श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में भयानक धमाका: 9 की मौत, 32 घायल; फरीदाबाद से जब्त विस्फोटकों की जांच के दौरान हादसा
श्रीनगर के नौगाम थाने में फरीदाबाद से जब्त 360 किलो विस्फोटकों की सैंपलिंग के दौरान हुआ हादसा, 9 की मौत, 32 घायल, DGP ने बताया शुद्ध दुर्घटना,
श्रीनगर, 15 नवंबर 2025: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के दक्षिणी इलाके में स्थित नौगाम पुलिस स्टेशन शुक्रवार रात करीब 11:22 बजे एक भयावह धमाके की चपेट में आ गया। इस विस्फोट ने न केवल थाने की इमारत को मलबे में तब्दील कर दिया, बल्कि आसपास के इलाके को भी दहला दिया। धमाके में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 32 अन्य घायल हो गए। घायलों को तुरंत 92 आर्मी बेस अस्पताल और श्रीनगर के प्रसिद्ध शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
यह घटना एक 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल की जांच के दौरान हुई, जो जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक महत्वपूर्ण कार्रवाई का हिस्सा थी। अधिकारियों के अनुसार, धमाका तब हुआ जब फॉरेंसिक टीम विस्फोटकों के सैंपल लेने का काम कर रही थी। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने इसे 'शुद्ध रूप से हादसा' करार देते हुए कहा, "यह कोई साजिश नहीं थी। जांच के दौरान सैंपलिंग प्रक्रिया में विस्फोट हो गया। किसी भी अन्य अटकलों की गुंजाइश नहीं है।" डीजीपी ने आगे बताया कि मृतकों में एक इंस्पेक्टर, तीन फॉरेंसिक टीम के सदस्य, दो क्राइम ब्रांच फोटोग्राफर, दो राजस्व अधिकारी और एक दर्जी शामिल हैं।
धमाके की तीव्रता: इमारत ध्वस्त, वाहन जलकर राख धमाके की तीव्रता इतनी जबरदस्त थी कि थाने की मुख्य इमारत पूरी तरह ढह गई। आसपास खड़े वाहन जलकर खाक हो गए, और मलबे के ढेर में मानव अवशेष 300 फीट दूर तक बिखर गए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि "ऐसा जोरदार धमाका हमने आज तक नहीं सुना था। पूरा इलाका हिल गया, और रात भर नींद नहीं आई।" विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया। स्निफर डॉग्स के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया, और डिप्टी कमिश्नर श्रीनगर अक्षय लाबरू ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की।सीसीटीवी फुटेज में धमाके का भयावह नजारा कैद है, जिसमें विस्फोट के बाद धुंध और मलबा हवा में उड़ता नजर आ रहा है। आसपास की दुकानों और घरों को भी नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ।
फरीदाबाद से जब्त 360 किलो विस्फोटक: 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल का कनेक्शन; यह विस्फोटक हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किया गया था, जो एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा था। जांच एजेंसियों के अनुसार, अक्टूबर मध्य में नौगाम के बुनपोरा इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े पोस्टर मिले थे। इसकी जांच के दौरान श्रीनगर पुलिस ने FIR नंबर 162/2025 दर्ज की और एक विशेष टीम गठित की।
ट्रेल फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंचा, जहां से डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया। गनई को दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसमें एक कार में लदे विस्फोटकों के फटने से कई लोग घायल हुए थे। जब्त विस्फोटकों में लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे खतरनाक रसायन शामिल थे। इनका बड़ा हिस्सा नौगाम थाने में ही स्टोर किया गया था, क्योंकि यहीं प्राथमिक FIR दर्ज हुई थी। कुछ हिस्सा फॉरेंसिक लैब में भेजा गया था।
मॉड्यूल के कोर में तीन डॉक्टरों का हाथ माना जा रहा है:
मुजम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (लाल किले धमाके वाली कार का ड्राइवर) और मुजफ्फर राथर (फरार)। आठवें गिरफ्तार व्यक्ति डॉ. आदिल राथर (मुजफ्फर के भाई) से एक AK-56 राइफल बरामद हुई है, जिसकी भूमिका अभी जांच के दायरे में है। यह नेटवर्क 'सफेदपोश' आतंकियों का था, जिसमें शिक्षित पेशेवर जैसे डॉक्टर शामिल थे, जो जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) से जुड़े थे। PAFF ने पहले पूंछ हमला (दिसंबर 2023) और अखनूर IED ब्लास्ट (फरवरी 2025) जैसे हमलों की जिम्मेदारी ली थी।
जांच के दो पहलू: हादसा या साजिश? हालांकि डीजीपी ने इसे हादसा बताया है, लेकिन कुछ स्रोतों के अनुसार PAFF ने सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। इससे आतंकी साजिश का कोण भी उभर रहा है। फॉरेंसिक टीमें अब विस्फोट के कारणों की गहन जांच कर रही हैं, जिसमें स्टोरेज प्रक्रिया और सैंपलिंग के दौरान की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। क्या इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक थाने में रखना सुरक्षित था? यह सवाल सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
घायलों की स्थिति और राहत कार्य; मृतकों के शवों को श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया, जहां पहचान प्रक्रिया चल रही है। घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी, फॉरेंसिक अधिकारी और प्रशासनिक स्टाफ शामिल हैं। SKIMS अस्पताल में 20 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है, जबकि बाकी आर्मी बेस में हैं। सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा की है, और डीजीपी ने वादा किया है कि जांच पूरी होने पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा—चाहे लापरवाही का मामला हो या कुछ और।
व्यापक संदर्भ: कश्मीर में बढ़ते आतंकी खतरे यह घटना कश्मीर घाटी में बढ़ते आतंकी गतिविधियों की पृष्ठभूमि में आई है। 2025 में अप्रैल में पहलगाम में पर्यटकों पर हमला, और दिल्ली के लाल किले का धमाका जैसी घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान समर्थित प्रॉक्सी संगठन जैसे JeM और PAFF नई रणनीतियों के साथ सक्रिय हैं, जिसमें शिक्षित युवाओं को भर्ती करना शामिल है। इस हादसे ने न केवल पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, बल्कि विस्फोटकों के सुरक्षित हैंडलिंग के प्रोटोकॉल की समीक्षा की जरूरत भी जता दी है