मानसून से पहले बाड़मेर की सड़कों पर सुबह 3 बजे उतरीं कलेक्टर टीना डाबी, नवो बाड़मेर अभियान में युद्ध स्तर पर नालों की सफाई शुरू"
बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने मानसून से पहले "नवो बाड़मेर" अभियान के तहत सुबह 3 बजे सड़कों पर उतरकर नालों की सफाई के लिए युद्ध स्तर पर विशेष रात्रिकालीन अभियान शुरू किया। इस अभियान में नोडल और सहायक अधिकारियों को नियुक्त किया गया है ताकि बाड़मेर शहर के सभी क्षेत्रों की सफाई सुनिश्चित हो। यह कदम शहर को स्वच्छ और बारिश के लिए तैयार करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

बाड़मेर, 31 मई 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में मानसून की दस्तक से पहले शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए जिला कलेक्टर टीना डाबी ने अपने नवाचारों की पहचान 'नवो बाड़मेर अभियान' को और तेज कर दिया है। शनिवार तड़के सुबह 3 बजे, जब शहर नींद में डूबा था, जिला कलेक्टर टीना डाबी ने 2 आईएएस, 3 आरएएस और 18 अधिकारियों की टीम के साथ सड़कों पर उतरकर नालों की सफाई अभियान की कमान संभाली। इस अभियान में बाड़मेर नगर परिषद के कर्मचारी भी युद्ध स्तर पर जुटे हैं, जिसमें प्रत्येक टीम के साथ 30-30 कार्मिक सफाई कार्य में लगे हैं।
अभियान का मिशन: स्वच्छ और सुरक्षित बाड़मेर
'नवो बाड़मेर अभियान' के तहत जिला कलेक्टर टीना डाबी ने मानसून से पहले शहर की नालियों और नालों की सफाई को प्राथमिकता दी है। बारिश के मौसम में जलभराव और गंदगी से होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए यह अभियान विशेष रूप से शुरू किया गया है। टीना डाबी ने स्वयं ग्राउंड जीरो पर उतरकर अहिंसा सर्किल, रेलवे स्टेशन, कृषि मंडी, कलेक्ट्रेट, मल्लीनाथ सर्किल सहित शहर के प्रमुख स्थानों पर सफाई कार्य का निरीक्षण किया। उनके साथ प्रशिक्षु आईएएस छाया सिंह, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार, अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत, आरएएस अधिकारी यक्ष चौधरी, श्रवण सिंह राजावत, वीरमा राम और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
युद्ध स्तर पर सफाई: 18 टीमें, 30-30 कार्मिक
इस मेगा सफाई अभियान में 18 अधिकारियों की टीमें बनाई गई हैं, जिनमें प्रत्येक टीम के साथ बाड़मेर नगर परिषद के 30-30 कार्मिक सफाई कार्य में जुटे हैं। यह अभियान शहर के प्रमुख चौराहों, गलियों, और नालियों को कचरा और गंदगी से मुक्त करने के लिए रणनीतिक रूप से चलाया जा रहा है। जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सफाई कार्य में कोई कोताही न बरती जाए और मानसून से पहले सभी नाले और नालियां पूरी तरह स्वच्छ कर दी जाएं।
टीना डाबी का नेतृत्व: प्रेरणा और एक्शन
आईएएस टीना डाबी, जो 2015 बैच की टॉपर रही हैं, अपने नवाचारों और सक्रिय प्रशासनिक शैली के लिए जानी जाती हैं। बाड़मेर में जिला कलेक्टर का पदभार संभालने के बाद से ही उन्होंने 'नवो बाड़मेर अभियान' के जरिए शहर की तस्वीर बदलने की ठानी है। इससे पहले वे जैसलमेर में कलेक्टर रहते हुए 'जैसाण शक्ति' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर चुकी हैं। बाड़मेर में भी वे जैसलमेर मॉडल को लागू करते हुए शहर को स्वच्छ, सुंदर और मॉडल सिटी बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।
सुबह 3 बजे सड़कों पर उतरकर सफाई कार्य का जायजा लेना उनकी कार्यशैली का एक और उदाहरण है। अभियान के दौरान उन्होंने न केवल सफाई कार्य का निरीक्षण किया, बल्कि स्थानीय लोगों से भी स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। टीना डाबी ने कहा, "मानसून से पहले नालों की सफाई अत्यंत जरूरी है ताकि बारिश में जलभराव की समस्या न हो। हमारा लक्ष्य बाड़मेर को स्वच्छ और सुंदर बनाना है, और इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है।"
स्थानीय लोगों का उत्साह, प्रशासन का जोश
'नवो बाड़मेर अभियान' को स्थानीय लोगों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। पहले भी इस अभियान के तहत शहर के कई इलाकों को साफ-सुथरा किया जा चुका है, जिसकी स्थानीय महिलाओं और विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी ने खुलकर प्रशंसा की है। एक स्थानीय निवासी सुधा डांगरा ने कहा, "पहले सालों से पड़े गंदगी के ढेर अब हटाए जा रहे हैं। कलेक्टर मैडम के इस अभियान से शहर की सूरत बदल रही है।"
चुनौतियां और समाधान
शहर में कई जगहों पर नालियों और सड़कों पर लंबे समय से जमा कचरे की समस्या गंभीर रही है। सीमित संसाधनों और कर्मचारियों की कमी के बावजूद, टीना डाबी ने भामाशाहों और आमजन के सहयोग से इस अभियान को गति दी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे गंदगी की जानकारी जिला प्रशासन या नगर परिषद को दें ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
आगे की राह: स्वच्छता की आदत
टीना डाबी ने कहा, "किसी भी अभियान की सफलता जनता के सहयोग के बिना संभव नहीं है। स्वच्छता को आदत बनाने में समय लगता है, लेकिन अगर हम सब मिलकर प्रयास करें, तो बाड़मेर स्वच्छता में इंदौर जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ सकता है।" उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि सफाई कार्य की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए ताकि अभियान का प्रभाव लंबे समय तक बना रहे।