फेविक्विक से मुंह बंद कर नवजात को पत्थरों में दबाया, चरवाहे की समझदारी से बची मासूम की जान
मां ने 20-22 दिन के नवजात के मुंह को फेविक्विक से चिपकाकर पत्थरों तले दफनाया, लेकिन चरवाहे की सूझबूझ से बच्चे की जान बच गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। एक निर्दयी मां ने मात्र 20-22 दिनों के अपने नवजात शिशु का मुंह फेविक्विक से चिपकाकर टेप लगा दिया और उसे पत्थरों के नीचे दफना दिया। चमत्कारिक रूप से, एक चरवाहे को पत्थरों के बीच से कराहने की आवाज सुनाई दी, जिसकी वजह से बच्चे की जान बच गई। पुलिस ने शिशु को अस्पताल पहुंचाया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मां-बाप की तलाश तेज कर दी गई है।
मासूम का मुंह बंद कर पत्थरों तले दबाया
घटना बिजौलिया के सीता कुंड महादेव मंदिर के आसपास के जंगल में हुई। सूत्रों के अनुसार, अज्ञात महिला ने नवजात शिशु के मुंह में पत्थर ठूंस दिया और ऊपर से फेविक्विक एडहेसिव से टेप चिपका दिया, ताकि बच्चा चीख न सके। इसके बाद शिशु को पत्थरों के ढेर के नीचे दबा दिया गया। यह क्रूरता इतनी गहरी थी कि बच्चे की सांसें रुकने लगीं। बच्चा करीब 20 से 22 दिनों का बताया जा रहा है, जो अभी दूध पिलाने लायक भी नहीं था। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी अमानवीय घटना क्षेत्र में पहली बार देखने को मिली है।
आवाज सुनकर दौड़े ग्रामीण, पहुंची पुलिस
सोमवार सुबह करीब 10 बजे, बकरियां चराने निकले एक युवा चरवाहे को जंगल में पत्थरों के नीचे से हल्की-हल्की कराहने की आवाज सुनाई दी। संदेह होने पर उसने पत्थर हटाए, तो वहां नवजात शिशु दबा हुआ मिला। बच्चे का मुंह टेप से बंद था और चेहरा पसीने और धूल से सना हुआ था। चरवाहे ने तुरंत ग्रामीणों को बुलाया और बिजौलिया पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और शिशु को बाहर निकाला। प्रारंभिक जांच में बच्चे को गंभीर चोटें नहीं लगीं, लेकिन सांस लेने में दिक्कत के कारण उसे तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस का एक्शन: मां-बाप की तलाश में छापेमारी, जांच तेज
बिजौलिया पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अज्ञात मां के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर लिया है। एसएचओ बिजौलिया ने बताया, "हमने शिशु को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। मां और पिता की पहचान के लिए आसपास के गांवों में पूछताछ शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज और ग्रामीणों के बयानों से सुराग मिलने की उम्मीद है।" डॉक्टरों के अनुसार, बच्चा कमजोर हालत में है, लेकिन समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच सकती है। अस्पताल में बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है। पुलिस ने जंगल क्षेत्र में अतिरिक्त गश्त बढ़ा दी है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।