ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक, पाकिस्तान में हाहाकार, अमृतसर-जालंधर में धमाकों का रहस्य

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को लगातार दूसरी रात जम्मू-कश्मीर के चार इलाकों—कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर—में नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी की। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया, हालांकि अभी तक किसी हताहत की खबर नहीं है।

May 8, 2025 - 10:10
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक, पाकिस्तान में हाहाकार, अमृतसर-जालंधर में धमाकों का रहस्य

जम्मू-कश्मीर में तनाव: पाकिस्तान की लगातार गोलाबारी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को लगातार दूसरी रात जम्मू-कश्मीर के चार इलाकों—कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर—में नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी की। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया, हालांकि अभी तक किसी हताहत की खबर नहीं है। इससे पहले बुधवार को पुंछ में LoC पर पाकिस्तानी फायरिंग में 15 भारतीयों की मौत हो गई थी, जिसमें हरियाणा का एक जवान लांस नायक दिनेश (32) भी शहीद हुआ।

अमृतसर-जालंधर में धमाकों का रहस्य

ऑपरेशन सिंदूर के 24 घंटे बाद बुधवार-गुरुवार की आधी रात अमृतसर और जालंधर में धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। अमृतसर में रात 1:02 बजे से 1:09 बजे के बीच छह धमाकों की गूंज सुनी गई। हालांकि, इन धमाकों का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा, "घबराने की जरूरत नहीं है। ग्राउंड चेक में किसी हमले की पुष्टि नहीं हुई।" जांच जारी है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये आवाजें सैन्य गतिविधियों या अन्य कारणों से हो सकती हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की करारी चोट

6-7 मई 2025 की रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 90 से 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सबसे बड़ा निशाना बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह था, जहां चार मिसाइलों ने पूरे परिसर को तबाह कर दिया।

हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य, जिसमें उनकी बड़ी बहन, भतीजा, भतीजी और उनके बच्चे शामिल हैं, मारे गए। मसूद अजहर ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "अच्छा होता कि मैं भी मर जाता।" इसके अलावा, उनके चार करीबी सहयोगी भी मारे गए।

1971 के बाद पहला जॉइंट ऑपरेशन

1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहली बार है जब भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से इतना बड़ा ऑपरेशन चलाया। इस कार्रवाई में सटीक हथियारों, जैसे लोइटरिंग म्यूनिशन्स और कामिकेज़ ड्रोन्स, का इस्तेमाल किया गया। हमले भारतीय धरती से किए गए, और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 पर्यटकों की बर्बर हत्या की गई थी। 

महिला अफसरों ने रचा इतिहास

ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए पहली बार भारतीय सेना और वायुसेना की महिला अफसरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ मिलकर 25 मिनट में ऑपरेशन के सभी विवरण और वीडियो साक्ष्य दुनिया के सामने रखे। इस ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने न केवल ऑपरेशन की सफलता को उजागर किया, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत की सख्ती

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर की निंदा की और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे "कायराना हमला" करार देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई। लाहौर और सियालकोट हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया, और पंजाब प्रांत में स्कूल बंद रहे।

पाकिस्तान ने LoC पर गोलाबारी तेज की, लेकिन भारतीय सेना ने इसका कड़ा जवाब दिया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 13 विदेशी राजदूतों को ब्रीफिंग में कहा, "यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा, तो भारत भी जवाब देगा।" एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को ऑपरेशन की जानकारी दी, जिसे अमेरिकी दूतावास ने "केंद्रित और सटीक" कार्रवाई बताया।

ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर को 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। इस हमले में आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का नाम "सिंदूर" रखा, जो उन महिलाओं को समर्पित है जिनके पतियों की हत्या की गई। पीएम मोदी ने कहा, "यह नया भारत है, जो चुन-चुनकर बदला लेता है।"

 ऑपरेशन ने न केवल पहलगाम हमले का बदला लिया, बल्कि 2001 के संसद हमले, 2016 के उरी हमले, और 2019 के पुलवामा हमले जैसे पुराने आतंकी हमलों का हिसाब भी चुकता किया। रॉ (RAW) की खुफिया जानकारी और तीनों सेनाओं के समन्वय ने इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बना दिया।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ