उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही: 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता, धराली गांव में बर्बादी का मंजर.

उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की इस घटना ने प्रकृति की अप्रत्याशित शक्ति को एक बार फिर उजागर किया है। स्थानीय निवासियों की आंखों के सामने उनका सब कुछ मलबे में तब्दील हो गया। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन लापता लोगों की तलाश और प्रभावित परिवारों का पुनर्वास एक बड़ी चुनौती है। सरकार और प्रशासन की तत्परता के बावजूद, इस त्रासदी ने यह सवाल उठाया है कि क्या हम ऐसी आपदाओं के लिए पूरी तरह तैयार हैं?

Aug 6, 2025 - 00:53
उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही: 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता, धराली गांव में बर्बादी का मंजर.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त 2025 को बादल फटने की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने गांव को मलबे और सैलाब के हवाले कर दिया। चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई घर, होटल, दुकानें और बाजार पूरी तरह तबाह हो गए हैं। इस त्रासदी ने न केवल स्थानीय निवासियों की जिंदगियों को उजाड़ दिया, बल्कि चारधाम यात्रा के लिए मशहूर इस क्षेत्र की रौनक को भी मातम में बदल दिया।

चश्मदीदों का दिल दहलाने वाला बयान

धराली गांव की निवासी आस्था पवार ने इस भयानक मंजर को अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बीबीसी संवाददाता को बताया, "मैंने अपनी आंखों के सामने होटल और घर बहते देखे। पहली लहर इतनी जोरदार थी कि सब कुछ तहस-नहस हो गया। हर 10-15 मिनट में मलबे की लहरें आ रही थीं, जो बचे हुए ढांचों को भी अपने साथ ले जा रही थीं।" आस्था ने यह भी बताया कि प्रशासन की ओर से कोई पूर्व चेतावनी नहीं दी गई थी। "स्कूल खुले थे, बच्चे पढ़ रहे थे, और गांव वाले एक स्थानीय पूजा की तैयारी में थे। कोई नहीं जानता था कि इतनी बड़ी आपदा आने वाली है।" 

"धराली का बाजार, जहां तीन-चार मंजिला होटल और दुकानें थीं, अब वहां कुछ भी नहीं बचा। प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर भी मलबे में दब गया है।" यह क्षेत्र गंगोत्री धाम के रास्ते में पड़ता है और चारधाम यात्रा के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां श्रद्धालु और पर्यटक अक्सर रुकते हैं। 

हर्षिल वैली के बगोरी गांव के करण ने बताया कि आसपास के इलाकों को खाली करवाया गया है और लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजा जा रहा है ताकि बारिश की स्थिति में और नुकसान न हो।

तबाही का मंजर और नुकसान

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि खीर गंगा नदी में बादल फटने से अचानक जलस्तर बढ़ गया, जिसके साथ भारी मात्रा में मलबा और पत्थर बहकर आए। इस सैलाब ने धराली के बाजार और रिहायशी इलाकों को तबाह कर दिया। 40 से 50 घर, 20-25 होटल और होमस्टे पूरी तरह बह गए। कुछ अनुमानों के अनुसार, 10-12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। गंगोत्री धाम का जिला मुख्यालय से संपर्क भी टूट गया है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें बढ़ रही हैं। 

77अंधेरे में रेस्क्यू के लिए अस्थायी लाइट की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और खतरनाक इलाकों से दूर रहने की अपील की है।

सरकार की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर स्थिति का जायजा लिया और प्रभावितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, "राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव टीमें हरसंभव प्रयास में जुटी हैं। सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं।" 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। ITBP की तीन टीमें और NDRF की चार टीमें तुरंत मौके पर भेजी गईं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना को दुखद बताते हुए कहा, "राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। मैं लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हूं और स्थिति पर नजर रख रहा हूं।" उन्होंने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की।

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी इस त्रासदी पर दुख जताया। राहुल गांधी ने कहा, "यह खबर बेहद दुखद और चिंताजनक है। मैं शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।" प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार से तत्काल मदद और मुआवजे की मांग की।

आगे की चुनौतियां और मौसम की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे दोबारा बादल फटने का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञ इस तरह की घटनाओं को जलवायु परिवर्तन और अनियोजित निर्माण से जोड़कर देख रहे हैं। धराली जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में नदियों के किनारे बने होटल और ढांचे इस तबाही को और बढ़ाने का कारण बने।