जैसलमेर पुलिस की नशे के खिलाफ करारा प्रहार : 95 लाख की एमडी के साथ बाड़मेर का तस्कर धराया

जैसलमेर पुलिस ने "ऑपरेशन वज्र" के तहत बाड़मेर के तस्कर सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर 92.50 ग्राम एमडी (मेफेड्रोन) बरामद की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 95 लाख रुपये है। यह जैसलमेर में नशे के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। पुलिस ने चोराया क्षेत्र में सटीक रणनीति से तस्कर को पकड़ा और नशा तस्करी नेटवर्क को तोड़ने के लिए पूछताछ शुरू की।

Jun 9, 2025 - 20:57
Jun 9, 2025 - 20:58
जैसलमेर पुलिस की नशे के खिलाफ करारा प्रहार : 95 लाख की एमडी के साथ बाड़मेर का तस्कर धराया

जैसलमेर, 9 जून 2025: राजस्थान के सुनहरे रेगिस्तान में जैसलमेर पुलिस ने नशे के काले कारोबार पर ऐसी चोट की है, जो तस्करों के लिए एक सख्त चेतावनी बन गई है। जिला विशेष शाखा (DST) और शहर कोतवाली की संयुक्त टीम ने "ऑपरेशन वज्र" के तहत बाड़मेर के कुख्यात नशा तस्कर सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से 92.50 ग्राम एमडी (मेफेड्रोन) बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 95 लाख रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई जैसलमेर पुलिस के इतिहास में नशे के खिलाफ सबसे बड़ी और साहसिक कार्रवाइयों में से एक है, जिसने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राजस्थान में तस्करों के होश उड़ा दिए हैं।

सूझबूझ और साहस का शानदार प्रदर्शन: तस्कर तक कैसे पहुंची पुलिस?

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी के कुशल नेतृत्व में पुलिस ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। गुप्त सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर पुलिस को पता चला कि बाड़मेर निवासी सुरेश कुमार जैसलमेर की ओर एमडी की बड़ी खेप लेकर आ रहा है। इस सूचना पर तुरंत हरकत में आई पुलिस ने चोराया क्षेत्र में जाल बिछाया। शहर कोतवाल प्रेमदान और DST प्रभारी भीमराव सिंह की अगुआई में गठित विशेष टीम ने सोमवार को सटीक समय पर कार्रवाई करते हुए तस्कर को धर दबोचा।

पुलिस ने सुरेश कुमार के कब्जे से 92.50 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाली एमडी बरामद की, जिसे वह स्थानीय बाजार में वितरण के लिए ला रहा था। इस ड्रग की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 95 लाख रुपये आंकी गई है, जो इस कार्रवाई की गंभीरता और महत्व को दर्शाती है। यह जैसलमेर में नशे के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है, जिसने पुलिस की सतर्कता और समर्पण को रेखांकित किया है।

तकनीक और खुफिया जानकारी का बेजोड़ संगम

सहायक पुलिस अधीक्षक (ACP) सुधीर चौधरी ने प्रेस वार्ता में इस ऑपरेशन की सफलता का राज खोला। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तस्करों के नेटवर्क पर लंबे समय से नजर रखी हुई थी। "हमने तकनीकी निगरानी, खुफिया जानकारी और अपनी टीम की मेहनत का शानदार इस्तेमाल किया। सूचना मिलते ही हमारी टीम ने दिन-रात एक कर दिए और इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया," चौधरी ने गर्व के साथ कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जैसलमेर पुलिस नशा तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी।

इस ऑपरेशन में पुलिस की तकनीकी दक्षता और मानवीय खुफिया तंत्र का बेजोड़ समन्वय देखने को मिला। चोराया क्षेत्र में सटीक समय पर जाल बिछाकर पुलिस ने तस्कर को इस तरह पकड़ा कि उसे भागने का कोई मौका नहीं मिला। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की तेजी को दिखाती है, बल्कि समाज में नशे के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करती है।

तस्कर से पूछताछ: नेटवर्क के पीछे का सच

गिरफ्तार तस्कर सुरेश कुमार, जो बाड़मेर का निवासी है, से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि वह एक बड़े और संगठित नशा तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जो राजस्थान के कई हिस्सों में फैला हुआ है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह एमडी की खेप कहां से आई और इसे कहां-कहां पहुंचाया जाना था। साथ ही, इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई विशेष द certificate बनाए हैं, जो लगातार छापेमारी और जांच में जुटे हैं।

सुरेश कुमार से पूछताछ में पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर यह नेटवर्क जल्द ही पूरी तरह से उजागर हो सकता है। पुलिस का मानना है कि इस गिरफ्तारी से नशा तस्करी के कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो इस गोरखधंधे को जड़ से उखाड़ने में मदद करेंगे।

जैसलमेर पुलिस की इस कार्रवाई ने नशा तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। यह न केवल पुलिस की सतर्कता और साहस को दर्शाता है, बल्कि समाज को नशे की लत से बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। नशा न केवल युवाओं को बर्बाद करता है, बल्कि पूरे समाज को खोखला कर देता है। इस कार्रवाई ने जैसलमेर के लोगों में एक नई उम्मीद जगाई है कि पुलिस प्रशासन की सक्रियता से उनका शहर और समाज सुरक्षित रहेगा।

पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि नशा तस्करी से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी बिना किसी डर के पुलिस तक पहुंचाएं। ACP सुधीर चौधरी ने आश्वासन दिया कि ऐसी सूचनाएं देने वालों की पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।

जैसलमेर पुलिस की प्रतिबद्धता: नशे के खिलाफ जंग जारी

यह कार्रवाई जैसलमेर पुलिस की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो नशे के खिलाफ उनकी जंग को और मजबूत करती है। "ऑपरेशन वज्र" जैसी कार्रवाइयां न केवल तस्करों में खौफ पैदा करती हैं, बल्कि समाज को यह भरोसा भी दिलाती हैं कि पुलिस उनके साथ है। जैसलमेर पुलिस का यह साहसिक कदम नशे के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले समय में और भी बड़ी कार्रवाइयों का रास्ता खोलेगा।