पवित्र दह में युवक की डूबने से मौत, दस दिन में दूसरा हादसा
एक 25 वर्षीय युवक पवित्र दह में दोस्तों के साथ पिकनिक मनाते समय डूब गया, यह दस दिनों में दूसरी घटना है। स्थानीय नाविकों के प्रयासों के बावजूद, अस्पताल में उसे मृत घोषित किया गया, जिससे उसका हाल ही में विवाहित परिवार सदमे में है।

अजमेर और टोंक जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध के निकट स्थित पवित्र दह में रविवार को एक और दुखद हादसा हो गया। बीते दस दिनों में यह दूसरी घटना है, जिसमें जयपुर से पिकनिक मनाने आए एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
देवली पुलिस उपाधीक्षक राम सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान राहुल (25) पुत्र ओमप्रकाश रैगर, निवासी कालाडेरा, थाना गोविंदगढ़, जयपुर के रूप में हुई है। राहुल अपने तीन दोस्तों के साथ पवित्र दह पर पिकनिक मनाने आया था। नहाने के दौरान वह गहरे पानी में चला गया और डूब गया। स्थानीय नाविकों ने निजी संसाधनों के सहयोग से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद उसे पानी से बाहर निकाला, लेकिन देवली चिकित्सालय में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चारों दोस्त दह में नहाने का लुत्फ उठा रहे थे, तभी एक-एक कर सभी डूबने लगे। तीन दोस्त किनारे के करीब होने के कारण बाहर निकल आए, लेकिन राहुल गहरे पानी में चला गया। एक दोस्त ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन राहुल ने उसे पकड़ने का प्रयास किया, जिससे वह दोस्त भी खतरे में पड़ गया। अंततः वह किनारे पर आकर मदद के लिए चिल्लाने लगा, लेकिन तब तक राहुल पानी में समा चुका था।
देवली पुलिस थाने के एएसआई दिलीप सिंह ने बताया कि राहुल अपने पिता की इकलौती संतान था। उसके पिता ठेकेदारी का काम करते हैं, जबकि राहुल कालाडेरा में एक दुकान चलाता था। उसकी शादी तीन महीने पहले ही हुई थी। इस हादसे से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उनका रो-रोकर बुरा हाल है। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया।
बीसलपुर बांध के जलभराव के साथ ही पवित्र दह में हर साल कई लोग अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं। अधिकांश मौतें गहरे पानी के कारण होती हैं। हालांकि, सुरक्षा और राहत कार्यों के लिए केवल पुलिस प्रशासन ही मौके पर पहुंचता है, जिनके पास संसाधनों की कमी साफ नजर आती है। राहत कार्य स्थानीय नाविकों के भरोसे ही चलते हैं। बांध बनने के बाद से अब तक कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस साल बीते दस दिनों में यह दूसरी घटना है, जबकि बारिश का मौसम अभी तीन महीने और शेष है।