स्कूली बच्चों से भरी टैक्सी को टैंकर ने मारी टक्कर, मासूमों की जिंदगी खतरे में....

उटाम्बर गांव, बालेसर में एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ, जहां करणी पब्लिक स्कूल के मासूम बच्चों से भरी टैक्सी को एक तेज रफ्तार पानी के टैंकर ने टक्कर मार दी। इस भयावह दुर्घटना में करीब एक दर्जन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत जोधपुर के एमडीएम अस्पताल ले जाया गया। टैंकर चालक दुर्गसिंह राजपुरोहित हादसे के बाद फरार हो गया, लेकिन गुस्साए ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। यह हादसा मासूमों के सपनों पर गहरा आघात है और सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाता है। बच्चों की सलामती के लिए दुआएं मांगी जा रही हैं।

Aug 21, 2025 - 17:28
स्कूली बच्चों से भरी टैक्सी को टैंकर ने मारी टक्कर, मासूमों की जिंदगी खतरे में....

जोधपुर के बालेसर क्षेत्र के उटाम्बर गांव में एक ऐसी दर्दनाक घटना ने सभी के दिलों को झकझोर कर रख दिया, जिसने नन्हे-मुन्हे बच्चों के सपनों और उनके परिवारों की उम्मीदों पर गहरा आघात पहुंचाया। करणी पब्लिक स्कूल, उटाम्बर के मासूम छात्रों को लेकर जा रही एक टैक्सी को एक तेज रफ्तार पानी के टैंकर ने जोरदार टक्कर मार दी। इस भयावह हादसे में लगभग एक दर्जन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनके मासूम चेहरों पर दर्द और डर की चीखें गूंज उठीं। यह हादसा न केवल एक दुर्घटना है, बल्कि उन परिवारों के लिए एक अनकहा दुख है, जिनके बच्चे स्कूल से ज्ञान लेकर लौटने की उम्मीद में घर से निकले थे।

हादसे का मंजर: मासूमों पर टूटी विपदा

यह दुखद घटना उस समय हुई, जब करणी पब्लिक स्कूल के बच्चे अपनी टैक्सी में सवार होकर स्कूल जा रहे थे। सुबह का समय था, सूरज की किरणें गांव की सड़कों पर हल्की रोशनी बिखेर रही थीं, लेकिन अचानक एक अनियंत्रित पानी का टैंकर, जिसका चालक कथित तौर पर लापरवाही से गाड़ी चला रहा था, ने टैक्सी को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि टैक्सी में सवार बच्चों की चीख-पुकार से आसपास का माहौल सहम गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टैक्सी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, और बच्चे दर्द से कराहते हुए सड़क पर बिखर गए।

तुरंत मदद और अस्पताल की दौड़

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर दौड़े। गांव वालों ने अपनी सूझबूझ और मानवता का परिचय देते हुए घायल बच्चों को तुरंत निजी वाहनों में जोधपुर के एमडीएम अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने घायल बच्चों का इलाज शुरू किया, लेकिन कई बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मासूमों के चेहरों पर दर्द और उनके परिजनों की आंखों में आंसुओं ने पूरे अस्पताल का माहौल गमगीन कर दिया। माता-पिता और रिश्तेदार अपने बच्चों की सलामती के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं, जबकि डॉक्टर उनकी जान बचाने की हरसंभव कोशिश में जुटे हैं।

टैंकर चालक की लापरवाही और गुस्साए ग्रामीण

हादसे का जिम्मेदार टैंकर चालक, जिसकी पहचान दुर्गसिंह राजपुरोहित के रूप में हुई, टक्कर के बाद मौके से फरार हो गया। उसकी इस हरकत ने स्थानीय लोगों का गुस्सा और भड़का दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने चालक का पीछा किया और उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। लोगों का कहना है कि चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार ने इस हादसे को जन्म दिया। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर इस हादसे के पीछे की वजह क्या थी।

स्कूल और समुदाय में शोक की लहर

करणी पब्लिक स्कूल, उटाम्बर के लिए यह दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं था। स्कूल प्रशासन और शिक्षक इस घटना से स्तब्ध हैं। स्कूल के प्रिंसिपल और स्टाफ ने अस्पताल पहुंचकर घायल बच्चों का हाल जाना और उनके परिवारों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। गांव में भी इस हादसे के बाद शोक की लहर है। लोग इस बात से आहत हैं कि स्कूल जाने वाले मासूम बच्चों को ऐसी त्रासदी का सामना करना पड़ा।

सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और वाहन चालकों की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाता है। ग्रामीण इलाकों में तेज रफ्तार वाहन, खासकर भारी वाहन जैसे टैंकर, अक्सर हादसों का कारण बनते हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

एक उम्मीद भरा अंत

इस दुखद घटना के बीच, गांव वालों की एकजुटता और त्वरित कार्रवाई ने कई बच्चों की जान बचाने में मदद की। लेकिन यह हादसा हमें याद दिलाता है कि सड़क पर एक पल की लापरवाही कितनी बड़ी कीमत चुकाती है। घायल बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना के साथ-साथ यह जरूरी है कि प्रशासन और समाज मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।इस हादसे ने न केवल उटाम्बर गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। यह उम्मीद की जा रही है कि दोषी को सख्त सजा मिलेगी ताकि भविष्य में कोई और मासूम इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो।