छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भयावह रेल हादसा: पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की जोरदार टक्कर, 10 की मौत की आशंका, दर्जनों घायल; रेस्क्यू अभियान जारी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कोरबा पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर से 10 की मौत की आशंका, दर्जनों घायल; बिलासपुर-कटनी रूट ठप, रेस्क्यू जारी।
बिलासपुर, 4 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार दोपहर एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। हावड़ा रूट पर चल रही कोरबा पैसेंजर मेमू (मेनटेनेंस इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन (ट्रेन नंबर 68733, गेवरा रोड-बिलासपुर) और एक मालगाड़ी के बीच आमने-
सामने की भयानक टक्कर हो गई। यह हादसा बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन के लालखदान इलाके में दोपहर करीब 4 बजे घटित हुआ, जहां दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पैसेंजर ट्रेन के तीन से चार डिब्बे पटरी से उतर गए, जबकि मालगाड़ी के कुछ वैगन भी प्रभावित हुए। इस हादसे में कम से कम 10 यात्रियों की मौत की आशंका है, जबकि 12 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। कई स्रोतों में 18 मौतों की आशंका जताई गई है, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
हादसे का विवरण: कैसे हुई यह भयानक टक्कर? कोरबा पैसेंजर ट्रेन जांजगीर-चांपा जिले के गेवरा रोड से बिलासपुर की ओर यात्रा कर रही थी। वहीं, मालगाड़ी बिलासपुर से कटनी की दिशा में जा रही थी। लालखदान स्टेशन के निकट, जो बिलासपुर रेलवे डिवीजन का एक व्यस्त इलाका है, दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर पहुंच गईं। टक्कर के दौरान एक जोरदार धमाका हुआ, और पैसेंजर ट्रेन का अगला डिब्बा मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। साक्ष्य के तौर पर, मौके पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के अंदर अफरा-तफरी मच गई। "हम अचानक झटके के साथ रुक गए, और अगले पल सब कुछ बिखर गया। लोग चीख रहे थे, कई डिब्बों में फंस गए थे," एक यात्री ने बताया। वीडियो फुटेज में क्षतिग्रस्त डिब्बे, बिखरा मलबा और घायलों को बचाने की कोशिशें साफ दिखाई दे रही हैं। हादसे के सटीक कारणों की जांच चल रही है, लेकिन प्रारंभिक संकेत सिग्नलिंग सिस्टम की खराबी या मानवीय चूक की ओर इशारा कर रहे हैं। रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बिलासपुर ने जांच के आदेश दिए हैं।
हताहतों की स्थिति: मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका हादसे में मरने वालों की संख्या 10 बताई जा रही है, लेकिन मलबे में फंसे कुछ यात्रियों के कारण यह आंकड़ा बढ़ सकता है। घायलों की संख्या 12 से 24 तक बताई जा रही है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई घायलों की हालत गंभीर है, और वे बिलासपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर (सीपीआरओ) ने पुष्टि की है कि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि अन्य को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है, और उनके परिजनों को सूचित करने का काम जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू टीमों को अलर्ट कर दिया। बिलासपुर रेलवे डिवीजन से रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ), जिला प्रशासन, पुलिस और मेडिकल यूनिट मौके पर पहुंचीं। स्थानीय एनजीओ और फायर ब्रिगेड की टीमें भी सहायता के लिए जुटीं। घायलों को मलबे से निकालकर नजदीकी अस्पतालों—जैसे बिलासपुर के मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल—में भेजा जा रहा है। रेल मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हादसे पर शोक व्यक्त किया है। सीएम ने घायलों के इलाज के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं, और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।
इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान: रेल सेवाएं ठप टक्कर के प्रभाव से ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइनें (ओएचई) पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि सिग्नल सिस्टम भी चरमरा गया है। इससे बिलासपुर-कटनी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है। इस व्यस्त रूट पर रोजाना सैकड़ों पैसेंजर और मालगाड़ियां चलती हैं, इसलिए प्रभाव व्यापक है। रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जबकि अन्य को डायवर्ट किया गया है। उदाहरण के लिए:अमरकंटक एक्सप्रेस और सारनाथ एक्सप्रेस को गोंदिया-जबलपुर रूट से डायवर्ट किया गया। कोयला परिवहन वाली मालगाड़ियों को कोरबा-नागपुर रूट से चलाया जा रहा है। कुल 6 ट्रेनें रद्द, 11 का रूट बदला गया।