मालेगांव कोर्ट परिसर में उग्र भीड़ का हंगामा: तीन साल की मासूम से रेप-हत्या के आरोपी को फांसी की मांग, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
मालेगांव में 3 साल की मासूम के साथ रेप और हत्या के आरोपी को कोर्ट में पेश करने पर गुस्साई भीड़ ने कोर्ट परिसर में तोड़फोड़ की, पत्थर फेंके और फांसी की मांग की। बेकाबू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया।
मालेगांव (महाराष्ट्र), 21 नवंबर 2025: महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में आज गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दर्दनाक रेप और हत्या के मामले में आरोपी को फांसी देने की मांग को लेकर कोर्ट परिसर में उग्र भीड़ ने जबरदस्त हंगामा मचा दिया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट के दरवाजों पर चम्पल (पत्थर) फेंके, दरवाजे तोड़ने की कोशिश की और नारे लगाते हुए आरोपी को तत्काल सजा देने की गुहार लगाई। हालात बिगड़ते देख पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कुछ लोग घायल होने की खबर है। यह घटना न केवल न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि समाज में महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों के खिलाफ गुस्से को भी उजागर करती है।
घटना का पूरा विवरण: एक मासूम की जिंदगी का काला अध्याय यह मामला 18 नवंबर 2025 को मालेगांव के एक घनी आबादी वाले इलाके में घटित हुआ था। तीन साल की एक मासूम बच्ची, जिसका नाम पुलिस ने गोपनीय रखा है, अपने घर के आसपास खेल रही थी। परिजनों के मुताबिक, शाम करीब 5 बजे वह लापता हो गई। घंटों की तलाश के बाद रात लगभग 9 बजे स्थानीय लोगों को एक सुनसान जगह पर बच्ची का शव मिला, जो बुरी तरह जख्मी था। प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों ने पुष्टि की कि बच्ची के साथ क्रूर तरीके से बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। शव पर गंभीर चोटें और यौन शोषण के स्पष्ट निशान थे, जो इस अपराध की भयावहता को दर्शाते हैं।परिजनों ने तुरंत मालेगांव सिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने अगले ही दिन, यानी 19 नवंबर को, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की 28 वर्षीय के रूप में हुई है, जो उसी इलाके में रहने वाला एक मजदूर है। पुलिस के अनुसार, आरोपी बच्ची को बहला-फुसलाकर ले गया था और अपराध के बाद शव को छिपाने की कोशिश की। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला POCSO एक्ट (बच्चों के यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम) के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें फांसी या उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।
कोर्ट परिसर में उग्र प्रदर्शन: गुस्से का विस्फोट आज सुबह करीब 10 बजे, जब आरोपी को मालेगांव की सेशन कोर्ट में पेश किया गया, तो परिसर के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए। इनमें बच्ची के परिजन, स्थानीय महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल थे। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां थामी हुई थीं, जिन पर लिखा था – "फांसी दो, फांसी दो!", "बच्चियों की हत्या के दोषियों को सजा दो!" और "महिलाओं के खिलाफ अपराध बंद करो!"। उनका मुख्य आरोप था कि आरोपी को तत्काल फांसी दी जाए, क्योंकि कोर्ट की प्रक्रिया लंबी खिंचने से न्याय में देरी हो रही है।हंगामा तब चरम पर पहुंचा जब भीड़ ने कोर्ट के मुख्य द्वार पर चढ़ने की कोशिश की। कई लोग पत्थरबाजी करने लगे, जिससे कोर्ट के शीशे टूट गए और दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए। प्रदर्शनकारियों ने "पुलिस फेल" और "न्याय दो" जैसे नारे लगाए। बच्ची की मां, जो प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही थीं, ने रोते हुए कहा, "मेरी बेटी सिर्फ तीन साल की थी। ये जानवरों ने उसे मार डाला। अगर कोर्ट फांसी नहीं देगा, तो हम खुद न्याय लेंगे।" एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया, "यह सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि पूरे समाज का मुद्दा है। ऐसे अपराधों पर तुरंत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"
पुलिस की कार्रवाई: लाठीचार्ज और हालात पर काबू पुलिस ने शुरुआत में प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जब भीड़ हिंसक हो गई, तो मालेगांव पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। लगभग 200 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात थे, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। एसपी (नासिक ग्रामीण) ने बताया, "हमें दुख है कि ऐसी घटना हुई, लेकिन कानून हाथ में लेना गलत है। हम आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रदर्शन के दौरान 5-6 लोग मामूली रूप से घायल हुए, जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।" पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी है और अतिरिक्त फोर्स तैनात की है ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो।कोर्ट ने आरोपी को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, ताकि पूरे मामले की गहन जांच हो सके। अभियोजन पक्ष ने कहा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी।