राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस 2025: आँखों की रोशनी, जीवन की सैर – जागरूकता के साथ करें देखभाल!
राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस, 6 जून 2025 को नई दिल्ली में मनाया जाएगा, जो नेत्र स्वास्थ्य और नियमित जांच के महत्व पर केंद्रित है। इस दिन का उद्देश्य मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाना, स्क्रीन टाइम के दुष्प्रभावों को कम करना, और ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त नेत्र जांच सुविधाएँ प्रदान करना है। 2025 की थीम "आँखों की देखभाल, जीवन की रक्षा" है।

नई दिल्ली, 6 जून 2025: हर साल 6 जून को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस आँखों की सेहत और व्यापक नेत्र परीक्षण के महत्व को रेखांकित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस न केवल नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करता है, बल्कि लोगों को नियमित नेत्र जांच और आँखों की उचित देखभाल के लिए प्रेरित भी करता है। आधुनिक जीवनशैली, स्क्रीन टाइम की अधिकता और पर्यावरणीय कारकों के कारण आँखों से संबंधित समस्याएँ बढ़ रही हैं, और इस दिन का उद्देश्य इन चुनौतियों से निपटने के लिए जनता को शिक्षित करना है।
राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस का महत्व
राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस का आयोजन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न नेत्र स्वास्थ्य संगठनों द्वारा किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता: आँखों की देखभाल की कमी के कारण होने वाली बीमारियों जैसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और रतौंधी के बारे में लोगों को जागरूक करना।
नियमित नेत्र परीक्षण को बढ़ावा: कई नेत्र रोग शुरुआती चरण में लक्षण नहीं दिखाते, और नियमित जांच से इनका जल्दी पता लगाया जा सकता है।
आधुनिक जीवनशैली के प्रभाव को कम करना: लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करने, प्रदूषण और गलत खानपान के कारण आँखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए जागरूकता फैलाना।
सामाजिक समावेशिता: ग्रामीण और कमजोर वर्गों तक मुफ्त या सस्ती नेत्र जांच सुविधाएँ पहुँचाना।
क्यों जरूरी है नेत्र स्वास्थ्य?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्व में लगभग 2.2 अरब लोग किसी न किसी प्रकार की दृष्टि हानि से पीड़ित हैं, जिनमें से 1 अरब मामलों को रोका जा सकता था। भारत में, लगभग 5 करोड़ लोग दृष्टि दोष से प्रभावित हैं, और इनमें से कई मामले समय पर जांच और उपचार से ठीक हो सकते हैं। मोतियाबिंद भारत में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है, जिसका इलाज संभव है, बशर्ते समय पर निदान हो।
इसके अलावा, डायबिटीज के बढ़ते मामलों के साथ डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे रोग भी तेजी से बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस इस बात पर जोर देता है कि आँखें न केवल देखने का साधन हैं, बल्कि हमारे जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
2025 का थीम और आयोजन
इस साल राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस 2025 की थीम है: "आँखों की देखभाल, जीवन की रक्षा"। यह थीम इस बात पर केंद्रित है कि स्वस्थ आँखें न केवल व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाती हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उत्पादकता में भी योगदान देती हैं।
देशभर में इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
मुफ्त नेत्र जांच शिविर: सरकारी और गैर-सरकारी संगठन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुफ्त नेत्र जांच शिविर लगाते हैं।
जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों पर सेमिनार और कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं, जहाँ नेत्र विशेषज्ञ आँखों की देखभाल के टिप्स साझा करते हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया अभियान: टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से नेत्र स्वास्थ्य के महत्व को जन-जन तक पहुँचाया जाता है।
चश्मों का वितरण: जरूरतमंद लोगों को मुफ्त या रियायती दरों पर चश्मे और अन्य नेत्र उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं।
राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस के अवसर पर विशेषज्ञ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं:
नियमित नेत्र जांच: हर साल कम से कम एक बार नेत्र विशेषज्ञ से जांच करवाएँ, खासकर यदि आपकी उम्र 40 से अधिक है या आपको डायबिटीज है।
20-20-20 नियम: स्क्रीन पर काम करते समय हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
सही पोषण: विटामिन A, C, E और ओमेगा-3 युक्त भोजन जैसे गाजर, पालक, मछली और बादाम का सेवन करें।
धूप से सुरक्षा: यूवी किरणों से बचने के लिए धूप का चश्मा पहनें।
स्क्रीन टाइम सीमित करें: बच्चों और वयस्कों दोनों को स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना चाहिए।
धूम्रपान से बचें: धूम्रपान मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन का जोखिम बढ़ाता है।
भारत में राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम (NPCB) के तहत हर साल लाखों मुफ्त नेत्र सर्जरी की जाती हैं।
मोतियाबिंद सर्जरी की लागत सरकारी अस्पतालों में मुफ्त या न्यूनतम होती है, फिर भी जागरूकता की कमी के कारण कई लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते।
डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि 80% दृष्टि हानि को रोका जा सकता है या उसका इलाज संभव है, बशर्ते समय पर कार्रवाई हो
पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस के प्रयासों के कारण भारत में नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में सुधार हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेत्र जांच इकाइयों और टेलीमेडिसिन के उपयोग ने दूरदराज के लोगों को भी लाभ पहुँचाया है। फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता और संसाधनों की कमी अभी भी एक चुनौती है।
अपने और अपने परिवार की नियमित नेत्र जांच करवाएँ।
सोशल मीडिया पर #NationalEyeCareDay2025 जैसे हैशटैग के साथ नेत्र स्वास्थ्य के बारे में जानकारी साझा करें।
स्थानीय नेत्र जांच शिविरों में भाग लें या स्वयंसेवक बनें।
बच्चों को स्क्रीन टाइम कम करने और आँखों की देखभाल के लिए प्रोत्साहित करें।
राष्ट्रीय नेत्र-वस्त्र दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि हमारी आँखें अनमोल हैं। एक छोटी सी सावधानी और नियमित जांच हमें जीवन भर की रोशनी दे सकती है। इस दिवस पर, आइए हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपनी और अपने प्रियजनों की आँखों की देखभाल को प्राथमिकता देंगे। आँखों की रोशनी बनी रहे, ताकि जीवन की हर खूबसूरती को हम देख सकें!