बीकानेर के मदान मार्केट में सिलेंडर ब्लास्ट: 8 की मौत, लाखों का सोना मलबे में दबा
बीकानेर के मदान मार्केट में बुधवार सुबह हुए भीषण सिलेंडर ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। धमाके से मार्केट के दो फ्लोर ढह गए, और लाखों रुपये का सोना मलबे में दब गया। अवैध गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ और स्थानीय टीमें जुटीं, जिसमें गुरुवार को 5 और शव निकाले गए। प्रशासन ने जांच शुरू की और सुरक्षा मानकों को सख्त करने का आश्वासन दिया।

बीकानेर के मदान मार्केट में बुधवार सुबह करीब 11 बजे हुए भीषण सिलेंडर ब्लास्ट ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। इस जोरदार धमाके में मार्केट के बेसमेंट में बने दो फ्लोर पूरी तरह ढह गए, जिसके मलबे में कई लोग दब गए। गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे से 5 और शव निकाले गए, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। इस हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
हादसे का भयावह मंजर
यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि स्थानीय लोगों ने इसे "एयर स्ट्राइक" जैसा बताया। मार्केट में मौजूद ज्वेलरी मेकिंग की दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए बुधवार को दिनभर रेस्क्यू ऑपरेशन चला, जिसमें तीन शव निकाले गए थे। गुरुवार को एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने पांच और शव बरामद किए।
मृतकों की पहचान किशन सोनी (23), किशनलाल सोनी (25), रामस्वरूप सोनी (20), लालचंद सोनी (23), असलम मलिक (31), सलमान (35), असलम (35) और सचिन सोनी (22) के रूप में हुई है। वहीं, घायलों में सुशील सोनी (60), उत्तम (30), समीर (18) और आयन (17) शामिल हैं, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
अवैध सिलेंडरों का इस्तेमाल बना हादसे की वजह
मदान मार्केट में ज्वेलरी मेकिंग का काम करने वाली लगभग 25 दुकानें थीं। जांच में सामने आया कि इन दुकानों में अवैध गैस सिलेंडरों का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो इस हादसे की मुख्य वजह बने। एक छोटी सी चिंगारी ने सिलेंडर को भयानक बम में बदल दिया, जिसने पूरी मार्केट को मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया।
लाखों का सोना मलबे में दबा
इस हादसे ने ज्वेलरों को आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान पहुंचाया है। ज्वेलर विकास सोनी ने बताया कि उनकी दुकान में करीब 160 ग्राम सोना था, जो अब मलबे में दब गया है। उन्होंने कहा, "हर दुकान में औसतन 100 ग्राम से ज्यादा सोना होता है। इस मार्केट में लाखों रुपये का सोना मलबे में दबा है।" विकास ने यह भी बताया कि वह महज 10 मिनट की देरी से दुकान पहुंचे, जिसने उनकी जान बचा ली। "धमाका सुनकर लगा जैसे एयर स्ट्राइक हुई हो। अपनी दुकान जमींदोज देखकर पैरों तले जमीन खिसक गई," उन्होंने कहा।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की कार्रवाई
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें दिन-रात जुटी रहीं। मलबे से शव और घायलों को निकालने के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई और व्यक्ति मलबे में फंसा न हो। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसमें अवैध सिलेंडरों के इस्तेमाल और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
शहर में शोक की लहर
इस हादसे ने बीकानेर में शोक की लहर दौड़ा दी है। मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है, और घायलों की हालत को देखकर लोग चिंतित हैं। स्थानीय लोग और व्यापारी प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
आगे क्या?
यह हादसा अवैध गैस सिलेंडरों के इस्तेमाल और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का जीता-जागता सबूत है। प्रशासन ने मार्केट में सिलेंडरों की जांच और दुकानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है। साथ ही, मृतकों के परिवारों को मुआवजे और घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
बीकानेर का यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि सुरक्षा के साथ समझौता कितना खतरनाक हो सकता है।