उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक: समेता कुमारी गिरफ्तार, अब तक 103 अभियुक्त पकड़े गए
राजस्थान पुलिस की एसओजी ने उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले में प्रशिक्षु उपनिरीक्षक समेता कुमारी को गिरफ्तार किया। समेता ने डमी परीक्षार्थी संगीता विश्नोई को अपने स्थान पर बैठाकर परीक्षा पास की थी। इस घोटाले में अब तक 51 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों सहित 103 अभियुक्त पकड़े जा चुके हैं। जांच जारी है, और जनता भर्ती रद्द करने की मांग कर रही है।

राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक प्रकरण में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशिक्षु उपनिरीक्षक समेता कुमारी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (एटीएस और एसओजी) वी.के. सिंह के नेतृत्व में की गई, जिन्होंने इस मामले में गहराई से जांच के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। इस घोटाले में अब तक 51 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों सहित कुल 103 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिससे यह राजस्थान के सबसे बड़े भर्ती घोटालों में एक बन गया है।
अनुसंधान के दौरान सामने आया कि समेता कुमारी, पुत्री आसूराम विश्नोई, निवासी डावल, जिला जालोर, ने 14 सितंबर 2021 को आयोजित उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में अपने स्थान पर संगीता विश्नोई को डमी परीक्षार्थी के रूप में बैठाया था। इस धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप समेता कुमारी का उपनिरीक्षक के पद पर चयन हो गया। 33 वर्षीय समेता कुमारी, जो वर्तमान में सिवाड़ा, पुलिस थाना चितलवाना, जालोर में रहती हैं, को 12 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में संगीता विश्नोई की भूमिका की भी जांच की जा रही है, और प्रकरण में अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
पेपर लीक का जाल: कैसे हुआ खुलासा?
उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021, जो 13, 14 और 15 सितंबर 2021 को आयोजित की गई थी, बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। जांच में पता चला कि जयपुर के हसनपुरा स्थित रवींद्र बाल भारतीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हुआ था। इस केंद्र के अधीक्षक राजेश खंडेलवाल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। एसओजी की जांच में यह भी सामने आया कि कई अभ्यर्थियों ने लाखों रुपये में लीक हुए पेपर खरीदे, जबकि कुछ ने डमी परीक्षार्थियों का सहारा लिया।
एसओजी ने इस मामले में अब तक कई बड़े खुलासे किए हैं। जांच के दौरान पेपर लीक माफिया पौरव कालेर और जगदीश विश्नोई जैसे गैंग के सरगनाओं की संलिप्तता भी सामने आई है। पौरव कालेर ने ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए कई अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाए, जिसके लिए उसने मोटी रकम वसूली।
अब तक 103 गिरफ्तार, 51 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक शामिल
एसओजी की इस जांच में अब तक 103 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 51 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक शामिल हैं। इनमें से कई ने परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की थी, जैसे नरेश कुमार (रैंक 1) और करणपाल गोदारा (रैंक 22), जो एक डीएसपी के बेटे हैं। कुछ प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ट्रेनिंग छोड़कर फरार होने की कोशिश की, लेकिन एसओजी की सक्रियता ने उन्हें भी शिकंजे में ले लिया।
एसОजी ने इस घोटाले के तार खोलने के लिए कई प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की डमी परीक्षा ली, जिसमें उनकी वास्तविक योग्यता की पोल खुल गई। कई ट्रेनी, जो मूल परीक्षा में उच्च अंक लाए थे, डमी परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे। उदाहरण के लिए, समेता कुमारी की तरह कई अन्य अभियुक्तों ने डमी परीक्षार्थियों या लीक हुए पेपर के सहारे चयन हासिल किया था।
सरकार और एसОजी की सख्ती
एसОजी प्रमुख वी.के. सिंह ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। उनकी अगुवाई में एसОजी ने न केवल उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा, बल्कि रीट, जूनियर इंजीनियर, और हाईकोर्ट एलडीसी जैसी अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी गड़बड़ियों का खुलासा किया है। उनकी इस सक्रियता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है।
कुछ भाजपा नेताओं ने इस भर्ती परीक्षा को पूरी तरह रद्द करने का सुझाव दिया है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।