नीमराना में एलएनजी स्टेशन का शुभारंभ: क्या है राजस्थान का मास्टर प्लान?
राजस्थान गैस लिमिटेड ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रहा है। 2024-25 में पीएनजी आपूर्ति तीन गुना बढ़ेगी, दो नए सीएनजी स्टेशन शुरू होंगे। नीमराना में एलएनजी स्टेशन और कोटा में पाइपलाइन कार्य प्रगति पर।

राजस्थान सरकार के संयुक्त उपक्रम राजस्थान गैस लिमिटेड (आरएसजीएल) ने राज्य में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी के चेयरमैन और माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि वर्ष 2024-25 में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की उपलब्धता में तीन गुना वृद्धि की जाएगी। इसके साथ ही, दो नए सीएनजी स्टेशन जल्द शुरू किए जाएंगे।
शुक्रवार को आयोजित संचालक मंडल की वर्चुअल बैठक में वर्ष 2024-25 के अंकेक्षित वार्षिक लेखों को मंजूरी दी गई। रविकान्त ने बताया कि वर्तमान में कोटा, कूकस और नीमराना सहित 18 सीएनजी स्टेशनों के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, 54 हजार से अधिक घरों तक डोमेस्टिक पाइप्ड नेचुरल गैस (डीपीएनजी) सेवाएं पहुंचाने के लिए आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है।
कोटा में 300 किलोमीटर एमडीपीई पाइपलाइन बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें से 21 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। रविकान्त ने सीएनजी और डीपीएनजी सेवाओं के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि इन सेवाओं का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
आरएसजीएल के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह ने बताया कि कंपनी ने नवाचार के क्षेत्र में नीमराना में लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) स्टेशन की स्थापना के लिए भूमि पूजन कर कार्य शुरू कर दिया है। यह स्टेशन लॉन्ग डिस्टेंस हैवी व्हीकल्स के लिए एलएनजी सुविधा उपलब्ध कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाइपलाइन के माध्यम से घरेलू गैस सुविधा को दोगुने परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, औद्योगिक और व्यावसायिक इकाइयों को पीएनजी से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के उपयोग को भी प्रोत्साहित करेगी।