जंगल में सनसनी: राजस्थान का बाघ नेटवर्क बनाएगा नया इतिहास?
राजस्थान देश का सबसे बड़ा बाघ आवास नेटवर्क बनेगा, जहाँ बारां और मेवाड़ में नए टाइगर कॉरिडोर विकसित होंगे। यह ऐतिहासिक मास्टरप्लान बाघों की सुरक्षित आवाजाही और प्रजनन को बढ़ावा देगा।

राजस्थान ने वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने देश का सबसे बड़ा बाघ आवास नेटवर्क केंद्र बनाने का फैसला किया है। इसके लिए एक व्यापक मास्टरप्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत राज्य में टाइगर कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। यह निर्णय राज्य वन्यजीव मंडल की उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया, जिसमें 26 अगस्त 2023 को पारित प्रस्तावों की अनुपालना रिपोर्ट भी पेश की गई।
नए बाघ क्षेत्र और कॉरिडोर का विकास
मास्टरप्लान के तहत बारां (1292 वर्ग किमी) और मेवाड़ (4699 वर्ग किमी) को नए बाघ क्षेत्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। बारां के शाहबाद, तलहेटी और रामगढ़ रिजर्व को कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा, जबकि मेवाड़ के सीतामाता, जयसमंद और फुलवारी की नाल को भी आपस में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, रणथंभौर-सरिस्का और रामगढ़-कुंभलगढ़ के बीच बाघों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी। मुकुंदरा हिल्स से बारां और मेवाड़ तक सीधा वन्यजीव रास्ता तैयार होगा।
बाघों की सुरक्षित आवाजाही और प्रजनन के लिए बारां के शेरगढ़, चित्तौड़ के बस्सी और दौसा के गोल को क्रिटिकल कॉरिडोर एलिमेंट्स के रूप में विकसित किया जाएगा। वन विभाग जल्द ही कॉरिडोर विकास का कार्य शुरू करेगा। यह कदम बाघों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह मास्टरप्लान राजस्थान के वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। टाइगर कॉरिडोर के विकास से न केवल बाघों की आबादी में वृद्धि होगी, बल्कि उनके आवागमन और प्रजनन के लिए सुरक्षित वातावरण भी सुनिश्चित होगा। यह योजना राजस्थान को बाघ संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगी।