गांधीनगर और खातीपुरा स्टेशनों के नाम में होगा 'जयपुर', युवाओं के लिए ट्रेनिंग और वंदे भारत का तोहफा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जयपुर दौरे पर गांधीनगर और खातीपुरा रेलवे स्टेशनों के नाम 'जयपुर' के साथ जोड़ने की योजना बताई। इसके अलावा, 5000 युवाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग प्रशिक्षण, स्टार्टअप्स के लिए इंटीग्रेशन सेंटर, और नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की। जयपुर में रेलवे फाटकों को हटाने और स्टेशन पुनर्विकास की योजनाएं भी शुरू होंगी।

Sep 11, 2025 - 16:29
Sep 11, 2025 - 16:49
गांधीनगर और खातीपुरा स्टेशनों के नाम में होगा 'जयपुर', युवाओं के लिए ट्रेनिंग और वंदे भारत का तोहफा

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को अपने एक दिवसीय जयपुर दौरे के दौरान रेलवे और औद्योगिक विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। लघु उद्योग भारती के एक कार्यक्रम में उन्होंने जयपुर के दो प्रमुख रेलवे स्टेशनों—गांधीनगर और खातीपुरा—के नाम बदलने की योजना का खुलासा किया। इसके साथ ही, स्टार्टअप्स और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों की बात भी कही।

स्टेशन के नाम बदलने की पहल

रेल मंत्री ने बताया कि गांधीनगर और खातीपुरा रेलवे स्टेशनों के नाम में 'जयपुर' जोड़ा जाएगा ताकि यात्रियों को स्टेशन की पहचान में आसानी हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "गांधीनगर रेलवे स्टेशन को 'जयपुर गांधीनगर' और खातीपुरा को 'जयपुर खातीपुरा' नाम दिया जा सकता है। इससे यह स्पष्ट होगा कि ये स्टेशन राजस्थान के हैं, न कि गुजरात या किसी अन्य राज्य के।" उन्होंने जयपुर के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर सुझाव देने की अपील की।

स्टार्टअप और रोजगार के लिए नई योजनाएं

लघु उद्योग भारती के सहयोग से जयपुर में 5000 युवाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गई। इसके अलावा, रेलवे और स्टार्टअप सेक्टर को जोड़ने के लिए एक इंटीग्रेशन सेंटर स्थापित करने की योजना है। इस सेंटर में स्टार्टअप्स को मेंटरशिप और निवेशकों से जोड़ने की सुविधा मिलेगी। रेल मंत्री ने कहा, "आने वाले कुछ महीनों में यह परियोजना धरातल पर उतरेगी, जिससे जयपुर में स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूती मिलेगी।"

रेलवे सुविधाओं का विस्तार

सुबह खातीपुरा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे रेल मंत्री ने वहां के इंटीग्रेटेड कोच परिसर और रेल कोच रेस्टोरेंट का निरीक्षण किया। उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ के साथ चर्चा में उन्होंने कोच परिसर के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जयपुर में एक आधुनिक मेंटेनेंस फैसिलिटी विकसित की जाएगी, जहां एक साथ 12 से 18 ट्रेनों का रखरखाव संभव होगा। इसमें वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनें भी शामिल होंगी। इससे भविष्य में जयपुर से नई ट्रेनें शुरू करने में मदद मिलेगी।

नई ट्रेनों की सौगात

रेल मंत्री ने जोधपुर-दिल्ली और बीकानेर-दिल्ली के लिए नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने की योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "जोधपुर-दिल्ली वंदे भारत की तैयारी लगभग पूरी है और इसे जल्द शुरू किया जाएगा। बीकानेर-दिल्ली वंदे भारत पर भी काम चल रहा है।" इसके साथ ही, जैसलमेर को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए दिल्ली-जैसलमेर ओवरनाइट ट्रेन शुरू करने की योजना पर विचार चल रहा है।

रेलवे का आधुनिकीकरण

रेल मंत्री ने बताया कि राजस्थान के बड़े शहरों को रेलवे फाटकों से मुक्त करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है। अगले दो से तीन महीनों में पूरे प्रदेश का प्लान तैयार होगा और सभी जोन इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा, रेलवे ट्रैक के दोनों ओर फेंसिंग और कार्गो व मल्टीपरपज टर्मिनल्स के विकास पर भी जोर दिया जा रहा है।

खातीपुरा से जगतपुरा तक का दौरा

खातीपुरा स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान रेल मंत्री के साथ जयपुर सांसद मंजू शर्मा, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा और जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर मौजूद रहीं। इसके बाद मंत्री जगतपुरा में लघु उद्योग भारती के नए भवन पहुंचे, जहां उन्होंने स्टार्टअप्स और नए आइडियाज के विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी उपस्थित थे।

जयपुर जंक्शन का पुनर्विकास

दोपहर 3:30 बजे रेल मंत्री जयपुर जंक्शन के सेकेंड एंट्री पर चल रहे पुनर्विकास कार्यों का जायजा लेंगे। इसके बाद वे गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की प्रगति भी देखेंगे। इन परियोजनाओं से जयपुर के रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होने की उम्मीद है।

रेल मंत्री के इस दौरे और घोषणाओं ने जयपुर में रेलवे और औद्योगिक क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाई हैं। स्टेशन के नाम बदलने से लेकर स्टार्टअप्स और रोजगार के अवसरों तक, ये योजनाएं न केवल जयपुर बल्कि पूरे राजस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .