मजबूरी में मां ने नवजात सौंपा किन्नर को, पुलिस ने लौटाया – अब DM के पास पहुँचा मामला

आर्थिक तंगी से जूझ रही एक मां ने अपने नवजात को कानूनी प्रक्रिया के बाद किन्नर को सौंप दिया, लेकिन स्थानीय लोगों की आपत्ति पर पुलिस ने बच्चे को बरामद कर चाइल्डलाइन को सौंप दिया; मामला जांच के दायरे में है।

Sep 16, 2025 - 17:18
मजबूरी में मां ने नवजात सौंपा किन्नर को, पुलिस ने लौटाया – अब DM के पास पहुँचा मामला

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से एक मामला सामने आया है, जहां आर्थिक तंगी से जूझ रही एक मां ने अपने नवजात शिशु को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक किन्नर को सौंप दिया। हालांकि, स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद पुलिस ने बच्चे को बरामद कर चाइल्डलाइन संस्था को सौंप दिया। यह घटना न केवल व्यक्तिगत मजबूरी को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक मान्यताओं और कानूनी प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाती है।

क्या हुआ हाथरस में?

हाथरस जिले के थाना सदर कोतवाली क्षेत्र के लाला का नगला निवासी मंजू रानी की जिंदगी उस समय पूरी तरह बदल गई, जब उनके पति डेविल की अचानक मृत्यु हो गई। उस समय मंजू गर्भवती थीं और परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। पति की मृत्यु के बाद, मंजू के सामने अपने और अपने होने वाले बच्चे के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो गए।

इसी दौरान उनकी मुलाकात शाहपुर कला निवासी ममता नाम की एक किन्नर से हुई। मंजू ने अपनी आर्थिक तंगी और बच्चे के भविष्य की चिंता ममता के सामने रखी। ममता ने मंजू को भरोसा दिलाया कि वह बच्चे का पालन-पोषण करने के लिए तैयार हैं और जन्म के बाद उसे गोद ले लेंगी। बच्चे के जन्म के बाद, मंजू और ममता ने सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं, और नवजात को ममता को सौंप दिया गया।

लोगों की आपत्ति और पुलिस का हस्तक्षेप

बच्चे को किन्नर को सौंपे जाने की खबर जब लोगों तक पहुंची, तो उन्होंने इस पर कड़ा विरोध जताया। लोगों का मानना था कि यह कदम अनुचित है और इसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय पुलिस से की। शिकायत के आधार पर पुलिस तुरंत हरकत में आई और ममता के पास से नवजात को बरामद कर लिया। बच्चे की मेडिकल जांच कराने के बाद उसे चाइल्डलाइन संस्था को सौंप दिया गया, जो बच्चों के कल्याण के लिए काम करती है।

किन्नर समाज का पक्ष: प्रशासन से मुलाकात

इस घटना ने तब और तूल पकड़ा, जब किन्नर समाज के लोग बच्चे को वापस पाने की मांग लेकर जिला प्रशासन के पास पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा और बताया कि बच्चे को कानूनी रूप से गोद लिया गया था। किन्नर समाज का कहना था कि मंजू ने अपनी मर्जी से बच्चे को ममता को सौंपा था, और इसमें कोई गैरकानूनी कार्य नहीं हुआ।

प्रशासन की भूमिका: जांच जारी

फिलहाल यह मामला जिला प्रशासन के पास है, और पुलिस इसकी गहन जांच कर रही है। प्रशासन इस बात की पड़ताल कर रहा है कि क्या यह निर्णय पूरी तरह आर्थिक मजबूरी के कारण लिया गया, या इसके पीछे कोई अन्य कारण हैं। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया में सभी कानूनी मानदंडों का पालन किया गया था या नहीं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .