"बाड़मेर के होड़ू गांव से राजकोट के कलेक्टर तक: IAS डॉ. ओमप्रकाश माचरा की प्रेरणादायक यात्रा"

IAS डॉ. ओमप्रकाश माचरा, 2016 बैच के अधिकारी और टीना डाबी के बैचमेट, ने गुजरात के राजकोट जिले के जिला कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया। राजस्थान के बाड़मेर जिले के होड़ू गांव के निवासी, चिकित्सक से प्रशासक बने माचरा ने DDO के रूप में शानदार कार्य किया।

Jun 18, 2025 - 08:54
"बाड़मेर के होड़ू गांव से राजकोट के कलेक्टर तक: IAS डॉ. ओमप्रकाश माचरा की प्रेरणादायक यात्रा"

बाड़मेर:- भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 2016 बैच के अधिकारी और बाड़मेर जिले के होड़ू गांव के निवासी डॉ. ओमप्रकाश माचरा ने हाल ही में गुजरात के राजकोट जिले के जिला कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया है। यह उपलब्धि न केवल उनके करियर में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि उनके गृह जिले बाड़मेर और होड़ू गांव के लिए भी गर्व का क्षण है। 2016 बैच की UPSC टॉपर टीना डाबी के बैचमेट रहे डॉ. माचरा ने अपनी मेहनत, लगन और प्रशासनिक कौशल से यह मुकाम हासिल किया है। इससे पहले, जिला विकास अधिकारी (DDO) के रूप में उनके शानदार कार्यों ने उन्हें राजकोट जैसे महत्वपूर्ण जिले की कमान सौंपे जाने का आधार तैयार किया। 

होड़ू गांव का सितारा: डॉ. ओमप्रकाश माचरा

राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव होड़ू में जन्मे डॉ. ओमप्रकाश माचरा की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों या गांवों से निकलकर बड़े सपने देखता है। पेशे से चिकित्सक रहे डॉ. माचरा ने चिकित्सा क्षेत्र को छोड़कर देश सेवा का रास्ता चुना और UPSC 2015 की परीक्षा में सफलता हासिल कर IAS अधिकारी बने। 2016 बैच के इस अधिकारी ने गुजरात कैडर में शामिल होकर विभिन्न प्रशासनिक भूमिकाओं में अपनी छाप छोड़ी। उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

DDO से जिला कलेक्टर: एक शानदार सफर

जिला विकास अधिकारी (DDO) के रूप में, डॉ. माचरा ने गुजरात के विभिन्न जिलों में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, और सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में उल्लेखनीय योगदान दिया। DDO के रूप में उनकी कार्यकुशलता और जन-केंद्रित दृष्टिकोण ने उन्हें प्रशासनिक हलकों में खास पहचान दिलाई। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें राजकोट जिले के जिला कलेक्टर के रूप में पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया।

राजकोट, गुजरात का एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जहां प्रशासनिक चुनौतियां विविध और जटिल हैं। जिला कलेक्टर के रूप में, डॉ. माचरा अब राजस्व प्रबंधन, कानून-व्यवस्था, और विकास परियोजनाओं की निगरानी जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करेंगे। उनकी चिकित्सा पृष्ठभूमि को देखते हुए, माना जा रहा है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान देंगे।

2016 बैच और टीना डाबी कनेक्शन

डॉ. माचरा 2016 UPSC बैच का हिस्सा हैं, जिसमें टीना डाबी ने पहली रैंक हासिल कर इतिहास रचा था। टीना डाबी वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर जिले की कलेक्टर हैं, और उनके पति IAS प्रदीप गवांडे जालौर जिले के कलेक्टर हैं। यह संयोग ही है कि बाड़मेर के होड़ू गांव के डॉ. माचरा और बाड़मेर की कलेक्टर टीना डाबी, दोनों 2016 बैच के हैं और अब अपने-अपने राज्यों में जिला कलेक्टर के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। इस बैच ने कई प्रतिभाशाली अधिकारियों को देश को दिया, और डॉ. माचरा उनमें से एक चमकता सितारा हैं।

राजकोट के लिए नई उम्मीदें

राजकोट, सौराष्ट्र क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपने औद्योगिक विकास, शैक्षिक संस्थानों, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। डॉ. माचरा की नियुक्ति से स्थानीय निवासियों में उत्साह का माहौल है। उनकी प्रशासनिक क्षमता और चिकित्सा क्षेत्र की समझ को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं, जैसे औद्योगिक विकास को पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित करना, शहरीकरण की समस्याओं का समाधान, और सरकारी योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन। हालांकि, उनकी जमीनी स्तर पर काम करने की क्षमता और जनता के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को देखते हुए, राजकोट के निवासी उनसे सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।

होड़ू गांव और बाड़मेर का गौरव

बाड़मेर जिले के होड़ू गांव के लिए यह एक गर्व का क्षण है कि उनका बेटा आज गुजरात के एक प्रमुख जिले का कलेक्टर बना है। डॉ. माचरा की उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे बाड़मेर जिले के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि छोटे गांवों से निकलकर भी बड़े मुकाम हासिल किए जा सकते हैं।