जैसलमेर में ISI का जासूसी जाल: कांग्रेस नेता के पूर्व PA शकूर खान की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा
जैसलमेर, राजस्थान से सरकारी कर्मचारी शकूर खान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के संदेह में 28 मई 2025 को हिरासत में लिया गया। शकूर, जो पूर्व कांग्रेस मंत्री सालेह मोहम्मद का निजी सहायक रह चुका है, ने बिना अनुमति कई बार पाकिस्तान की यात्रा की। जांच एजेंसियां (NIA, IB, राजस्थान पुलिस) उससे पूछताछ कर रही हैं, जिसमें उसके मोबाइल से पाकिस्तानी नंबर और डिलीट की गई फाइलें मिली हैं। यह मामला यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के जासूसी मामले से मिलता-जुलता है, जो ऑपरेशन सिंदूर के तहत पकड़ी गई थी। जैसलमेर की सामरिक संवेदनशीलता और भारत-पाक तनाव के बीच यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर है। पूछताछ में बड़े खुलासे की उम्मीद है।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच राजस्थान के संवेदनशील जैसलमेर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक सरकारी कर्मचारी, शकूर खान, जो पूर्व कांग्रेस नेता और कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद का निजी सहायक (PA) रह चुका है, को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के संदेह में हिरासत में लिया गया है। शकूर खान की बिना अनुमति पाकिस्तान यात्राओं और ISI के साथ संदिग्ध संबंधों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। क्या शकूर खान का मामला यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के जासूसी नेटवर्क से जुड़ा है?
शकूर खान: सरकारी कर्मचारी से ISI का संदिग्ध जासूस
जैसलमेर के मंगलियों की ढाणी, बड़ोडा गांव का निवासी शकूर खान पुत्र दले खान वर्तमान में जैसलमेर के रोजगार विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्यरत है। सूत्रों के अनुसार, शकूर ने कई बार विभाग को बिना सूचित किए पाकिस्तान की यात्रा की, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र में संदेहास्पद गतिविधि मानी जा रही है। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि शकूर पिछले कुछ वर्षों से ISI के संपर्क में था और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। इसके बाद खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम ने उसे 28 मई 2025 को हिरासत में लिया।
ऑपरेशन सिंदूर और कांग्रेस कनेक्शन
शकूर खान की गिरफ्तारी 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई कार्रवाइयों का हिस्सा है, जिसे 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए। शकूर खान की नजदीकी पूर्व कांग्रेस कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद से भी रही है, जिनके निजी सहायक के रूप में वह काम कर चुका है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि शकूर ने सीमावर्ती इलाकों की गोपनीय जानकारी, जैसे सैन्य गतिविधियों की तस्वीरें और वीडियो, ISI के साथ साझा की,
जैसलमेर पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने पुष्टि की कि "उच्च मुख्यालय से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद शकूर को हिरासत में लिया गया।" हालांकि, उसके फोन में सैन्य-संबंधी कोई तस्वीरें या वीडियो नहीं मिले, लेकिन कई फाइलें डिलीट की गई थीं, जिससे जांच और गहरी हो गई है।
शकूर खान का मामला हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के जासूसी मामले से कई मायनों में मिलता-जुलता है। ज्योति मल्होत्रा, जो अपने यूट्यूब चैनल "Travel with JO" के लिए जानी जाती हैं, को मई 2025 में हिसार से गिरफ्तार किया गया था। उन पर भी ISI के लिए संवेदनशील जानकारी साझा करने और पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के साथ संपर्क में रहने का आरोप है। ज्योति ने 2023 में वैसाखी पर्व के दौरान पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहां उनकी मुलाकात दानिश और अन्य ISI हैंडलर्स जैसे शाकिर और राणा शहबाज से हुई थी।
शकूर खान और ज्योति मल्होत्रा के मामलों में कई समानताएं हैं:
- पाकिस्तान यात्राएं: दोनों ने बिना अनुमति या संदिग्ध परिस्थितियों में पाकिस्तान की यात्रा की।
- ISI संपर्क: दोनों पर ISI के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।
- सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई: दोनों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत हिरासत में लिया गया, जिसका उद्देश्य ISI के जासूसी नेटवर्क को तोड़ना है।
हालांकि, अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो शकूर खान और ज्योति मल्होत्रा को सीधे एक ही नेटवर्क से जोड़ता हो। जांच एजेंसियां इस पहलू की भी गहन जांच कर रही हैं, क्योंकि दोनों की गतिविधियां भारत-पाक सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़ी हैं
संयुक्त जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा
शकूर खान को जयपुर ले जाया गया है, जहां संयुक्त जांच कमेटी (JIC), जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), और राजस्थान पुलिस शामिल हैं, उससे गहन पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि शकूर के मोबाइल में कई पाकिस्तानी नंबर और संदिग्ध चैट्स मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि शकूर ने किन-किन लोगों के साथ जानकारी साझा की और क्या वह ज्योति मल्होत्रा जैसे अन्य संदिग्धों के साथ किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था
जैसलमेर, भारत-पाक सीमा के करीब होने के कारण, सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। शकूर खान की गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर जब से ऑपरेशन सिंदूर के तहत हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में 12 अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ज्योति मल्होत्रा, मलेरकोटला की गजाला, और रामपुर के शहजाद जैसे नाम शामिल हैं, जो ISI के लिए काम करने के आरोपी हैं
कांग्रेस का कनेक्शन: सालेह मोहम्मद पर सवाल
शकूर खान का पूर्व कांग्रेस मंत्री सालेह मोहम्मद के साथ संबंध इस मामले को और जटिल बनाता है। सालेह मोहम्मद राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, और शकूर उनके निजी सहायक के रूप में काम कर चुका है। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया है कि "कांग्रेस के खून में पाकिस्तान-परस्ती है," जिससे इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। हालांकि, यह दावा अभी तक पुष्ट नहीं हुआ है, और जांच एजेंसियां इस कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही हैं।
क्या कहती है जांच?
जांच में अब तक सामने आया है कि:
- शकूर खान ने कम से कम सात बार पाकिस्तान की यात्रा की, जिसके लिए उसने अपने विभाग से कोई अनुमति नहीं ली।
- उसके फोन में कई संदिग्ध पाकिस्तानी नंबर मिले, और कुछ फाइलें डिलीट की गई थीं, जो ISI के साथ संचार का संकेत देती हैं।
- ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैसलमेर में शकूर की गिरफ्तारी एक बड़े जासूसी नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर सख्ती
भारत-पाकिस्तान तनाव और पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। जैसलमेर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है। शकूर खान और ज्योति मल्होत्रा जैसे मामलों से साफ है कि ISI भारत में अपने जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा, और इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शकूर खान की गिरफ्तारी ने भारत के सुरक्षा तंत्र को और सतर्क कर दिया है। उसका कांग्रेस नेता से संबंध और ISI के साथ संदिग्ध कनेक्शन इस मामले को और गंभीर बनाते हैं। ज्योति मल्होत्रा जैसे अन्य मामलों के साथ इसकी समानता से पता चलता है कि पाकिस्तान भारत में अपने जासूसी नेटवर्क को सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद है।