राजस्थान यूनिवर्सिटी में पुलिस का दबदबा: विधायक पूनिया और चौधरी हिरासत में, समर्थक भड़के

राजस्थान यूनिवर्सिटी में परीक्षा के दौरान पुलिस ने कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया और निर्मल चौधरी को हिरासत में लिया। सचिन पायलट ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया, जबकि समर्थकों ने गांधीनगर थाने की ओर कूच किया।

Jun 21, 2025 - 14:13
Jun 21, 2025 - 14:26
राजस्थान यूनिवर्सिटी में पुलिस का दबदबा: विधायक पूनिया और चौधरी हिरासत में, समर्थक भड़के
राजस्थान यूनिवर्सिटी में शनिवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब संगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया और राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को गांधीनगर थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दोनों नेता दर्शनशास्त्र की परीक्षा देने के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में मौजूद थे। बताया जा रहा है कि सादे कपड़ों में आए पुलिसकर्मियों ने परीक्षा केंद्र से ही दोनों को हिरासत में लिया और जीप में बैठाकर गांधीनगर थाने ले गए। इस कार्रवाई का वीडियो दोनों नेताओं ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया, जिसमें पुलिसकर्मी उन्हें धक्के मारकर गाड़ी में बैठाते नजर आ रहे हैं। बाद में पुलिस ने अभिमन्यु पूनिया को रिहा कर दिया, लेकिन निर्मल चौधरी अभी भी हिरासत में हैं।
नेताओं का पुलिस पर आरोप: 'लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा 
हिरासत में लिए जाने के बाद अभिमन्यु पूनिया ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर से मुझे और भाई निर्मल चौधरी को गिरफ्तार कर पुलिस ने कायरता का परिचय दिया है। क्या अब भाजपा के इस क्रूर शासन में आम आदमी की आवाज उठाना अपराध हो गया है? हम इस कायरतापूर्ण हरकत से अन्याय के खिलाफ लड़ना बंद नहीं करेंगे।" 
निर्मल चौधरी ने भी अपने एक्स हैंडल से पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए लिखा, "आज मुझे और संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया को परीक्षा देते समय परीक्षा केंद्र के अंदर से जिस तरह गिरफ्तार किया, यह पुलिस प्रशासन की गुंडागर्दी को दर्शाता है। आम जन के लिए यह घातक संकेत हैं। पुलिस बिना वर्दी आकर चलती परीक्षा में अवरोध उत्पन्न कर रही है। आखिर यह पुलिस की नौकरी में गुंडों का रूप तो नहीं?"
इनविजिलेटर का बयान: 'पुलिस ने जबरदस्ती घुसकर की कार्रवाई
परीक्षा केंद्र में मौजूद एक इनविजिलेटर ने एक छात्र द्वारा बनाए गए वीडियो में बताया, "यूनिवर्सिटी में एग्जाम चल रहा था। गेट बंद था। पुलिस वाले जबरदस्ती अंदर घुस गए। मैं बुजुर्ग हूं, क्या करता? परीक्षा केंद्र में मौजूद सभी बच्चे डर गए थे। मेरा काम प्रशासनिक है, उनका काम कंट्रोल करना है। अगर वो अपना काम ठीक से नहीं कर रहे, तो मैं क्या करूं? 10 बजे एग्जाम खत्म होना था, लेकिन पुलिसकर्मी 9 बजे ही अंदर आ गए।"
सचिन पायलट और कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
हिरासत से रिहा होने के बाद अभिमन्यु पूनिया सीधे राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के जयपुर स्थित आवास पहुंचे, जहां दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई। सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "कांग्रेस नेताओं पर पुलिस की द्वेषपूर्ण कार्रवाई गलत है। हर जनप्रतिनिधि को आंदोलन, धरना, प्रदर्शन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। हमारे देश का संविधान एक आम आदमी को भी अपनी बात रखने की छूट देता है। मुझे नहीं लगता कि इसमें जानबूझकर किसी कानून का उल्लंघन किया गया है। अगर पुलिस और सरकार विपक्ष को टारगेट करेगी, तो इसके अच्छे परिणाम नहीं आएंगे।"
पायलट ने आगे कहा, "समझाइश से इसका समाधान हो सकता था, लेकिन बदले की भावना से लोगों को हिरासत में लेना बहुत गलत है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।"
अभिमन्यु पूनिया ने भी सचिन पायलट के आवास पर मीडिया से कहा, "पुलिस का सिविल ड्रेस में आकर निर्मल चौधरी को यूनिवर्सिटी कैंपस से गिरफ्तार करना राज्य सरकार पर बड़े सवाल खड़े करता है। क्या निर्मल चौधरी इतना बड़ा अपराधी है कि उसे गिरफ्तार करने के लिए मुझे भी उठा लिया गया? अगर एक जनप्रतिनिधि की यह हालत है, तो आम जनता के साथ क्या होता होगा?"
समर्थकों का गांधीनगर थाने की ओर कूच
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही दोनों नेताओं के समर्थकों ने गांधीनगर थाने की ओर कूच करने का ऐलान किया। पूर्व विधायक अनिल चोपड़ा ने एक्स पर लिखा, "पुलिस ने बदले की कार्रवाई की है। राजस्थान यूनिवर्सिटी में परीक्षा देने गए निर्मल चौधरी को गिरफ्तार करना गलत है। सभी साथी गांधी नगर थाने पहुंचें।"
पुलिस की चुप्पी, राजनीतिक हलकों में हलचल
पुलिस ने इस कार्रवाई पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे इस मामले में सस्पेंस बना हुआ है। राजनीतिक हलकों में इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है, जबकि बीजेपी सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लग रहा है।
पूर्व में भी विवादों में रहे हैं दोनों नेता
अभिमन्यु पूनिया और निर्मल चौधरी इससे पहले भी कई बार अपने आंदोलनों और बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। पूनिया, जो युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं, और चौधरी, जो छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं, ने हाल ही में बेरोजगारी और अमित शाह के एक बयान के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान भी पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।
Yashaswani Journalist at The Khatak .