फाइटर जेट्स तैयार, बॉर्डर अलर्ट, और PM का सख्त बयान: क्या भारत बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने भारत को झकझोर कर रख दिया। बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंट फ्रंट (TRF) के चार आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे घातक हमला था।

Apr 26, 2025 - 13:49
फाइटर जेट्स तैयार, बॉर्डर अलर्ट, और PM का सख्त बयान: क्या भारत बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में?
24 अप्रैल को भारत ने सैन्य अभ्यास आक्रमण किया।

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने भारत को झकझोर कर रख दिया। बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंट फ्रंट (TRF) के चार आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे घातक हमला था। हमले के बाद भारत सरकार का सख्त रुख, सैन्य तैयारियां, और वैश्विक समर्थन इस बात का संकेत दे रहे हैं कि भारत बदला लेने के लिए बड़ा कदम उठा सकता है। आइए, शुरुआती 72 घंटों में हुई कार्रवाइयों, संभावित विकल्पों, और उनके असर पर विस्तार से नजर डालते हैं। 

सवाल-1: पहलगाम हमले के बाद शुरुआती 72 घंटों में क्या-क्या हुआ?

पहलगाम हमले के बाद भारत ने तेजी से कदम उठाए, जो सैन्य, कूटनीतिक, और आर्थिक कार्रवाइयों का मिश्रण थे। शुरुआती 72 घंटों (22-25 अप्रैल 2025) में हुई प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

हमले के 7 घंटे बाद: गृहमंत्री का श्रीनगर दौरा और पीएम का वापसी

हमले के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब के दौरे पर थे, ने हमले की कड़ी निंदा की और ट्वीट किया, "इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत कश्मीर भेजा।

अमित शाह हमले के सात घंटे के भीतर श्रीनगर पहुंचे और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी नलिन प्रभात से ब्रीफिंग ली। उन्होंने बैसरन घाटी का दौरा किया और घायलों से अस्पताल में मुलाकात की।

पीएम मोदी ने अपना सऊदी दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटे और एयरपोर्ट पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की।

हमले के 33 घंटे बाद: CCS की आपात बैठक और 5 बड़े फैसले

23 अप्रैल को पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की ढाई घंटे की बैठक हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और NSA अजीत डोभाल शामिल थे।

बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए:

सिंधु जल समझौता निलंबित: 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ यह समझौता तत्काल प्रभाव से रोका गया। यह पाकिस्तान की 80% कृषि और प्रमुख शहरों के लिए पानी की आपूर्ति पर निर्भर है।

अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: भारत ने सीमा पर आवाजाही रोक दी।

पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश: सभी पाकिस्तानी वीजा रद्द किए गए।

पाकिस्तानी दूतावास कर्मियों की संख्या घटाई: नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की गई।

SAARC वीजा छूट योजना बंद: पाकिस्तानी नागरिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

हमले के 50 घंटे बाद: सैन्य अभ्यास ‘आक्रमण’ शुरू

भारतीय वायुसेना ने 24 अप्रैल को युद्धाभ्यास ‘आक्रमण’ शुरू किया, जिसमें अंबाला (हरियाणा) और हाशीमारा (पश्चिम बंगाल) की राफेल स्क्वॉड्रन शामिल थीं। यह अभ्यास पहाड़ी और जमीनी ठिकानों पर हवाई हमलों के लिए था।

भारत ने अरब सागर में नई मिसाइल का परीक्षण भी किया, जिसे सैन्य ताकत का प्रदर्शन माना गया।

हमले के 52 घंटे बाद: शाह और जयशंकर की राष्ट्रपति से मुलाकात

24 अप्रैल को अमित शाह और एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। आधिकारिक तौर पर इसे हमले की ब्रीफिंग बताया गया, लेकिन सूत्रों के अनुसार, संभावित जवाबी कार्रवाइयों पर चर्चा हुई।

हमले के 60 घंटे बाद: सर्वदलीय बैठक और वैश्विक समर्थन

24 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें हमले के बाद की स्थिति और सुरक्षा उपायों पर चर्चा हुई। विपक्षी नेताओं को सुरक्षा चूक की जानकारी दी गई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, और सऊदी अरब ने हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई। ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की।

हमले के 72 घंटे बाद: LoC पर तनाव

25 अप्रैल को पाकिस्तान ने LoC पर कई चौकियों पर गोलीबारी की, जिसका भारत ने जवाब दिया। यह तनातनी भारत के सख्त फैसलों के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट का संकेत थी।

सवाल-2: क्या भारत बड़ा कदम उठाएगा? संभावित विकल्प और उनका असर

भारत का रुख, सैन्य तैयारियां, और वैश्विक समर्थन इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारत हमले का जवाब देने के लिए बड़ा कदम उठा सकता है। रूसी मीडिया (रशिया टुडे) के दावे कि "दो न्यूक्लियर देशों के बीच कुछ बड़ा होने वाला है" ने भी अटकलों को हवा दी है। नीचे संभावित विकल्प और उनके असर दिए गए हैं:

विकल्प 1: सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक (बालाकोट 2.0)

विवरण: भारत PoK में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक या राफेल जेट्स के जरिए हवाई हमला कर सकता है। सोशल मीडिया पर ‘बालाकोट 2.0’ ट्रेंड कर रहा है।

संभावित असर:

सकारात्मक: आतंकी नेटवर्क को नुकसान, भारत की सख्त नीति का संदेश, और घरेलू जनता में सरकार की छवि मजबूत होना।

नकारात्मक: पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई, LoC पर तनाव बढ़ना, और क्षेत्रीय अस्थिरता। पाकिस्तान के F-16 जेट्स और चीनी समर्थन से स्थिति जटिल हो सकती है।

जोखिम: भारत के पास S-400 डिफेंस सिस्टम और राफेल जेट्स जैसे उन्नत हथियार हैं, लेकिन परमाणु हथियारों वाले दो देशों के बीच टकराव खतरनाक हो सकता है।

विकल्प 2: PoK में सीमित सैन्य ऑपरेशन

विवरण: डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत PoK में 42 सक्रिय आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बना सकता है, जहां 110-130 आतंकी मौजूद हैं।

संभावित असर:

सकारात्मक: आतंकी ढांचे का खात्मा, PoK में भारत की स्थिति मजबूत होना, और दीर्घकालिक सुरक्षा।

नकारात्मक: पाकिस्तानी सेना का प्रतिरोध, युद्ध की स्थिति, और अंतरराष्ट्रीय दबाव। चीन की सीमा पर तनाव भी बढ़ सकता है।

जोखिम: यह विकल्प बड़े पैमाने पर सैन्य टकराव को जन्म दे सकता है, जिसमें परमाणु जोखिम शामिल है।

विकल्प 3: कूटनीतिक और आर्थिक दबाव

विवरण: भारत ने पहले ही सिंधु जल समझौता रोका और अटारी बॉर्डर बंद किया है। आगे FATF (Financial Action Task Force) में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने, व्यापार प्रतिबंध, और वैश्विक मंचों पर अलग-थलग करने की कोशिश हो सकती है।

संभावित असर:

सकारात्मक: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर, आतंकी फंडिंग पर रोक, और भारत की कूटनीतिक जीत।

नकारात्मक: पाकिस्तान के लिए पानी की कमी से मानवीय संकट, जिसे वह भारत के खिलाफ प्रचार के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

जोखिम: सीमित सैन्य जवाब की तुलना में यह कम प्रभावी हो सकता है और जनता में असंतोष पैदा कर सकता है।

विकल्प 4: साइबर और खुफिया ऑपरेशन

विवरण: भारत पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क और सैन्य संचार को निशाना बनाने के लिए साइबर हमले या RAW के गुप्त ऑपरेशन चला सकता है।

संभावित असर:

सकारात्मक: कम जोखिम के साथ आतंकी ढांचे को नुकसान, और भारत की तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन।

नकारात्मक: पाकिस्तान के जवाबी साइबर हमले, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद।

जोखिम: सीमित प्रभाव और जनता की अपेक्षाओं पर खरा न उतरना।

विकल्प 5: परमाणु ठिकानों पर हमले की योजना (काल्पनिक)

विवरण: कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में 1984 की भारत-इजरायल की कथित योजना का जिक्र है, जिसमें पाकिस्तान के कहूटा परमाणु संयंत्र पर हमला करने की बात थी।

संभावित असर:

सकारात्मक: पाकिस्तान की परमाणु क्षमता को कमजोर करना।

नकारात्मक: परमाणु युद्ध का खतरा, वैश्विक निंदा, और क्षेत्रीय विनाश।

जोखिम: यह अत्यंत असंभावित और खतरनाक विकल्प है, जिसे भारत शायद ही अपनाए।

भारत क्या करेगा? संभावित दिशा

भारत का मौजूदा रुख और इतिहास (2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक) को देखते हुए, सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक सबसे संभावित विकल्प है। राफेल जेट्स का युद्धाभ्यास, CCS के फैसले, और LoC पर तनाव इसकी पुष्टि करते हैं। हालांकि, भारत कूटनीतिक और आर्थिक दबाव को भी जारी रखेगा, ताकि पाकिस्तान पर बहुआयामी दबाव बने। परमाणु टकराव से बचने के लिए भारत सावधानी बरतेगा, लेकिन जनता और वैश्विक समर्थन के दबाव में निर्णायक कार्रवाई करेगा। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ