बाड़मेर में जल संकट की गूंज: सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने संसद में उठाया मुद्दा, जल जीवन मिशन को बताया ‘बड़ा घोटाला’

सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने गुरुवार को लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र में व्याप्त गंभीर जल संकट का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने जल जीवन मिशन को ‘बड़ा घोटाला’ करार दिया और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सांसद ने थार रेगिस्तान के लोगों की पीड़ा को सामने रखते हुए कहा कि आजादी के 8 दशक बाद भी बाड़मेर की जनता पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है।

Apr 3, 2025 - 20:08
Apr 3, 2025 - 20:13
बाड़मेर में जल संकट की गूंज: सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने संसद में उठाया मुद्दा, जल जीवन मिशन को बताया ‘बड़ा घोटाला’

रिपोर्ट/जसवंत सिंह शिवकर - दिल्ली, 03 अप्रैल 2025: राजस्थान के बाड़मेर से सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने गुरुवार को लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र में व्याप्त गंभीर जल संकट का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने जल जीवन मिशन को ‘बड़ा घोटाला’ करार दिया और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सांसद ने थार रेगिस्तान के लोगों की पीड़ा को सामने रखते हुए कहा कि आजादी के 8 दशक बाद भी बाड़मेर की जनता पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। 

जल जीवन मिशन पर सवाल, घोटाले का आरोप

सांसद बेनीवाल ने कहा कि 2019 में शुरू हुई जल जीवन मिशन योजना का लक्ष्य था कि 2024 तक देश के हर घर में पीने का पानी पहुंचाया जाए। लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र में इस दिशा में 10-15% काम भी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “प्रशासन की ओर से प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं कि इन घरों में पानी पहुंचा दिया गया है, लेकिन हकीकत में एक बूंद पानी भी नहीं पहुंचा। इस योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए हैं, जिसकी जांच जरूरी है।”

थार में गहराता जल संकट

बेनीवाल ने अपने संबोधन में बाड़मेर और आसपास के सीमांत रेगिस्तानी इलाकों में लंबे समय से चले आ रहे जल संकट की भयावह तस्वीर पेश की। उन्होंने कहा, “इस साल हालात और भी बदतर हो गए हैं। गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और लाखों लोगों को पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।” उन्होंने इसे केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि एक गंभीर मानवीय संकट करार दिया।

अमृतकाल की बातें, लेकिन पानी को तरसती जनता’

सांसद ने केंद्र सरकार के ‘अमृतकाल’ और ‘विकसित भारत’ के नारों पर तंज कसते हुए कहा, “देश में बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन बाड़मेर जैसे इलाकों में लोग आज भी पानी के लिए मोहताज हैं। यह शर्मनाक है कि आजादी के 77 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं जनता तक नहीं पहुंचीं।” उन्होंने सरकार से इस संकट के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की।

संसद में उठा सवाल, आगे क्या?

उम्मेदाराम बेनीवाल के इस बयान ने न केवल बाड़मेर बल्कि देश के अन्य जल संकटग्रस्त क्षेत्रों की स्थिति पर भी चर्चा छेड़ दी है। जल जीवन मिशन की प्रगति और उसमें कथित अनियमितताओं की जांच की मांग अब सरकार के लिए एक बड़ा सवाल बन गई है। देखना होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन की ओर से क्या जवाब और कदम आते हैं।

बाड़मेर की जनता की यह पुकार अब संसद के गलियारों तक पहुंच चुकी है, और उम्मीद है कि इस संकट का समाधान जल्द ही प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ