ब्यावर: अवैध बजरी डंपर ने सब्जी व्यापारी को कुचला, ग्रामीणों का आक्रोश, सड़क जाम

8 जून 2025 को राजस्थान के ब्यावर जिले के निमाज गांव में एक बजरी डंपर ने बाइक सवार मल्लाराम कुमावत को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर मृत्यु हो गई। गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर अवैध बजरी खनन और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसके दौरान पुलिस से हल्की झड़प हुई। हनुमान बेनीवाल, गोविंद सिंह डोटासरा जैसे नेताओं ने इसे सत्ता संरक्षित खनन का परिणाम बताते हुए सरकार पर निशाना साधा। पुलिस ने डंपर जब्त कर जांच शुरू की, लेकिन ग्रामीण मुआवजे और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Jun 8, 2025 - 20:17
ब्यावर: अवैध बजरी डंपर ने सब्जी व्यापारी को कुचला, ग्रामीणों का आक्रोश, सड़क जाम

राजस्थान के ब्यावर जिले के जैतारण क्षेत्र में निमाज गांव के पास एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। सुबह करीब 9:15 बजे एक बजरी से भरे डंपर ने बाइक सवार सब्जी व्यापारी मल्लाराम कुमावत को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प की भी खबर है।

घटना का विवरण

पुलिस के अनुसार, मल्लाराम कुमावत (निमाज गांव के निवासी) अपनी बाइक से निमाज से बर की ओर जा रहे थे। निमाज से लगभग एक किलोमीटर आगे, एक फार्म हाउस से निकल रहे बजरी से भरे डंपर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। हादसा इतना भीषण था कि मल्लाराम को गंभीर चोटें आईं। परिजन उन्हें तुरंत निमाज के राजकीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

ग्रामीणों का आक्रोश और प्रदर्शन

मल्लाराम की मौत की खबर फैलते ही निमाज गांव और आसपास के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर डंपर चालक और अवैध बजरी खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कुमावत समाज के लोग भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने निमाज में बाजार बंद करवाया और हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जैतारण कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष किशोर चौधरी भी प्रदर्शन में शामिल हुए और ग्रामीणों का समर्थन किया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी हल्की झड़प भी हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में अवैध बजरी खनन बेरोकटोक चल रहा है, और सत्ता के संरक्षण में माफिया बेखौफ होकर ऐसे हादसों को अंजाम दे रहे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने राजस्थान की सियासत को भी गरमा दिया है। कई नेताओं ने इसे अवैध बजरी खनन और सत्ता के दुरुपयोग से जोड़ा है।

  • हनुमान बेनीवाल (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण में प्रदेश में बजरी माफियाओं का आतंक चरम पर है। आज फिर बेखौफ बजरी माफियाओं ने मल्लाराम कुमावत को डंपर से कुचल दिया, जिससे उनकी दर्दनाक मृत्यु हो गई।" उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।
  • गोविंद सिंह डोटासरा (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) ने भी इस घटना को भाजपा सरकार के "जंगलराज" का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "मंत्रियों की मेहरबानी से धड़ल्ले से चल रहे अवैध बजरी के कारोबार ने एक और निर्दोष नागरिक की जान ले ली।"
  • अभिमन्यु पूनिया ने एक्स पर लिखा, "यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि हमारी कानून व्यवस्था और आम जनता की सुरक्षा पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न है।" उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।

अवैध बजरी खनन का मुद्दा

स्थानीय लोगों और नेताओं का आरोप है कि जैतारण और ब्यावर क्षेत्र में अवैध बजरी खनन लंबे समय से चल रहा है। इस हादसे में शामिल डंपर का मालिक भैराराम माली बताया जा रहा है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि उसने अवैध बजरी का स्टॉक बना रखा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे डंपर बिना किसी नियम-कानून के सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने घटना के बाद डंपर को जब्त कर लिया है और चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि केवल चालक पर कार्रवाई काफी नहीं है। वे अवैध बजरी खनन के पूरे रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वर्तमान स्थिति

प्रदर्शन के कारण निमाज और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मल्लाराम के परिवार के लिए मुआवजे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह हादसा न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि राजस्थान में अवैध बजरी खनन के गंभीर मुद्दे को भी उजागर करता है। ग्रामीणों का आक्रोश और नेताओं की प्रतिक्रियाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि इस समस्या का समाधान तत्काल जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

Yashaswani Journalist at The Khatak .