नींद की दवा देकर बेटियों पर पिता की हैवानियत: 5 साल की मासूमियत लुटी, मां को फटे कपड़े सौंपती थीं बच्चियां
जयपुर में एक पिता को अपनी 8 और 11 साल की बेटियों से 5 साल तक रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपी नींद की गोलियां देकर बच्चियों के साथ गलत काम करता था, जिसका खुलासा मां और अस्पताल की जांच के बाद हुआ। 26 जून को सदर थाना पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता अपनी ही 8 और 11 साल की बेटियों के साथ पिछले पांच साल से दुष्कर्म कर रहा था। आरोपी को 26 जून को सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जांच अधिकारी, अतिरिक्त डीसीपी सुलेश चौधरी ने बताया कि आरोपी अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को रात में नींद की गोलियां देता था, जिसके बाद बेहोशी की हालत में वह बच्चियों के साथ गलत काम करता था।
पत्नी ने खोला राज, डर के कारण रही चुप
पुलिस पूछताछ में आरोपी की पत्नी ने बताया कि उसे पति की करतूतों का पता था, लेकिन सामाजिक डर और आर्थिक मजबूरी के चलते वह चुप रही। पत्नी ने बताया कि उसने कई बार पति को बच्चियों के साथ गलत काम करते देखा। पहली बार जब उसने विरोध किया, तो आरोपी ने बात को दबा दिया। करीब छह महीने पहले और हाल ही में छत पर भी उसने पति को छोटी बेटी के साथ गलत काम करते पकड़ा, लेकिन हर बार आरोपी ने उसे चुप करा दिया।
पत्नी ने पुलिस को बताया कि नींद की गोलियों के ओवरडोज के कारण दोनों बेटियां स्कूल में कक्षा के दौरान सो जाती थीं। स्कूल प्रशासन ने इस बारे में कई बार शिकायत भी की थी। जब मां ने पति से इस बारे में पूछा, तो उसने कहा कि बच्चियों का पढ़ाई में मन नहीं होगा। आरोपी को पता था कि दवाओं के कारण बच्चियां स्कूल में सो रही हैं।
बच्चियों के कपड़े फाड़ देता था आरोपी
मां ने बताया कि आरोपी बेटियों के अंदरूनी कपड़े फाड़ देता था। सुबह बच्चियां अपनी मां को फटे कपड़े दिखाती थीं, जिसे मां टांके लगाकर ठीक कर देती थी। मां को पति की हरकतों का अंदाजा था, लेकिन वह डर और समाज के डर से चुप रही। उसका कहना था कि पति के अलावा घर चलाने वाला कोई नहीं था, इसलिए वह कार्रवाई करने से डरती थी।
अस्पताल में खुला मामला, डॉक्टर ने की पहल
20 जून को जब दोनों बेटियों को पेट में दर्द की शिकायत हुई, तो मां उन्हें सैटेलाइट अस्पताल, बनीपार्क लेकर गई। उसने डॉक्टर से बच्चियों की जांच करने और यह पता लगाने को कहा कि उनके साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ। जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। डॉक्टर ने मां से कारण पूछा, तो उसने पति पर शक जताया। डॉक्टर ने पुलिस कार्रवाई की सलाह दी, लेकिन मां ने केवल पति को धमकाने की बात कही।
21 जून को डॉक्टर ने एक एनजीओ से संपर्क किया, जिसने मां को काउंसलिंग के लिए बुलाया। काउंसलिंग के बाद एनजीओ ने डीसीपी वेस्ट को शिकायत दी। 22 जून को सदर थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने हिडन कैमरे से बच्चियों और मां के बयान दर्ज किए, जिसके आधार पर 26 जून को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अतिरिक्त डीसीपी सुलेश चौधरी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। बच्चियों और मां के बयानों को संवेदनशीलता के साथ दर्ज किया गया। यह मामला समाज में जागरूकता की कमी और परिवार के भीतर होने वाले अपराधों पर चुप्पी को उजागर करता है। पुलिस और एनजीओ की संयुक्त पहल से इस मामले में न्याय की दिशा में कदम उठाया गया है।