जोधपुर में बिजली विभाग की घोर लापरवाही: लाइनमैन वसीम खान की करंट से दर्दनाक मौत,
जोधपुर के चोखा क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण लाइनमैन वसीम खान की करंट लगने से मौत हो गई। वसीम ने सुरक्षा के लिए लाइन बंद करने को कहा था, लेकिन बिना सूचना के बिजली चालू होने से हादसा हुआ। सिंधी समाज और परिजनों में आक्रोश है, वे 50 लाख मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। समाज ने धरना दिया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की, अन्यथा बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी।

जोधपुर के चोखा क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही ने एक होनहार सरकारी कर्मचारी और सिंधी समाज के लाइनमैन वसीम खान की जिंदगी छीन ली। यह हृदयविदारक घटना उस समय हुई, जब वसीम एक ऑनलाइन शिकायत को ठीक करने के लिए बिजली के खंभे पर काम कर रहे थे। उनकी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा को उस समय करारा झटका लगा, जब बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, जिसके परिणामस्वरूप वसीम को तेज करंट का झटका लगा और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे सिंधी समाज में आक्रोश की लहर दौड़ गई।
घटना का विवरण: लापरवाही ने छीनी जिंदगी
जानकारी के अनुसार, वसीम खान ने कार्य शुरू करने से पहले सुरक्षा के लिए बिजली आपूर्ति को 15 मिनट के लिए बंद करने का अनुरोध किया था। यह अनुरोध बिजली विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा, लेकिन उनकी घोर लापरवाही के चलते बिना कोई सूचना या कॉल दिए बिजली लाइन चालू कर दी गई। इस भयंकर चूक का खामियाजा वसीम को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ा। करंट के तेज झटके ने उनकी सांसें छीन लीं, और वह मौके पर ही शहीद हो गए। यह घटना न केवल बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति उनके रवैये को भी कठघरे में खड़ा करती है।
परिजनों और समाज में आक्रोश
वसीम खान की असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया। परिजनों ने इस हादसे के लिए बिजली विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और मांग की है कि वसीम के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और उनके छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी जाए। इस मांग को लेकर सिंधी समाज ने भी एकजुटता दिखाई और जोधपुर के एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना प्रदर्शन किया। धरने में समाज के कई प्रमुख नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें हाजी इकलास खान, सूरसागर विधायक प्रत्याशी इंजीनियर शहजाद अय्यूब खान, पार्षद यूसुफ खान गठसा, जाकिर खान मारवाड़, शाबुद्दीन खान, हकीम खान, संजय खान, अब्बास खान, लतीफ खान और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
समाज की मांग: दोषियों पर कार्रवाई और न्याय
सिंधी समाज ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। समाज के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उचित न्याय नहीं मिला, तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे। धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर करते हुए कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समाज ने यह भी मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।
सुरक्षा के प्रति लापरवाही का सवाल
यह घटना बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है। लाइनमैन जैसे कर्मचारी, जो जोखिम भरे हालात में काम करते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन क्यों नहीं किया गया? बिना सूचना के बिजली आपूर्ति बहाल करने का फैसला किसके आदेश पर लिया गया? इन सवालों के जवाब अब तक बिजली विभाग की ओर से नहीं दिए गए हैं, जिससे समाज का गुस्सा और बढ़ रहा है।
वसीम खान की मृत्यु केवल एक परिवार का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चोट है। उनकी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा को सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि उनके परिवार को उचित मुआवजा और समर्थन मिले। साथ ही, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। सिंधी समाज की एकजुटता और उनके आंदोलन की चेतावनी बिजली विभाग के लिए एक सबक है कि कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।