डिस्कॉम से स्टांप पेपर चुराकर जेठ का प्लॉट हड़पने का सनसनीखेज मामला: महिला ने दोस्त के साथ मिलकर गढ़े फर्जी डॉक्यूमेंट्स, FSL जांच में सिग्नेचर मैच
बाड़मेर में महिला ने दोस्त के साथ मिलकर डिस्कॉम से स्टांप पेपर चुराए, जेठ के प्लॉट पर फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा करने की कोशिश की; FSL में सिग्नेचर मैच होने पर पुलिस ने महिला और हिंदू सिंह को गिरफ्तार किया।
बाड़मेर, 3 नवंबर 2025:
राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक सनसनीखेज जमीन हड़पने का मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने जेठ की जमीन पर कब्जा करने के लिए डिस्कॉम (राजस्थान राज्य विद्युत वितरण निगम) के स्टांप पेपर चुराकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इस घोटाले में महिला के साथ उसके एक करीबी दोस्त ने भी साजिश रची। पुलिस ने रविवार को इस मामले में मुख्य आरोपी हिंदू सिंह को गिरफ्तार किया, जबकि अगस्त 2025 में मुख्य आरोपी महिला को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की जांच में सिग्नेचरों का मिलान होने के बाद यह मामला और पुख्ता हो गया है। यह घटना कोतवाली थाना रॉय कॉलोनी क्षेत्र की है, जो अब कानूनी कार्रवाई के चक्रव्यूह में फंस चुकी है।
साजिश की शुरुआत: पारिवारिक विवाद से जन्मी चाल मामला बाड़मेर के राय कॉलोनी का है पीड़ित जेठ की एक मूल्यवान प्लॉट (जमीन) थी, जिस पर परिवार में पुराने विवाद के चलते नजर लगी हुई थी। आरोपी महिला, जो पीड़ित की भाभी है, ने इस प्लॉट पर कब्जा करने की ठान ली। महिला ने अपने जेठ के नाम पर पहले से मौजूद कुछ पुराने दस्तावेजों का गलत फायदा उठाया और नई साजिश रच डाली।पुलिस जांच के मुताबिक, महिला ने अपने करीबी दोस्त हिंदू सिंह (सिणधरी सर्कल निवासी) के साथ मिलकर योजना बनाई। हिंदू सिंह, जो एक निजी क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति है, ने तकनीकी सहायता प्रदान की। दोनों ने मिलकर फर्जी एफिडेविट, सेल डीड (बिक्री पत्र) और अन्य कानूनी दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों में जेठ के हस्ताक्षरों की नकल की गई, जो बाद में FSL जांच में सिद्ध हुई।
स्टांप पेपर चोरी: डिस्कॉम कार्यालय में घुसपैठ साजिश का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा तब सामने आया जब पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के लिए स्टांप पेपर डिस्कॉम के कार्यालय से चुराए गए थे। डिस्कॉम के एक कर्मचारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके कार्यालय से कुछ स्टांप पेपर गायब हो गए हैं, जिनका इस्तेमाल सरकारी दस्तावेजों में किया जाता है। जांच में यह खुलासा हुआ कि महिला और उसके साथी ने कार्यालय में घुसकर ये पेपर चुराए। इन चुराए गए स्टांप पेपर्स पर फर्जी सिग्नेचर और स्टैंप लगाकर प्लॉट के ट्रांसफर के दस्तावेज तैयार कर लिए गए।इसके बाद, आरोपी ने इन फर्जी कागजातों के आधार पर स्थानीय तहसील कार्यालय में प्लॉट का म्यूटेशन (नामांतरण) कराने की कोशिश की। हालांकि, पीड़ित जेठ को शक हो गया और उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी।
पुलिस कार्रवाई: अगस्त से चल रही जांच, रविवार को दूसरी गिरफ्तारी कोतवाली थाना रॉय कॉलोनी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया। शुरुआती जांच में फर्जी दस्तावेजों का पर्दाफाश हो गया। अगस्त 2025 में मुख्य आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में महिला ने अपने दोस्त हिंदू सिंह का नाम लिया, जो फरार हो गया था। पुलिस ने हिंदू सिंह की तलाश के लिए कई टीमें गठित कीं और उसके ठिकानों पर छापेमारी की।रविवार दोपहर को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि हिंदू सिंह सिणधरी सर्कल में छिपा हुआ है। एक टीम ने उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। हिंदू सिंह के कब्जे से कुछ संदिग्ध दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनमें साजिश से जुड़े मैसेज और कॉल रिकॉर्ड्स मिले।
FSL रिपोर्ट: सिग्नेचर मैच से मजबूत हुआ केसपुलिस ने फर्जी दस्तावेजों को FSL जयपुर भेजा, जहां विशेषज्ञों ने सिग्नेचरों का फॉरेंसिक विश्लेषण किया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि दस्तावेजों पर जेठ के असली सिग्नेचरों की बारीकी से नकल की गई थी। स्टैंप पेपर की प्रामाणिकता भी जांच में फेल हो गई, जो डिस्कॉम से चुराए गए होने की पुष्टि करती है। इस रिपोर्ट के आधार पर अब दोनों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (जालसाजी का दुरुपयोग) और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज है।