मृत्यु का मंजर: फरीदाबाद में महिला को बार-बार जिंदा-मृत बताने का खेल

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में महेंद्रा देवी को पहले मृत घोषित किया गया, फिर पोस्टमॉटम हाउस में जिंदा बताया गया, और अंत में दोबारा मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना ने परिवार को झकझोर दिया और अस्पताल की लापरवाही पर सवाल उठाए।

Jun 21, 2025 - 15:51
मृत्यु का मंजर: फरीदाबाद में महिला को बार-बार जिंदा-मृत बताने का खेल

फरीदाबाद के बीके अस्पताल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, जहां एक महिला को पहले मृत घोषित किया गया, फिर पोस्टमॉर्टम हाउस में जिंदा बताया गया, और अंत में दोबारा मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठाए और परिवार ने भारी नाराजगी जताई।

महिला की पहचान बल्लभगढ़ निवासी महेंद्री देवी (42) के रूप में हुई। उनके पति जोगेंद्र ने बताया कि महेंद्री लंबे समय से बीमार थीं। उन्हें बुखार, खांसी और शुक्रवार सुबह गैस की समस्या हुई। सुबह 10 बजे उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां हालत गंभीर होने पर डेढ़ घंटे बाद उन्हें बीके अस्पताल, फरीदाबाद रेफर कर दिया गया।

बीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में महेंद्री को भर्ती किया गया। ईसीजी सहित कई टेस्ट किए गए, जिनके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों को बताया गया कि शरीर में कोई हलचल नहीं है और शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाना होगा। इसके बाद परिजन शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले गए।

लेकिन पोस्टमॉर्टम हाउस में मौजूद डॉक्टर ने चौंकाने वाला दावा किया कि महेंद्री अभी जिंदा हैं और उनकी सांसें चल रही हैं। परिजनों को भी शरीर में हल्की हलचल महसूस हुई। हैरान-परेशान परिवार तुरंत शव को वापस इमरजेंसी वार्ड ले गया। वहां दोबारा ईसीजी और अन्य जांच की गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने फिर से पुष्टि की कि महिला की मृत्यु हो चुकी है।

इसके बाद शव को दोबारा पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया। शनिवार दोपहर बल्लभगढ़ में महेंद्री का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

परिवार ने अस्पताल की लापरवाही पर गुस्सा जताया। वहीं, नागरिक अस्पताल के आरएमओ डॉ. प्रशांत ने सफाई दी कि महिला की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी। पोस्टमॉर्टम हाउस में डॉक्टर को शक होने पर दोबारा जांच की गई, जिसमें मृत्यु की पुष्टि हुई।

यह घटना अस्पताल के प्रबंधन और मेडिकल जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करती है। परिजनों का कहना है कि इस ड्रामे ने उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया।

Yashaswani Journalist at The Khatak .