बीकानेर: सेना की गाड़ियों से पेट्रोल-डीजल चोरी करने वालों को जवान मारेंगे गोली, लेफ्टिनेंट कर्नल ने पुलिस थानों और सरपंचों को लिखा पत्र
बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सेना की गाड़ियों से पेट्रोल-डीजल चोरी रोकने के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल ने पुलिस और सरपंचों को पत्र लिखा। रात ड्यूटी पर संतरी हथियार से लैस रहेंगे और चोरी की कोशिश पर गोली चलाएंगे। अप्रिय घटना की जिम्मेदारी गांव वालों या सरपंच की होगी, सेना की नहीं।
बीकानेर, 17 नवंबर 2025: राजस्थान के बीकानेर जिले में भारतीय सेना ने एक सख्त चेतावनी जारी की है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) क्षेत्र में रात के समय तैनात सैनिकों को हथियारों के साथ ड्यूटी पर रखा जाएगा। यदि कोई व्यक्ति रेंज के अंदर घुसकर सेना की गाड़ियों से पेट्रोल या डीजल चोरी करने की कोशिश करता है, तो संतरी को गोली चलाने का अधिकार होगा। यह चेतावनी एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से स्थानीय पुलिस थानों और ग्रामीण सरपंचों को भेजी गई है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई अप्रिय घटना होती है, तो जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति या सरपंच की होगी, न कि सेना की।
पत्र की पूरी जानकारी और सेना का कदम क्यों? महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, जो बीकानेर के चुरू रोड पर स्थित है, भारतीय सेना का एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र है। यह रेंज 4,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है और यहां टैंक, तोपखाने तथा अन्य हथियारों का फायरिंग अभ्यास किया जाता है। हाल के महीनों में, सेना को शिकायतें मिली हैं कि स्थानीय ग्रामीण रेंज क्षेत्र में खड़ी सेना की गाड़ियों से ईंधन चोरी कर रहे हैं। विशेष रूप से रात के समय, जब सैनिक ड्यूटी पर होते हैं, तब यह घटनाएं बढ़ जाती हैं। इससे सेना को न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरा पैदा हो रहा है।पत्र को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट कर्नल ने जारी किया है।
पत्र में लिखा है: "रेंज एरिया के अंदर रात्रि ड्यूटी के दौरान तैनात संतरी हथियार के साथ होगा। यदि कोई अनैतिक घटना घटने के दौरान वह हथियार का इस्तेमाल करेगा।" सरपंचों से विशेष अनुरोध किया गया है कि वे अपने गांव वालों को इस पत्र की जानकारी दें और चेतावनी प्रसारित करें। पत्र में आगे कहा गया है:
"सरपंचों से अनुरोध है कि वह अपने गांव वालों को इस पत्र को समझाएं। अन्यथा अगर किसी के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो वह स्वयं जवाबदेह होगा। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज जवाबदेह नहीं होगी।" सेना का यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ईंधन चोरी की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। एक अधिकारी के अनुसार, रेंज में सैकड़ों वाहन तैनात रहते हैं, जिनमें टैंकर, जीप और अन्य सैन्य वाहन शामिल हैं। ग्रामीण इन वाहनों के टैंकों से पाइप डालकर ईंधन निकाल लेते हैं, जिससे वाहनों को क्षति पहुंचती है और अभ्यास कार्यक्रम प्रभावित होता है। सेना ने अब रेंज के संवेदनशील क्षेत्रों में 24 घंटे निगरानी बढ़ा दी है।
पृष्ठभूमि: ईंधन चोरी की समस्या पुरानी है महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के आसपास के गांवों में आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ऐसी घटनाएं आम हैं। स्थानीय किसान और मजदूर, खासकर सूखे के मौसम में, ईंधन चोरी को एक आसान कमाई का जरिया मानते हैं। हालांकि, सेना के अनुसार, यह न केवल चोरी है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा भी है, क्योंकि रेंज सीमावर्ती क्षेत्र के करीब है। पंजाब और राजस्थान की सीमा पर स्थित यह रेंज पाकिस्तान बॉर्डर से महज 100 किलोमीटर दूर है।पिछले वर्षों में भी ऐसी घटनाओं पर सेना ने कार्रवाई की है। 2022 में, रेंज क्षेत्र में घुसपैठ के एक मामले में स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन इस बार की चेतावनी अधिक सख्त है, जिसमें घातक बल (deadly force) का जिक्र है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेना का यह कदम आत्मरक्षा के अधिकार के तहत वैध है, लेकिन यह स्थानीय समुदाय के साथ तनाव बढ़ा सकता है।
पत्र प्राप्त करने के बाद, बीकानेर जिले के पुलिस थानों ने इसे गंभीरता से लिया है। एसपी (बीकानेर) ने बताया कि पुलिस रेंज क्षेत्र के आसपास गश्त बढ़ा देगी और ग्रामीणों को जागरूक करने में सहयोग करेगी। एक सरपंच, जो नाम न छापने की शर्त पर बोले, ने कहा: "हमारे गांव वाले कठिनाइयों में हैं। ईंधन महंगा है, लेकिन सेना की चेतावनी को हम गंभीरता से लेंगे। पंचायत में मीटिंग बुलाकर लोगों को समझाएंगे।" स्थानीय एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे पर चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि सेना और ग्रामीणों के बीच संवाद की जरूरत है। कुछ सुझाव दे रहे हैं कि सेना ग्रामीणों को वैकल्पिक रोजगार या सब्सिडी वाले ईंधन की व्यवस्था करे, ताकि ऐसी घटनाएं रुकें