नम आंखों से जयपुर ने दी विदाई: राजवीर की अंतिम यात्रा में बही आंसुओं की धारा

जयपुर के पायलट राजवीर सिंह की केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर क्रैश में मृत्यु हो गई। मंगलवार को उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए, पत्नी तस्वीर थामे आगे चलीं। 14 साल सेना में सेवा देने के बाद राजवीर ने परिवार के लिए निजी क्षेत्र चुना था। हाल ही में उनके जुड़वां बच्चे हुए थे। उनका आखिरी संदेश, "लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न कर रहा हूं," अंतिम बन गया। विनम्र और प्रेरक राजवीर को जयपुर ने नम आंखों से विदाई दी।

Jun 17, 2025 - 11:17
नम आंखों से जयपुर ने दी विदाई: राजवीर की अंतिम यात्रा में बही आंसुओं की धारा

केदारनाथ के पास गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार को श्रद्धालुओं को ले जा रहे हेलीकॉप्टर क्रैश में जयपुर के शास्त्री नगर निवासी पायलट राजवीर सिंह (38) की असमय मृत्यु हो गई। मंगलवार को उनके पैतृक निवास पर उनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया। देर रात उनका पार्थिव शरीर जयपुर पहुंचा, जहां सैकड़ों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। उनकी पत्नी, हाथ में राजवीर की तस्वीर थामे, अंतिम यात्रा में आगे-आगे चल रही थीं, जिसने सभी की आंखें नम कर दीं।

राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। उन्होंने कहा, "राजवीर एक सच्चे देशभक्त और निष्ठावान पायलट थे। उनका जाना हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है।"

14 साल की शादी, जुड़वां बच्चों का जन्म और अधूरी खुशियां

राजवीर की शादी को 14 वर्ष हो चुके थे। हाल ही में उनके जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था, जिनके स्वागत में इसी माह एक समारोह आयोजित होने वाला था। संयोग से, राजवीर के माता-पिता की शादी की सालगिरह भी इसी माह थी। परिवार खुशी के इन पलों की तैयारी में जुटा था, लेकिन नियति ने सबकुछ छीन लिया।

सेना से निजी क्षेत्र तक का सफर

राजवीर ने भारतीय सेना में 14 वर्ष तक आर्मी एविएशन में सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने कई जोखिम भरे मिशन को बखूबी अंजाम दिया। पिछले वर्ष अक्टूबर में सेना से रिटायर होने के बाद, परिवार को अधिक समय देने के लिए उन्होंने निजी क्षेत्र में पायलट की नौकरी शुरू की। लेकिन रविवार को सुबह 5:20 बजे उनका आखिरी संदेश, "लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न कर रहा हूं," उनके जीवन का अंतिम संदेश बन गया।

विनम्र और प्रेरक व्यक्तित्व

पड़ोसियों और दोस्तों के अनुसार, राजवीर बेहद विनम्र, मिलनसार और मददगार स्वभाव के थे। एक पड़ोसी ने कहा, "राजवीर सिर्फ एक पायलट नहीं, बल्कि एक सच्चे दोस्त थे। युवाओं को प्रेरित करना उनका स्वभाव था।" बीस दिन पहले जब वे घर आए थे, तो जुड़वां बेटों के साथ खेलते वक्त उनकी आंखों में पिता बनने की खुशी साफ झलक रही थी।

परिवार और समाज में शोक की लहर

राजवीर के अचानक चले जाने से परिवार और समुदाय में शोक की लहर है। उनके माता-पिता, पत्नी और नवजात बच्चों के लिए लोग संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। राजवीर का जाना न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे जयपुर के लिए एक बड़ी क्षति है। 

Yashaswani Journalist at The Khatak .