पाकिस्तानी जासूस का सनसनीखेज खुलासा: राजस्थान के मेवात से कासिम गिरफ्तार, ISI का नेटवर्क चकनाचूर!

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान के मेवात से 34 वर्षीय कासिम को गिरफ्तार कर पाकिस्तानी जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया। कासिम, जो आईएसआई के लिए काम करता था, ने भारतीय सेना और सरकारी संस्थानों की गोपनीय जानकारी लीक की। वह दो बार पाकिस्तान जा चुका था और वहाँ आईएसआई से प्रशिक्षण लिया था। कासिम ने सोशल मीडिया और भारतीय सिम कार्डों का इस्तेमाल कर जासूसी की। पुलिस ने उसके पास से मोबाइल, सिम कार्ड और अन्य सबूत बरामद किए। कासिम का भाई, जो आईएसआई एजेंट है, फरार है। पुलिस ने कासिम को रिमांड पर लिया है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।

May 30, 2025 - 13:49
पाकिस्तानी जासूस का सनसनीखेज खुलासा:  राजस्थान के मेवात से कासिम गिरफ्तार, ISI का नेटवर्क चकनाचूर!

दिल्ली पुलिस की स्पेशल टिम ने राजस्थान के मेवात क्षेत्र से 34 वर्षीय कासिम को गिरफ्तार कर एक बड़े पाकिस्तानी जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है। कासिम पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने और भारतीय सेना व सरकारी संस्थानों की संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप है। यह सनसनीखेज खुलासा सितंबर 2024 में मिली खुफिया सूचना के आधार पर हुआ, जब पुलिस को पता चला कि भारतीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल जासूसी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।

कासिम का जासूसी नेटवर्क और उसकी गतिविधियाँ

कासिम ने न केवल भारतीय सिम कार्ड पाकिस्तान भेजे, बल्कि वह स्वयं दो बार पाकिस्तान जा चुका है। सूत्रों के अनुसार, उसे आईएसआई ने विशेष प्रशिक्षण दिया था, जिसमें भारत में गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने और उसे पाकिस्तानी अधिकारियों तक पहुँचाने की ट्रेनिंग शामिल थी। कासिम ने सोशल मीडिया, खासकर यूट्यूबर्स के माध्यम से, पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव्स (पीआईओ) के साथ संपर्क बनाए रखा। उसने भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों और सरकारी कार्यालयों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी लीक की, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा थी।पुलिस ने कासिम के पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि कासिम पिछले 10 महीनों से दिल्ली पुलिस की निगरानी में था। वह लगातार पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में था, और पहलगाम हमले व ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसकी पाकिस्तानी नंबरों से बातचीत की पुष्टि हुई है।

सितंबर 2024 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टिम को खुफिया जानकारी मिली कि मेवात क्षेत्र से कुछ लोग भारतीय सिम कार्डों को पाकिस्तान भेज रहे हैं, जिनका इस्तेमाल जासूसी के लिए हो रहा था। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने गहन छानबीन शुरू की और कासिम को राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्‍तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि कासिम का भाई भी आईएसआई का एजेंट है, जो वर्तमान में फरार है।

पुलिस का अभियान और बरामद सामग्री

कासिम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके पास से कई मोबाइल फोन, भारतीय और विदेशी सिम कार्ड, और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की। कासिम ने इन सिम कार्डों का इस्तेमाल भारत में जासूसी नेटवर्क को संचालित करने और पाकिस्तान में अपने आकाओं तक जानकारी पहुँचाने के लिए किया था। पुलिस ने इस अभियान के तहत कई अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है, जो इस जासूसी रैकेट से जुड़े थे।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा

यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। भारतीय सिम कार्डों का दुरुपयोग और सोशल मीडिया के जरिए जासूसी का यह नेटवर्क दिखाता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियाँ भारत में कितनी गहरी पैठ बना चुकी हैं। कासिम ने न केवल संवेदनशील जानकारी लीक की, बल्कि वह लगातार 90 दिनों तक पाकिस्तान में रहकर आईएसआई के अधिकारियों के संपर्क में रहा। इस दौरान उसने भारतीय सेना की गतिविधियों और सरकारी कार्यालयों से जुड़ी गोपनीय जानकारी एकत्र की।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जाँच

दिल्ली पुलिस ने कासिम को रिमांड पर लिया है ताकि इस जासूसी रैकेट में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके। पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। कासिम के भाई, जो फरार है, की तलाश में भी पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि देश की सुरक्षा के लिए सतर्कता और त्वरित कार्रवाई कितनी जरूरी है। कासिम की गिरफ्तारी से न केवल एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा हुआ है, बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खुफिया तंत्र को और अधिक प्रभावी करने की आवश्यकता है। पुलिस की इस सफलता से उम्मीद है कि इस रैकेट के अन्य सदस्यों का भी जल्द पर्दाफाश होगा, और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले ऐसे नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म किया जा सकेगा।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ