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पूछा, "यह युद्ध अचानक क्यों रुका? जब दुश्मन के पास हमारे शरण में आने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था, तब यह युद्ध क्यों रोक दिया गया?" उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसी युद्ध को अचानक रोका गया और इसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ने की। "यह प्रधानमंत्री की गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है। नेतृत्व का मतलब सिर्फ श्रेय लेना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी लेना भी है।"

खुफिया विफलता और सुरक्षा में चूक

कांग्रेस नेता ने बायसरण घाटी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर सुरक्षा इंतजामों की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, "क्या सरकार को नहीं पता था कि इस क्षेत्र में हजारों पर्यटक आते हैं? वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी? क्यों उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया?" प्रियंका ने खुफिया तंत्र की विफलता पर भी सवाल उठाए और पूछा, "क्या किसी सरकारी एजेंसी को पाकिस्तान में रची जा रही आतंकी साजिश की जानकारी नहीं थी? यह हमारी खुफिया व्यवस्था और सरकार की गंभीर विफलता है। इसके लिए जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या किसी ने इस्तीफा दिया?"

गृह मंत्री की टिप्पणी पर भावुक जवाब

प्रियंका ने गृह मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के साथ-साथ सोनिया गांधी की भावनात्मक पीड़ा का जिक्र किया था। प्रियंका ने कहा, "गृह मंत्री ने मेरी दादी इंदिरा गांधी और मेरी मां के आंसुओं की बात की। हां, मेरी मां ने तब रोया था जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद कर दिया। वह उस समय केवल 44 साल के थे। आज अगर मैं यहां खड़ी होकर उन 26 लोगों की बात कर रही हूं, तो इसलिए क्योंकि मैं उनकी पीड़ा को समझती हूं।"

अतीत की बात छोड़ वर्तमान की जवाबदेही लें

प्रियंका ने सत्तारूढ़ दल पर अतीत का जिक्र करने और वर्तमान की जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "वे बार-बार अतीत की बात करते हैं, लेकिन अभी जो हो रहा है, उसका जवाब कौन देगा?" उन्होंने सरकार से मौजूदा हालात पर जवाब मांगते हुए कहा कि आतंकी हमले को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या इंतजाम किए जा रहे हैं।

जनता में विश्वास जगाने की जरूरत

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में आतंकी हमले से प्रभावित लोगों के दर्द को रेखांकित किया और सरकार से जवाबदेही की मांग की। उन्होंने कहा, "हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जो न केवल आतंकवाद से लड़े, बल्कि लोगों में विश्वास भी जगाए।" उनकी यह टिप्पणी न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल उठाती है, बल्कि देश की सुरक्षा और खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत को भी रेखांकित करती है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .