बिहार से लापता मानसिक रूप से बीमार युवक बाड़मेर में पुलिस को मिला: एक माह बाद भाई से मिलन, गले लगकर जाहिर की खुशी; रामसर पुलिस के 'मिलाप' अभियान की सराहना

बाड़मेर पुलिस ने बिहार से लापता मानसिक रूप से बीमार युवक साहिल मंसूरी को एक माह बाद सकुशल बरामद कर भाई साजिद को सौंपा; ऑपरेशन मिलाप के तहत परिवार का भावुक मिलन,

Nov 9, 2025 - 10:26
बिहार से लापता मानसिक रूप से बीमार युवक बाड़मेर में पुलिस को मिला: एक माह बाद भाई से मिलन, गले लगकर जाहिर की खुशी; रामसर पुलिस के 'मिलाप' अभियान की सराहना

राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक हृदयस्पर्शी घटना सामने आई है, जहां बिहार से लापता एक मानसिक रूप से बीमार युवक को पुलिस ने सकुशल बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया। युवक करीब एक माह से घर से गायब था और परिजन उसे ढूंढने में असमर्थ थे। बाड़मेर की रामसर पुलिस ने स्पेशल अभियान 'मिलाप' के तहत इस मामले को सुलझाया और परिवार को फिर से एकजुट किया। परिजनों ने पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

घटना का विवरण: कैसे हुआ लापता और बरामदगी?  खबर के अनुसार, गुमशुदा युवक का नाम साहिल मंसूरी (उम्र करीब 25-30 वर्ष अनुमानित) है, जो बिहार के एक गांव का निवासी है। वह मानसिक रूप से बीमार था और घर से अचानक गायब हो गया था। परिजनों के मुताबिक, साहिल एक माह पहले (अक्टूबर माह में) घर से निकला और वापस नहीं लौटा। परिवार ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। साहिल की मानसिक स्थिति के कारण वह दिशाहीन होकर कहीं भी भटक सकता था, जिससे परिजनों की चिंता बढ़ गई थी।बाड़मेर जिले के रामसर क्षेत्र में साहिल को पुलिस को देखा गया। वह भटकते हुए सड़कों पर घूम रहा था और अपनी पहचान बताने में असमर्थ था। स्थानीय लोगों ने उसे देखकर रामसर पुलिस थाने को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे अपने संरक्षण में लिया और उसकी देखभाल की। चूंकि साहिल मानसिक रूप से परेशान था, इसलिए पुलिस ने उसे शांतिपूर्वक हैंडल किया और कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की।

पुलिस का स्पेशल अभियान 'मिलाप': परिवार से संपर्क कैसे हुआ?रामसर पुलिस स्टेशन के प्रभारी और उनकी टीम ने राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत कार्रवाई शुरू की। यह अभियान विशेष रूप से लापता व्यक्तियों, विशेषकर मानसिक रूप से अस्थिर या असहाय लोगों को उनके परिवार से मिलाने के लिए चलाया जाता है। पुलिस ने साहिल से पूछताछ की कोशिश की, लेकिन उसकी स्थिति के कारण ज्यादा जानकारी नहीं मिली। फिर पुलिस ने सोशल मीडिया, स्थानीय समाचार और बिहार पुलिस से संपर्क साधा।आखिरकार, बिहार पुलिस की मदद से साहिल के परिजनों का पता चला। पुलिस ने फोन और वीडियो कॉल के माध्यम से परिवार से संपर्क किया। साहिल के भाई साजिद मोहम्मद ने अपनी पहचान सत्यापित की और बाड़मेर पहुंचने की इच्छा जताई। पुलिस ने सभी औपचारिकताएं पूरी कीं, जैसे पहचान पत्र, फोटो और अन्य दस्तावेजों की जांच।

भावुक मिलन: भाई को देखकर गले लगे साहिल साजिद मोहम्मद बिहार से बाड़मेर पहुंचे। रामसर पुलिस थाने में दोनों भाइयों का मिलन बेहद भावुक था। साहिल ने अपने भाई को देखते ही उसे गले लगा लिया और खुशी जाहिर की। परिजनों का कहना है कि साहिल की मानसिक स्थिति अब भी नाजुक है, लेकिन परिवार के साथ लौटने से उसे राहत मिलेगी। साजिद ने पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा, "हमने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन बाड़मेर पुलिस ने चमत्कार कर दिखाया।"पुलिस ने साहिल को पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित पाकर सौंपा। थाने में चाय-नाश्ते का इंतजाम किया गया और परिवार को यात्रा के लिए सहायता प्रदान की गई।

पुलिस की भूमिका और सराहना;  रामसर पुलिस थाने के एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) ने बताया कि 'ऑपरेशन मिलाप' के तहत अब तक कई लापता व्यक्तियों को परिवार से मिलाया जा चुका है। इस मामले में टीम की मेहनत और संवेदनशीलता सराहनीय रही। बाड़मेर एसपी ने भी टीम को बधाई दी है।परिजनों ने बाड़मेर पुलिस को फूलमालाएं भेंट कीं और शुक्रिया अदा किया। साजिद ने कहा, "पुलिस ने न केवल मेरे भाई को बचाया, बल्कि पूरे परिवार को नई जिंदगी दी।"