सांवलिया सेठ के दरबार में भक्ति का नया कीर्तिमान: अप्रैल में 25 करोड़ से अधिक का रिकॉर्ड चढ़ावा

मेवाड़ के विश्व प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। अप्रैल 2025 में मंदिर के भंडार से प्राप्त चढ़ावे ने नया रिकॉर्ड बनाया, जिसमें नकद, सोना-चांदी और डिजिटल भेंट मिलाकर कुल 25 करोड़ 13 लाख 64 हजार 699 रुपये की राशि एकत्र हुई।

May 2, 2025 - 13:38
सांवलिया सेठ के दरबार में भक्ति का नया कीर्तिमान: अप्रैल में 25 करोड़ से अधिक का रिकॉर्ड चढ़ावा

चित्तौड़गढ़, राजस्थान: मेवाड़ के विश्व प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। अप्रैल 2025 में मंदिर के भंडार से प्राप्त चढ़ावे ने नया रिकॉर्ड बनाया, जिसमें नकद, सोना-चांदी और डिजिटल भेंट मिलाकर कुल 25 करोड़ 13 लाख 64 हजार 699 रुपये की राशि एकत्र हुई। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा मासिक चढ़ावा है, जो पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ गया।

पांच चरणों में पूरी हुई गिनती

मंदिर के भंडार को 26 अप्रैल 2025 को खोला गया था, और इसके बाद पांच चरणों में नकद राशि की गिनती पूरी की गई। प्रत्येक चरण में मंदिर ट्रस्ट, प्रशासनिक अधिकारियों और बैंक कर्मचारियों की मौजूदगी में पारदर्शी तरीके से काउंटिंग की गई। गिनती का विवरण इस प्रकार है:

26 अप्रैल: 10 करोड़ रुपये

28 अप्रैल: 3 करोड़ 73 लाख 70 हजार रुपये

29 अप्रैल: 3 करोड़ 76 लाख 30 हजार रुपये

30 अप्रैल: 4 करोड़ 15 लाख 50 हजार रुपये

1 मई: 40 लाख 58 हजार 761 रुपये

27 अप्रैल को रविवार होने के कारण गिनती नहीं हुई। इन पांच चरणों में भंडार से कुल 22 करोड़ 6 लाख 8 हजार 761 रुपये नकद प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन ट्रांसफर और मनी ऑर्डर के माध्यम से 3 करोड़ 7 लाख 55 हजार 938 रुपये की भेंट प्राप्त हुई, जिसने कुल राशि को 25 करोड़ के पार पहुंचा दिया।

सोना-चांदी की भेंट ने बढ़ाई रौनक

सांवलिया सेठ के भक्तों ने न केवल नकद, बल्कि सोने-चांदी के आभूषणों और वस्तुओं के रूप में भी अपनी श्रद्धा अर्पित की। इस बार भंडार से 987 ग्राम सोना और 49 किलो 330 ग्राम चांदी प्राप्त हुई। वहीं, भेंट कक्ष से 87 ग्राम 650 मिलीग्राम सोना और 46 किलो 137 ग्राम चांदी मिली। कुल मिलाकर, अप्रैल में मंदिर को 1 किलो 74 ग्राम 650 मिलीग्राम सोना और 95 किलो 467 ग्राम चांदी भेंट स्वरूप प्राप्त हुई।

पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ गिनती

मंदिर प्रशासन ने भंडार खोलने से लेकर गिनती और तोल की प्रक्रिया को कड़ी सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ संपन्न किया। मंदिर परिसर में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में यह कार्य पूरा हुआ। मंदिर मंडल के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति ने इस प्रक्रिया को और विश्वसनीय बनाया।

2025 में चार बार खुला भंडार

इस साल सांवलिया सेठ मंदिर का भंडार चार बार खोला गया, और हर बार चढ़ावे की राशि ने भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाया। साल का विवरण इस प्रकार है:

28 जनवरी: 22 करोड़ 96 लाख 44 हजार 609 रुपये

13 मार्च (फूलडोल महोत्सव): 29 करोड़ 9 लाख 63 हजार 292 रुपये (डेढ़ महीने का भंडार)

28 मार्च: 4 करोड़ 87 लाख 30 हजार 806 रुपये (15 दिन बाद खोला गया)

26 अप्रैल: 25 करोड़ 13 लाख 64 हजार 699 रुपये

फूलडोल महोत्सव के दौरान डेढ़ महीने का भंडार खोला गया था, जिसके कारण फरवरी का भंडार मार्च में खुला। इस बार अप्रैल का चढ़ावा एक महीने के लिए अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बन गया।

भक्तों की आस्था का प्रतीक

सांवलिया सेठ मंदिर में हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भंडार खोला जाता है। भक्तों का मानना है कि सांवलिया सेठ को अपना व्यापारिक साझेदार मानकर चढ़ावा चढ़ाने से व्यापार में लाभ होता है। इसके अलावा, मन्नत पूरी होने पर भक्त सोना-चांदी और नकद भेंट करते हैं। मंदिर की ख्याति देशभर में फैली है, और देश-विदेश से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

मंदिर ट्रस्ट का योगदान

मंदिर मंडल की ओर से प्राप्त चढ़ावे का उपयोग मंदिर के विकास कार्यों, धार्मिक आयोजनों और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता है। मंदिर प्रशासन की पारदर्शी कार्यप्रणाली और भक्तों का विश्वास इस रिकॉर्ड चढ़ावे के पीछे मुख्य कारण हैं।

सांवलिया सेठ के इस ऐतिहासिक चढ़ावे ने न केवल मंदिर की महिमा को और बढ़ाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि भक्ति और श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ