राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि: दौसा में गहलोत-पायलट की एकजुटता ने दिया कांग्रेस को नया संदेश

दौसा में राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने एकजुटता का संदेश दिया। गहलोत ने मतभेद की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों हमेशा साथ हैं। पायलट ने भाजपा से मुकाबले के लिए एकता पर जोर दिया। भारी भीड़ और कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने कार्यक्रम को राजनीतिक रूप से अहम बनाया। यह आयोजन कांग्रेस के लिए नई शुरुआत का प्रतीक बना।

Jun 11, 2025 - 16:24
राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि: दौसा में गहलोत-पायलट की एकजुटता ने दिया कांग्रेस को नया संदेश

राजस्थान के दौसा जिले में बुधवार, 11 जून 2025 को स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के दो दिग्गज नेता, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक मंच पर नजर आए, जिसने न केवल राजेश पायलट को सम्मान दिया, बल्कि पार्टी के अंदर एकजुटता और तालमेल का मजबूत संदेश भी दिया।

गहलोत का बयान: "हम कब अलग थे?"

कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने दोनों नेताओं के बीच मतभेद की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा, "मैं और पायलट कब अलग थे? हम तो हमेशा से साथ हैं और दोनों में खूब मोहब्बत भी है। ये तो मीडिया चलता रहता है अनबन की खबरें।" गहलोत का यह बयान राजस्थान की सियासत में लंबे समय से चली आ रही गहलोत-पायलट अनबन की खबरों के बीच एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उनकी इस टिप्पणी ने साफ कर दिया कि दोनों नेता अब एकजुट होकर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

सचिन पायलट का आह्वान: "भाजपा से मुकाबले के लिए एकजुटता जरूरी"

सचिन पायलट ने इस अवसर पर NDTV राजस्थान से विशेष बातचीत में कहा, "अगर हमारे बीच कोई मतभेद थे, तो हम साथ बैठकर तय करते थे कि आगे कैसे बढ़ना है। 2023 के चुनावों में हमने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन मौजूदा समय कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है। हमें भाजपा से मुकाबला करने के लिए एकजुट होना होगा। व्यक्तियों का काम करने का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन जो हुआ सो हुआ। रात गई, बात गई।" पायलट के इस बयान ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा और एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया।

भारी भीड़ और कार्यकर्ताओं का उत्साह

सचिन पायलट के नेतृत्व में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में भारी भीड़ उमड़ी। जब पायलट कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया, जिसके कारण उन्हें अंदर पहुंचने में काफी समय लगा। यह दृश्य कार्यकर्ताओं के उत्साह और पायलट के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है। यह आयोजन न केवल राजेश पायलट को श्रद्धांजलि देने का अवसर बना, बल्कि राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ।

इन दिग्गज नेताओं ने की शिरकत

कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक मनोज मेघवाल, विनोद गोठवाल, पूसाराम गोदारा, रूबी किन्नर, मंगीलाल मीणा, जाकिर गेसावत, अमित चाचान, रोहित बोहरा, संजय जाटव, घनश्याम मेहर, शिखा बराला, विधायक पद के प्रत्याशी उदयलाल अंजाना, पूर्व मंत्री गोविंद मेघवाल, पुष्पेंद्र भारद्वाज, राजेंद्र मूंड, पूर्व विधायक चेतन डूडी, अभिषेक चौधरी, पूर्व विधायक सोनादेवी बावरी, वर्तमान सांसद कुलदीप इंदोरा और सांसद पद के प्रत्याशी प्रह्लाद गुंजल शामिल रहे। इतने बड़े नेताओं की मौजूदगी ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।

राजेश पायलट को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि

यह सभा स्वर्गीय राजेश पायलट की सादगी, नेतृत्व और जनसेवा को याद करने का अवसर थी। नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि राजेश पायलट का जीवन और उनकी राजनीति आज भी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

कांग्रेस के लिए नई शुरुआत?

गहलोत और पायलट की एक मंच पर मौजूदगी और उनके सकारात्मक बयानों ने राजस्थान कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार किया है। यह आयोजन न केवल राजेश पायलट को श्रद्धांजलि देने का माध्यम बना, बल्कि पार्टी के अंदर एकता और सामंजस्य का प्रतीक भी बन गया। आने वाले समय में यह एकजुटता कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष के रूप में स्थापित करने में कितनी मददगार होगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

Yashaswani Journalist at The Khatak .