रेगिस्तान के धोरों से उभरे दो सितारे: तन्मय और लोकेंद्र,समाज ने आज स्वागत कर रचा इतिहास

27 अप्रैल 2025 को बाड़मेर में मेघवाल समाज द्वारा आयोजित भव्य स्वागत समारोह और बालिका छात्रावास के भूमिपूजन कार्यक्रम में इन दो सितारों की चमक ने हजारों लोगों के दिलों को छू लिया। स्वागत समारोह और भूमिपूजन का भव्य आयोजन बाड़मेर के इस ऐतिहासिक दिन पर मेघवाल समाज ने एक साथ दो बड़े आयोजन किए। पहला, यूपीएससी 2024 में शानदार सफलता हासिल करने वाले तन्मय मेघवाल (832वीं रैंक) और लोकेंद्र कुमार मेघवाल (954वीं रैंक) का अभिनंदन समारोह, और दूसरा, मेघवाल समाज द्वारा बालिका छात्रावास का भूमिपूजन। हजारों की संख्या में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे इस समारोह में शामिल हुए।

Apr 27, 2025 - 13:54
रेगिस्तान के धोरों से उभरे दो सितारे: तन्मय और लोकेंद्र,समाज ने आज स्वागत कर रचा इतिहास

रिपोर्ट/राजेन्द्र सिंह: थार के रेगिस्तानी धोरों में, जहाँ रेत के तूफान सपनों को ढक लेने की कोशिश करते हैं, बाड़मेर के दो युवाओं, तन्मय मेघवाल और लोकेंद्र कुमार ने अपनी मेहनत की स्याही से सफलता की ऐसी इबारत लिखी, जो हर दिल को प्रेरित करती है। इन दोनों ने यूपीएससी 2024 की कठिन परीक्षा को न केवल पार किया, बल्कि अपने परिश्रम और लगन से मेघवाल समाज और पूरे बाड़मेर का नाम रोशन किया। 27 अप्रैल 2025 को बाड़मेर में मेघवाल समाज द्वारा आयोजित भव्य स्वागत समारोह और बालिका छात्रावास के भूमिपूजन कार्यक्रम में इन दो सितारों की चमक ने हजारों लोगों के दिलों को छू लिया। 

स्वागत समारोह और भूमिपूजन का भव्य आयोजन

बाड़मेर के इस ऐतिहासिक दिन पर मेघवाल समाज ने एक साथ दो बड़े आयोजन किए। पहला, यूपीएससी 2024 में शानदार सफलता हासिल करने वाले तन्मय मेघवाल (832वीं रैंक) और लोकेंद्र कुमार मेघवाल (954वीं रैंक) का अभिनंदन समारोह, और दूसरा, मेघवाल समाज द्वारा बालिका छात्रावास का भूमिपूजन। हजारों की संख्या में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे इस समारोह में शामिल हुए। फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़ों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच दोनों युवा अधिकारियों का स्वागत किया गया। यह नजारा रेगिस्तान की रेत में उग आए किसी हरे-भरे सपने सा था।

तन्मय मेघवाल: असफलताओं से जीत तक का सफर

बाड़मेर राजकीय चिकित्सालय के पीएमओ डॉ. बी.एल. मंसूरिया के पुत्र तन्मय मेघवाल ने अपनी चौथी कोशिश में यूपीएससी 2024 में 832वीं रैंक हासिल की। तीन बार असफलता का सामना करने के बावजूद तन्मय ने हार नहीं मानी। उनकी मेहनत और धैर्य ने उन्हें मेघवाल समाज का पहला कलेक्टर बनाया। समारोह में तन्मय ने कहा, “मेहनत का कोई विकल्प नहीं। हर असफलता ने मुझे और मजबूत किया।” उनके पिता डॉ. बी.एल. मंसूरिया का भी इस मौके पर सम्मान किया गया, जिनके समर्थन ने तन्मय के सपनों को पंख दिए। तन्मय की यह उपलब्धि समाज के लिए गर्व का विषय बन गई, और उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

लोकेंद्र कुमार: पहले प्रयास में चमका रेगिस्तान का सितारा

शिव उपखंड के जसे गांव के किसान हमीराराम के बेटे लोकेंद्र कुमार मेघवाल ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी 2024 में 954वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। लोकेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल से शुरू हुई, जहाँ वे आठवीं में टॉपर रहे। इसके बाद उन्होंने भारती विद्या मंदिर, शिव से 10वीं (74%) और मदर टेरेसा स्कूल से 12वीं (85%) पूरी की। जयपुर में रहकर तैयारी करने वाले लोकेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुओं को दिया। समारोह में उनकी सादगी और आत्मविश्वास ने सभी का दिल जीत लिया।

चौहटन विधायक और समाज के गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी

इस भव्य आयोजन में चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, कई वरिष्ठ नेता, और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। विधायक आदूराम ने दोनों युवाओं की जमकर तारीफ की और कहा, “तन्मय और लोकेंद्र ने साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल असंभव नहीं। ये हमारे समाज के लिए प्रेरणा हैं।” दोनों अधिकारियों के हाथों बालिका छात्रावास का भूमिपूजन करवाया गया, जो मेघवाल समाज की बेटियों के लिए शिक्षा का नया द्वार खोलेगा। इस मौके पर समाज के भूदानकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया।

बालिका छात्रावास: समाज के लिए नया कदम

मेघवाल समाज द्वारा शुरू किया गया बालिका छात्रावास का भूमिपूजन इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह छात्रावास बेटियों को उच्च शिक्षा और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाएगा। तन्मय और लोकेंद्र ने भूमिपूजन के दौरान समाज से अपील की कि वे बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। यह कदम न केवल मेघवाल समाज, बल्कि पूरे बाड़मेर के लिए एक प्रगतिशील पहल है।

रेगिस्तान में गूंजी प्रेरणा की गाथा

कार्यक्रम में उपस्थित हजारों लोगों की आँखों में गर्व और उम्मीद की चमक साफ दिख रही थी। तन्मय और लोकेंद्र की सफलता ने न केवल उनके परिवारों, बल्कि पूरे मेघवाल समाज और बाड़मेर जिले को गौरवान्वित किया। दोनों युवाओं ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में युवाओं को मेहनत, धैर्य, और शिक्षा पर ध्यान देने का संदेश दिया। तन्मय ने कहा, “रेगिस्तान की रेत में भी सपने उग सकते हैं, बस मेहनत की बारिश चाहिए।” वहीं, लोकेंद्र ने कहा, “पहला प्रयास हो या चौथा, अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई बाधा रोक नहीं सकती।”

निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक उत्सव

27 अप्रैल 2025 का यह दिन बाड़मेर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। तन्मय मेघवाल और लोकेंद्र कुमार की यूपीएससी 2024 में सफलता, मेघवाल समाज का भव्य स्वागत समारोह, और बालिका छात्रावास का भूमिपूजन—ये सभी घटनाएँ रेगिस्तान के धोरों में नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं। इन दो युवाओं की कहानी हर उस व्यक्ति को प्रेरित करती है, जो अपने सपनों को सच करने की हिम्मत रखता है। बाड़मेर की रेत अब सिर्फ गर्मी और तूफानों की कहानी नहीं कहती, बल्कि मेहनत और सफलता की गाथा भी गूँजती है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ