प्यार, धोखा और ट्रेन का ट्विस्ट: श्रद्धा की लव स्टोरी किसी फिल्म स्टोरी से कम नहीं.
इंदौर की श्रद्धा तिवारी की जिंदगी में बॉलीवुड जैसा ड्रामा तब शुरू हुआ, जब वह अपने बॉयफ्रेंड सार्थक गहलोत के साथ भागने की योजना बनाकर रेलवे स्टेशन पहुंची। सार्थक के न आने पर गुस्से में रतलाम की ट्रेन में चढ़ी श्रद्धा ने आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन कॉलेज के इलेक्ट्रिशियन करणदीप योगी ने उसे बचा लिया। दोनों ने महेश्वर के मंदिर में शादी रचा ली। सात दिन बाद इंदौर लौटने पर श्रद्धा के पिता ने उसकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए और पुलिस जांच कर रही है। क्या यह प्यार की जीत है या गहरा रहस्य?

इंदौर की 22 वर्षीय श्रद्धा तिवारी की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। प्यार, धोखा, ड्रामा और एक अनजान शख्स के साथ मंदिर में शादी—इस कहानी में वो सब कुछ है जो एक सिनेमाई थ्रिलर को परफेक्ट बनाता है। सात दिन पहले घर से गायब हुई श्रद्धा ने जब इंदौर के एमआईजी थाने में अपने पति करणदीप योगी के साथ एंट्री की, तो हर कोई हैरान रह गया। यह कहानी जितनी रोमांचक है, उतनी ही सवालों से भरी भी। आइए, इस नाटकीय प्रेम कहानी को विस्तार से जानते हैं।
घर से भागने की शुरुआत: सार्थक का धोखा
23 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 2 बजे, बीबीए की फाइनल ईयर की छात्रा श्रद्धा तिवारी अपने घर से बिना किसी को बताए निकल गई। उसका मोबाइल फोन घर पर ही छूटा था, जिससे उसका पता लगाना और मुश्किल हो गया। श्रद्धा का इरादा अपने बॉयफ्रेंड के साथ भागकर शादी करने का था। योजना के मुताबिक, वह इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां सार्थक को उससे मिलना था। लेकिन सार्थक नहीं आया। गुस्से और निराशा में श्रद्धा ने एक ट्रेन पकड़ ली और रतलाम के लिए रवाना हो गई।रतलाम में, श्रद्धा का दिल टूट चुका था। उसने ट्रेन से कूदकर आत्महत्या करने का मन बना लिया। लेकिन तभी कहानी में एक नया ट्विस्ट आया। ट्रेन में मौजूद करणदीप योगी, जो श्रद्धा के गुजराती समाज कॉलेज में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था, ने उसे कूदने से रोक लिया। श्रद्धा के मुताबिक, करणदीप ने उसका हाथ पकड़कर उसे बचा लिया और कहा, “मैं तुम्हें मरने नहीं दूंगा।”
ट्रेन से मंदिर तक: प्यार और शादी का नया अध्याय
श्रद्धा, जो सार्थक के धोखे से आहत थी, ने करणदीप से कहा, “अगर तुम मुझे मरने नहीं दोगे, तो मुझसे शादी करो।” हैरानी की बात है कि करणदीप इसके लिए तुरंत तैयार हो गया। दोनों ने पहले खरगोन का रुख किया और फिर महेश्वर पहुंचे, जहां उन्होंने 52 भैरव मंदिर में शादी कर ली। हालांकि, इस शादी के ठोस सबूत, जैसे फोटो या वीडियो, अभी तक सामने नहीं आए हैं, जिसके चलते कई सवाल उठ रहे हैं।शादी के बाद, करणदीप श्रद्धा को अपने घर पालिया ले गया, लेकिन वहां उनके परिवार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। इसके बाद दोनों मंदसौर चले गए। मंदसौर में, श्रद्धा ने अपने पिता अनिल तिवारी को फोन किया और बताया कि उसने करणदीप से शादी कर ली है। उसने आधिकारिक रजिस्टर्ड मैरिज के लिए अपने दस्तावेज मांगे। अनिल तिवारी ने तुरंत कार लेकर मंदसौर पहुंचे और दोनों को इंदौर के एमआईजी थाने ले आए।
पिता का दर्द और शक
श्रद्धा के पिता अनिल तिवारी इस शादी को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसे गुमराह किया गया है। अनिल ने पुलिस से मांग की है कि श्रद्धा को 10 दिन तक महिला थाने की कस्टडी में रखकर उसकी मानसिक स्थिति की जांच की जाए। अगर 10 दिन बाद भी वह करण से शादी करना चाहती है, तो मैं खुद धूमधाम से उनकी शादी करवाऊंगा। लेकिन अभी मुझे यकीन है कि उसे फंसाया गया है।”अनिल ने यह भी सवाल उठाया कि जिस करणदीप के पास यात्रा के लिए 500 रुपये तक नहीं थे (अनिल ने ही उन्हें फोनपे से पैसे भेजे थे), वह उनकी बेटी का भविष्य कैसे संभालेगा? अनिल का यह भी कहना है कि श्रद्धा सार्थक के लिए घर से भागी थी, लेकिन करणदीप की अचानक एंट्री ने कहानी को नया मोड़ दे दिया।
पुलिस की जांच और करणदीप का दावा
एमआईजी थाने के प्रभारी सीबी सिंह के अनुसार, श्रद्धा ने बताया कि वह और करणदीप पहले से एक-दूसरे को कॉलेज में दो-तीन बार मिलने और बातचीत के जरिए जानते थे। लेकिन पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि करणदीप उस ट्रेन में कैसे मौजूद था और उसने श्रद्धा को कैसे पहचाना। पुलिस को इस बात पर भी शक है कि क्या यह मुलाकात वाकई संयोग थी या इसके पीछे कोई और कहानी है।करणदीप और श्रद्धा ने पुलिस को कुछ सबूत सौंपे हैं, जिनमें मंदिर में शादी की तस्वीरें शामिल हैं, लेकिन आधिकारिक दस्तावेज अभी तक नहीं मिले हैं। दोनों ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें परिवार से जान का खतरा है। पुलिस ने दोनों के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की गहन जांच कर रही है।
श्रद्धा तिवारी की यह कहानी प्यार, विश्वासघात और एक अप्रत्याशित शादी का मिश्रण है। जहां श्रद्धा और करणदीप अपने फैसले पर अडिग हैं, वहीं अनिल तिवारी अपनी बेटी की भलाई के लिए सच जानना चाहते हैं। पुलिस की जांच से जल्द ही इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है। लेकिन तब तक, यह कहानी इंदौर की गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बनी रहेगी। क्या यह सचमुच एक फिल्मी प्रेम कहानी है, या इसके पीछे कोई गहरा राज छिपा है?