भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पहुंचेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: दो दिनों के राजस्थान दौरे पर रहेंगे, लोंगेवाला में जवानों से करेंगे सीधी बातचीत
22 अक्टूबर 2025: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर सैनिकों के मनोबल को मजबूत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचने वाले हैं। इस दौरे के दौरान वे जैसलमेर जिले के प्रसिद्ध लोंगेवाला सेक्टर में तैनात भारतीय सेना के जवानों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। यह दौरा उस समय हो रहा है जब सीमा पर तनाव की आशंकाएं बनी हुई हैं, और सरकार सीमा सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है।
दौरे का विस्तृत कार्यक्रम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह दौरा 23 और 24 अक्टूबर को निर्धारित है। पहले दिन, यानी 23 अक्टूबर को, वे जैसलमेर पहुंचेंगे और वहां जिले के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में जैसलमेर में सैन्य सुविधाओं, सीमा सुरक्षा और पूर्व सैनिकों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके बाद वे विशेष विमान से लोंगेवाला रवाना होंगे, जहां सीधे लोंगेवाला बॉर्डर पोस्ट के लिए प्रस्थान करेंगे।
लोंगेवाला, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का ऐतिहासिक स्थल है, वहां मंत्रियों का यह दौरा विशेष महत्व रखता है। यहां 1971 में मात्र 120 भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी टैंक ब्रिगेड को ध्वस्त कर इतिहास रच दिया था। राजनाथ सिंह इस ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचकर जवानों को संबोधित करेंगे और उनके साथ अनौपचारिक बातचीत करेंगे। वे जवानों के कठिन जीवन की सराहना करेंगे, उनकी चुनौतियों को समझेंगे तथा केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देंगे।
दूसरे दिन, 24 अक्टूबर को, मंत्री महोदय जैसलमेर में सेना के अधिकारियों के साथ सीमा सुरक्षा रणनीति पर विस्तृत समीक्षा बैठक करेंगे। इस दौरान वे बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और आर्मी की यूनिट्स का निरीक्षण करेंगे। दौरे के अंत में वे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें पेंशन, चिकित्सा सुविधाओं और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा।
दौरे का उद्देश्य:
जवानों का मनोबल बढ़ाना और सुरक्षा मजबूत करनायह दौरा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सैनिकों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। राजनाथ सिंह ने हाल ही में संसद में कहा था, "हमारे जवान देश की रक्षा की पहली पंक्ति हैं। उनकी हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान सरकार की प्राथमिकता है।" लोंगेवाला जैसे संवेदनशील क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसपैठ की घटनाओं को देखते हुए यह दौरा सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दौरे का स्वागत करते हुए कहा, "रक्षा मंत्री का यह आगमन हमारे सैनिक भाइयों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा। राज्य सरकार केंद्र के साथ मिलकर सीमा सुरक्षा को अजेय बनाएगी।" इसके अलावा, बीएसएफ के महानिदेशक ने भी इस दौरे को सकारात्मक बताते हुए कहा कि इससे सीमा पर तैनात बलों का हौसला और बढ़ेगा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
लोंगेवाला का गौरवशाली इतिहास1971 के युद्ध में लोंगेवाला की लड़ाई भारतीय सेना के साहस का प्रतीक बनी। 4-5 दिसंबर की रात को पाकिस्तानी सेना ने 2000 सैनिकों और 45 टैंकों के साथ हमला बोला था, लेकिन मेजर कुशल चंद्रा के नेतृत्व में मात्र 120 सैनिकों ने हवाई सहायता के बिना ही दुश्मन को खदेड़ दिया। इस युद्ध ने 'लक्ष्य भेदी' मिसाइलों की शुरुआत भी की। आज भी यह स्थल पर्यटकों और सैनिकों के लिए प्रेरणा का केंद्र है। राजनाथ सिंह का दौरा इस इतिहास को जीवंत करने का अवसर प्रदान करेगा।
संभावित प्रभाव और अपेक्षाएं
इस दौरे से न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि सीमा पर नई सुरक्षा परियोजनाओं को गति भी मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार जल्द ही लोंगेवाला क्षेत्र में आधुनिक निगरानी उपकरणों की स्थापना करेगी। पूर्व सैनिक संगठनों ने भी मांग की है कि इस दौरे के दौरान उनकी लंबित मांगों पर तत्काल ध्यान दिया जाए।