चित्तौड़गढ़ दुर्ग में भालू की दस्तक: सूरजपोल के पास मूवमेंट से दहशत, वन विभाग का सर्च ऑपरेशन शुरू
चित्तौड़गढ़ दुर्ग के सूरजपोल दरवाजे के पास भालू की मूवमेंट देखी गई, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में दहशत फैल गई। संभवतः भालू रावतभाटा या बस्सी वन्यजीव सेंचुरी से भोजन की तलाश में भटककर दुर्ग पहुंचा। लोगों के शोर के बाद भालू जंगल की ओर भाग गया
चित्तौड़गढ़, 23 मई 2025: विश्व प्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जो अपनी ऐतिहासिक वीरता और शौर्य की गाथाओं के लिए जाना जाता है, आज एक अनोखे मेहमान के कारण सुर्खियों में है। शुक्रवार सुबह दुर्ग के पूर्वी सूरजपोल दरवाजे के पास एक भालू की मूवमेंट देखी गई, जिससे दुर्ग परिसर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। स्थानीय लोगों और मॉर्निंग वॉक पर निकले पर्यटकों ने भालू को देखा और तुरंत इसकी सूचना सिक्योरिटी गार्ड्स को दी। सिक्योरिटी गार्ड्स ने भालू का वीडियो बनाया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
भालू की मूवमेंट: क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, सुबह के समय जब लोग चित्तौड़गढ़ दुर्ग के आसपास मॉर्निंग वॉक और दर्शन के लिए निकले थे, तभी सूरजपोल दरवाजे के पास घने जंगल क्षेत्र में भालू की मूवमेंट देखी गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भालू संभवतः भोजन की तलाश में रावतभाटा और बस्सी वन्यजीव सेंचुरी से भटककर दुर्ग की पहाड़ियों तक पहुंच गया। चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जो 180 मीटर ऊंची पहाड़ी पर 700 एकड़ में फैला है, अपने चारों ओर घने जंगलों से घिरा हुआ है, जो वन्यजीवों के लिए अनुकूल क्षेत्र प्रदान करता है।
लोगों की भीड़ और शोर-शराबे के कारण भालू डरकर वापस जंगल की ओर भाग गया। हालांकि, इस घटना ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों में भय पैदा कर दिया, क्योंकि चित्तौड़गढ़ दुर्ग न केवल एक ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र भी है।
वन विभाग का सर्च ऑपरेशन
भालू की मूवमेंट की सूचना मिलते ही चित्तौड़गढ़ वन विभाग और पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया। वन विभाग की टीम ने तुरंत सूरजपोल और आसपास के जंगल क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भालू के रावतभाटा या बस्सी वन्यजीव सेंचुरी से भटककर आने की संभावना है, क्योंकि ये क्षेत्र चित्तौड़गढ़ से सटे हुए हैं और वहां भालुओं की मौजूदगी पहले भी दर्ज की गई है।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "हमारी टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। भालू के पंजों के निशान और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भालू सुरक्षित रूप से जंगल में वापस जाए और लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे।" विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे जंगल क्षेत्र में अनावश्यक रूप से न जाएं और सावधानी बरतें।
रावतभाटा और बस्सी सेंचुरी से भालू का आना
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, रावतभाटा और बस्सी वन्यजीव सेंचुरी क्षेत्र में भालुओं की अच्छी-खासी आबादी है। रावतभाटा में हाल के महीनों में पैंथर और अन्य वन्यजीवों की गतिविधियां भी देखी गई हैं, जिससे यह संभावना बढ़ जाती है कि भालू भोजन या पानी की तलाश में चित्तौड़गढ़ दुर्ग की ओर भटक गया हो। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जंगल में मानवीय गतिविधियों और पर्यावरणीय बदलाव के कारण वन्यजीवों का मानव बस्तियों की ओर आना अब आम बात हो गई है।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों में भय
चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, रोजाना सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करता है। भालू की मूवमेंट की खबर ने न केवल स्थानीय निवासियों, बल्कि पर्यटकों में भी दहशत पैदा कर दी है। एक स्थानीय निवासी गोपाल चतुर्वेदी ने बताया, "हम सुबह टहलने के लिए निकले थे, तभी भालू को देखकर डर गए। यह पहली बार है जब दुर्ग पर इतने करीब से भालू दिखा है।" पर्यटकों ने भी सूरजपोल क्षेत्र में सावधानी बरतने की मांग की है।
ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग और वन्यजीवों का संगम
चित्तौड़गढ़ दुर्ग, जो मेवाड़ की प्राचीन राजधानी रहा है, अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह दुर्ग 65 ऐतिहासिक संरचनाओं, चार महलों, 19 मंदिरों, 20 जलाशयों और कई स्मारकों का घर है। सूरजपोल दरवाजा, जहां भालू देखा गया, दुर्ग का एक प्रमुख प्रवेश द्वार है और इसके पास ही साईदास जी का स्मारक और अन्य ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं।
हालांकि, दुर्ग के चारों ओर घने जंगल और बेराच व गंभीरी नदियों का निकटवर्ती क्षेत्र इसे वन्यजीवों के लिए भी आकर्षक बनाता है। इससे पहले भी रावतभाटा क्षेत्र में पैंथर की गतिविधियां देखी गई हैं, जिससे वन विभाग पहले से ही सतर्क है।
वन विभाग और प्रशासन की अपील
वन विभाग ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अपील की है कि वे सूरजपोल और आसपास के जंगल क्षेत्र में सावधानी बरतें। साथ ही, रात के समय और सुबह-सुबह अकेले घूमने से बचने की सलाह दी गई है। चित्तौड़गढ़ पुलिस ने भी लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।