निर्जला एकादशी पर जयपुर के वैष्णव मंदिरों में विशेष दर्शन व्यवस्था ..
जयपुर के श्री गोविंददेवजी मंदिर सहित प्रमुख वैष्णव मंदिरों में 7 जून को निर्जला एकादशी का पर्व भक्तिभाव से मनाया जाएगा। मंगला झांकी का समय सुबह 4:30 बजे से शुरू होगा, जो दो घंटे तक चलेगी। मंदिर प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें मुख्य द्वार से प्रवेश और जय निवास बाग से निकास होगा। श्रद्धालुओं से जूते-चप्पल बाहर उतारने और घर से जल लाने की अपील की गई है। 200 स्वयंसेवक और पुलिस कर्मी व्यवस्था संभालेंगे, साथ ही छाया, प्याऊ और कूलर की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

जयपुर के श्री गोविंददेवजी मंदिर सहित सभी प्रमुख वैष्णव मंदिरों में 7 जून को निर्जला एकादशी का पर्व श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर प्रशासन ने दर्शन के समय में बदलाव और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
दर्शन समय में बदलाव
आम दिनों में मंगला झांकी सुबह 5 बजे से होती है, लेकिन निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंगला झांकी का समय सुबह 4:30 बजे से शुरू होगा। ठाकुरजी करीब 16 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे। मंगला झांकी सुबह 4:30 से 6:30 बजे तक दो घंटे की होगी, जो केवल जन्माष्टमी, होली, दीपावली, देवउठनी एकादशी और अंग्रेजी नववर्ष जैसे प्रमुख पर्वों पर ही होती है।
झांकी दर्शन का समय
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मंगला: सुबह 4:30 से 6:30 बजे
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श्रृंगार: सुबह 9:30 से 10:15 बजे
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राजभोग: सुबह 10:45 से 11:45 बजे
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जलयात्रा: दोपहर 12:45 से 1:00 बजे
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ग्वाल: शाम 4:30 से 5:15 बजे
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संध्या: शाम 5:45 से 7:15 बजे
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शयन: रात 7:30 से 8:30 बजे
विशेष व्यवस्थाएं
मंदिर प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से भीड़ नियंत्रण और सुगम दर्शन के लिए व्यापक योजना तैयार की है। सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि हर साल निर्जला एकादशी पर हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार भी व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए निम्नलिखित इंतजाम किए गए हैं:
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प्रवेश और निकास: मुख्य द्वार से ही प्रवेश होगा, जबकि निकास जय निवास बाग की ओर से होगा। पीछे कुआं गेट और जय निवास बाग से प्रवेश निषेध रहेगा।
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भीड़ नियंत्रण: मंदिर परिसर और जगमोहन में लगातार खड़े रहने की अनुमति नहीं होगी, ताकि सभी को शीघ्र दर्शन हो सकें। मोबाइल से रील बनाने पर भी रोक रहेगी।
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छाया और सुविधाएं: कड़क धूप से बचाव के लिए मंदिर के बाहर से जगमोहन तक छाया की व्यवस्था होगी। जगह-जगह पंखे और कूलर लगाए जाएंगे। पीने के पानी के लिए पांच स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था रहेगी।
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स्वयंसेवक और पुलिस: करीब 200 स्वयंसेवक और पुलिस कर्मी व्यवस्था संभालेंगे। पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारी लगातार निगरानी रखेंगे।
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जूते-चप्पल और जल: मंदिर में जूते-चप्पल खोलने की व्यवस्था नहीं होगी, इसलिए श्रद्धालुओं से बाहर ही जूते-चप्पल उतारने का अनुरोध है। साथ ही, मटके में जल घर से लाने की अपील की गई है, क्योंकि मंदिर में जल भरने की सुविधा नहीं होगी।
श्रद्धालुओं के लिए अपील
मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए निम्नलिखित अपील की है:
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हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या सांस की तकलीफ से पीड़ित व्यक्ति भीड़ से बचें।
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महिलाएं कीमती आभूषण पहनकर न आएं और कोई बड़ा बैग या सामान न लाएं।
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पानी की बोतल साथ लाना अनिवार्य होगा।
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किसी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की सूचना तुरंत मंदिर प्रशासन या पुलिस को दें।
निर्जला एकादशी पर श्री गोविंददेवजी मंदिर में दर्शन के लिए यह विशेष व्यवस्था भक्तों को सुगम और सुरक्षित अनुभव प्रदान करेगी।