प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल नाराज होकर बीच में छोड़ा मंच
भाजपा कार्यशाला में कम उपस्थिति से नाराज प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल बीच में ही चले गए, मंत्री जवाहर सिंह बेढम के मनाने के बावजूद नहीं रुके। प्रभारी ने अनुपस्थित नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने की चेतावनी दी।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में आयोजित भाजपा की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में उस समय हंगामा मच गया, जब पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल नाराज होकर बीच में ही कार्यशाला छोड़कर चले गए। कार्यशाला में सांसदों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की कम उपस्थिति को लेकर प्रभारी का गुस्सा फूट पड़ा। इस दौरान गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन प्रभारी नहीं माने और वहां से रवाना हो गए।
कार्यशाला में कम उपस्थिति से भड़के प्रभारी
भाजपा की यह कार्यशाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े की तैयारियों के लिए आयोजित की गई थी। उद्घाटन सत्र में राधामोहन दास अग्रवाल ने कार्यशाला में अनुपस्थित नेताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही। उन्होंने बताया कि 14 सांसदों में से केवल 5, 118 विधायकों में से 72, 11 सांसद प्रत्याशियों में से 8 और 82 विधायक प्रत्याशियों में से केवल 42 ही कार्यशाला में मौजूद थे। इसके अलावा, 8 जिलाध्यक्ष और 35 में से 13 पार्टी पदाधिकारी भी अनुपस्थित रहे।
प्रभारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "जो लोग पार्टी के काम में रुचि नहीं लेते, उनकी पार्टी में जगह नहीं होनी चाहिए। अनुपस्थित लोगों से लिखित में जवाब मांगा जाएगा।" उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को निर्देश दिए कि बिना सूचना के गैरहाजिर रहने वालों से स्पष्टीकरण लिया जाए।
जवाहर सिंह बेढम ने की मनाने की कोशिश
दूसरे सत्र से पहले राधामोहन दास अग्रवाल अचानक कार्यशाला छोड़कर जाने लगे। उनकी नाराजगी देखकर गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम दौड़कर उनके पीछे गए। मंत्री के स्टाफ ने प्रभारी की गाड़ी को रुकवाया, जिसके बाद बेढम ने उनसे करीब 5 मिनट तक बात की। दोनों के हावभाव से साफ था कि मंत्री प्रभारी को मनाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, प्रभारी नहीं रुके और वहां से चले गए। इस दौरान मंच से उनकी कुर्सी भी हटा दी गई।
प्रभारी का बयान: पहले से था कार्यक्रम
विवाद के बाद राधामोहन दास अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा, "मुझे उद्घाटन सत्र के बाद जाना ही था। मेरा पहले से तय कार्यक्रम था कि मुझे भाजपा महामंत्री श्रवण बगड़ी और मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के घर जाकर उनसे मिलना था। जवाहर सिंह बेढम ने मुझे रुकने का आग्रह किया, लेकिन तय कार्यक्रम के कारण मुझे जाना पड़ा। बेढम मेरे साथ खींवसर के घर गए हैं।"
इस घटनाक्रम ने भाजपा के संगठनात्मक ढांचे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रभारी की नाराजगी और कार्यशाला में नेताओं की कम उपस्थिति ने पार्टी के भीतर अनुशासन और सक्रियता की कमी को उजागर किया है। कार्यशाला में अनुपस्थित रहने वाले नेताओं पर अब कारण बताओ नोटिस का खतरा मंडरा रहा है। यह घटना राजस्थान भाजपा के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि सेवा पखवाड़े जैसे महत्वपूर्ण अभियान से पहले संगठन में एकजुटता और सक्रियता की जरूरत है।