"बाड़मेर में गर्मी का कहर: मोखाब गांव आग की चपेट में, मदद को तरसते लोग"

बाड़मेर, राजस्थान (10 अप्रैल, 2025): राजस्थान के बाड़मेर जिले में गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। जिले के मोखाब गांव में भीषण गर्मी के कारण लगी आग ने 50 एकड़ जमीन को अपनी चपेट में ले लिया है और यह आग तेजी से फैलती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आग इतनी भयावह है कि इसे काबू करना मुश्किल होता जा रहा है। गांव में हाहाकार मचा हुआ है, और लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस आग को बुझाने की कोशिश में जुटे हैं।
मोखाब गांव, जो बाड़मेर शहर से करीब दो घंटे की दूरी पर स्थित है, इस समय संकट के भंवर में फंसा है। सूखी जमीन, तेज हवाएं और चिलचिलाती गर्मी ने इस आग को और विकराल बना दिया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग की शुरुआत सुबह के वक्त हुई, जब असहनीय गर्मी ने जमीन पर मौजूद सूखी घास-फूस को चिंगारी में बदल दिया। देखते ही देखते यह चिंगारी एक भीषण अग्निकांड में तब्दील हो गई।
स्थानीय लोगों की जद्दोजहद
गांव के लोग पानी की बाल्टियों, मिट्टी और तमाम पारंपरिक तरीकों से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। एक ग्रामीण, रामलाल ने बताया, "हमारे पास ज्यादा साधन नहीं हैं। पानी भी कम पड़ रहा है, लेकिन हम हार नहीं मान सकते। अगर आग और फैली, तो हमारा सब कुछ खत्म हो जाएगा।" वहीं, गांव की महिलाएं और बच्चे भी इस संकट में हाथ बंटा रहे हैं, लेकिन आग की लपटें उनकी मेहनत पर भारी पड़ रही हैं।
फायर ब्रिगेड की देरी, बढ़ता संकट
मोखाब गांव की बाड़मेर से दूरी इस आपदा को और गंभीर बना रही है। गांव तक पहुंचने वाली कच्ची सड़कें और दो घंटे का लंबा सफर फायर ब्रिगेड के लिए चुनौती बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गई है, लेकिन अभी तक राहत की कोई गाड़ी गांव तक नहीं पहुंची है। एक अधिकारी ने बताया, "हमारी टीमें रास्ते में हैं, लेकिन रेगिस्तानी इलाके की मुश्किल परिस्थितियां रास्ते में बाधा डाल रही हैं। हम जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।"
क्या है आग का कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि बाड़मेर में इस साल की असामान्य गर्मी और सूखे ने इस तरह की घटनाओं को जन्म दिया है। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, और हवा में नमी की कमी ने जमीन को बारूद की तरह बना दिया है। एक चेतावनी दी थी कि ऐसी स्थिति में छोटी सी चिंगारी भी बड़े हादसे का रूप ले सकती है। मोखाब गांव की यह घटना इस खतरे की एक मिसाल बन गई है।