"फीता काटने की रस्साकशी: खाटूश्यामजी थाने के उद्घाटन में आईजी, विधायक और भाजपा नेता के बीच हंगामा"

Apr 1, 2025 - 19:57
"फीता काटने की रस्साकशी: खाटूश्यामजी थाने के उद्घाटन में आईजी, विधायक और भाजपा नेता के बीच हंगामा"

सीकर के खाटूश्यामजी में सदर थाने के उद्घाटन समारोह में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया, जब फीता काटने को लेकर आईजी अजयपाल लांबा और कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह आमने-सामने आ गए। यह घटना 1 अप्रैल 2025 को हुई, जब थाने के उद्घाटन के लिए आयोजित समारोह में राजनीतिक तनातनी और नारेबाजी ने सुर्खियां बटोर लीं। इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आईजी और विधायक के बीच तीखी बहस देखी जा सकती है।

मामला तब शुरू हुआ, जब उद्घाटन के लिए फीता काटने की बारी आई। आईजी अजयपाल लांबा ने कैंची भाजपा के पूर्व प्रत्याशी गजानंद कुमावत को थमा दी, ताकि वे फीता काटें। यह देखते ही कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह भड़क गए। उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए गजानंद कुमावत से कैंची छीन ली और आईजी से कहा, "फीता आप काटिए, यह कौन हैं?" विधायक का तर्क था कि उद्घाटन का अधिकार प्रशासनिक अधिकारी को होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक नेता को।

हालांकि, विधायक के विरोध के बावजूद गजानंद कुमावत ने मौका देखकर फीता काट दिया। इससे विधायक और उनके समर्थक और नाराज हो गए। वीरेंद्र सिंह ने इसे अपमान के तौर पर लिया और अपने समर्थकों के साथ थाने के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी के दौरान विधायक और उनके समर्थकों ने आईजी के फैसले के खिलाफ नारे लगाए और इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया।

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि आईजी अजयपाल लांबा और विधायक वीरेंद्र सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधायक ने आईजी से सवाल किया कि एक पुलिस थाने के उद्घाटन में भाजपा नेता को क्यों शामिल किया गया, जबकि आईजी ने अपनी स्थिति का बचाव करने की कोशिश की। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और समारोह का औपचारिक माहौल विवाद में बदल गया।

यह घटना स्थानीय स्तर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को भी उजागर करती है। विधायक वीरेंद्र सिंह ने बाद में आरोप लगाया कि भाजपा नेता को आगे करने की कोशिश जानबूझकर की गई, ताकि कांग्रेस को नीचा दिखाया जा सके। दूसरी ओर, भाजपा समर्थकों का कहना है कि गजानंद कुमावत एक सम्मानित स्थानीय नेता हैं और उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

पुलिस प्रशासन ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन यह विवाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। खाटूश्यामजी, जो अपने श्याम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, अब इस घटना के कारण भी सुर्खियों में आ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के विवादों से इलाके की छवि पर असर पड़ सकता है।

फिलहाल, यह देखना बाकी है कि इस घटना के बाद प्रशासन और राजनीतिक दलों की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं। लेकिन इतना तय है कि फीता काटने की यह छोटी-सी बात अब बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ